इतना तो बनता ही है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ, आप कल बच्चों के साथ  क्यों सोई  थी ?  क्यों… क्या मैं बच्चों के साथ नहीं सो सकती?  सो सकती हैं पर वो बाबूजी रात में अकेले रहे । मैं तो केवल ये कह रही थी कि अंश को बाबूजी के पास भेज देती या  आप दोनों पोतों के साथ रहना चाहती थी तो … Read more

अचूक फार्मूला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

शिनी , मोनू सब आ जाओ डाइनिंग टेबल पर खाना लग गया है शिनी जरा अपने पापा को भी आवाज दे दो लैपटॉप में व्यस्त होंगे प्रीति ने जोर से आवाज लगा सबको बुलाया लेकिन कोई टस से मस ही नहीं हुआ। छुट्टी का दिन तो जैसे और भी लंबा हो जाता है प्रीति के … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

*हिचक* – बालेश्वर गुप्ता           देखो लोकेश मुझे बिल्कुल पसंद नही कि तुम इस प्रकार आवारा गर्दी करते फिरो।अच्छा बड़ा कारोबार है हमारा,उसका अनुभव लो।और हाँ अपने स्तर के लोगो मे बैठा करो।        पर पापा मैंने किया क्या है?राजू मेरा मित्र है,गरीब जरूर है,पर बहुत ही इंटेलिजेंट है।वह अपनी बस्ती में गरीब बच्चों को पढ़ाता … Read more

दादाजी का नाटक – इंदु निगम : Moral Stories in Hindi

ग्राम सहारा में रहने वाले दीनदयाल चौधरी, जिन्हें सभी प्रेम से  दादाजी; कहते थे, गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति थे। उनकी उम्र अस्सी के करीब थी, लेकिन वे आज भी चुस्त-दुरुस्त और हँसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्होंने जीवनभर खेती-बाड़ी की, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दिए, और समाज सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे। … Read more

बुजुर्ग की अनकही चाह – संजय निगम : Moral Stories in Hindi

रामदीन काका एक छोटे से गाँव में रहते थे। उम्र का असर उन पर साफ़ झलकता था – सफेद बाल, झुकी हुई कमर और चलते समय लाठी का सहारा। उनके तीन बेटे थे – सुनील, विनोद, और मनीष, जो अब शहरों में बस चुके थे और अपनी-अपनी नौकरियों और परिवार में व्यस्त थे। रामदीन काका … Read more

किस्मत वाली बहू – रोनिता कुंडू : Moral Stories in Hindi

क्या बात है मां? कुछ कहना था? राज ने खाना खाते हुए अपनी मां प्रभा जी से कहा।  प्रभा जी:   हां वह पूछना था कि आज भिंडी कैसी बनी है?  राज:  हां अच्छी बनी है।  प्रभा जी: वह तो बननी ही थी, भिंडी के काटने के तरीके पर ही उसका स्वाद निर्भर करता है, … Read more

किस्मत या कर्मफल – आशा झा सखी : Moral Stories in Hindi

आज मानवी अपना सारा गृहकार्य समाप्त कर पढ़ने के लिए बैठी, सासु माँ ने आवाज लगा दी। अरे मानवी चाची जी आयी है। जरा दो कप चाय तो बना दो। मानवी ने झुंझलाकर अपनी किताब बन्द की और पहले आकर चाची सास के चरण स्पर्श कर उनका आशीष लिया और हालचाल लिए। फिर चाय – … Read more

कभी- कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

विमला जी (६० बर्ष) अपने बेटी को बहुत बहुत ज्यादा मानती थी | हर बात पे मेरी बेटी ,मेरी बेटी करती रहती थी | विमला जी के पति राजेश जी, बहुत  समझदार और सुलझे हुए बुद्धि विचार वाले व्यक्ति थे | उन्ही के कारण उनके परिवार में  सब  हसी खुशी चल रहा था | उनका … Read more

ताली एक हाथ से नहीं बजती – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

नीता का आज बैंक में सिर भारी-भारी था,इस कारण अपने शाखा प्रबंधक को कहकर घर आ गई। घर आते ही थर्मामीटर लगाकर देखा तो सौ से ऊपर बुखार था।दो दिन से मेड भी नहीं आ रही थी।हिम्मत न होते हुए  भी उसने चाय बनाई और दो ब्रेड लेकर दवा खाने बैठ गई। किसी तरह दवा … Read more

“दूसरा सूरज” -: Moral Stories in Hindi

किरण देवी अपने जीवनसाथी की मृत्यु के बाद गहरे अकेलेपन में जी रही थीं। उनका बेटा और बहू विदेश में थे और अपनी व्यस्त जिंदगी में उलझे हुए थे। उन्होंने किरण को इस वृद्धाश्रम में रहने के लिए कहा ताकि वह अपने हमउम्र लोगों के साथ समय बिता सकें। यह वृद्धाश्रम अन्य वृद्धाश्रमों से अलग … Read more

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