“मां मुझे भी दीपावली मनानी है” – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

दीपावली आने में अभी 4 दिन शेष थे और इसकी तैयारी चारों तरफ जोर-शोर से चल रही थी । कहीं किसी के घर की रंगाई तो किसी के घर मिठाइयां बन रही थी— किसी की सफाई बची थी तो वह धनतेरस के दिन तक सारी सफाई को खत्म कर देना चाहते थे ताकि धनतेरस के … Read more

माँ का त्याग – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” डाॅक्टर साहब-डाॅक्टर- साहब … जल्दी से चलकर मेरी माँ को देखिये…उन्हें साँस लेने में तकलीफ़ हो रही है और…।”कहते हुए चाँदनी डाॅक्टर प्रमोद के चेम्बर में घुसने लगी तो वहाँ बैठा चपरासी उसे रोकते हुए बोला,” अरे..अरे.., कहाँ घुसी चली आ रही हो..देख नहीं रही कि कितनी भीड़ है..चलो लाइन में…।”   ” देख नहीं … Read more

झिलमिला उठे खुशियों के दीप – श्वेता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“भाइयों और बहनों, आज रात बारह बजे से संपूर्ण देश में संपूर्ण लॉक डाउन होने जा रहा है | आज रात बारह बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जा रही है |” देश के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संबोधन के साथ ही पूरे देश में लॉक डाउन … Read more

खून के आंसू रोना – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

तुम्हारे बेटे को अगवा कर लिया गया है एक करोड़ रूपए की फिरौती दो नहीं तो बेटे की लाश मिलेगी और पुलिस को खबर करने की जरूरत नहीं है , नहीं तो तुम्हारा बेटा बचेगा नहीं। जबसे ऐसा फोन आया है आया है सरोज अजय की मां रो रोकर अचेत हुई जा रही है और … Read more

पुत्र मोह – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

एक दिन एक बीमार सी दिखने वाली बुजुर्ग महिला डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने पूछा क्या तकलीफ है। वो औरत बोली मुझे कोई तकलीफ नहीं है बस मुझे भूलने की दवा चाहिए। मेरा बेटा मुझे छोड़ कर कमाने के लिए कोटा चला गया है, उसकी बहुत याद आती हैं। पहले कभी कभी घर आता … Read more

खुशियों के दीप – डाॅक्टर संजु झा  : Moral Stories in Hindi

नीरजा का वर्षों पुराना सपना आज सच होने जा रहा है।हर्षातिरेक से नीरजा के पाँव जमीं पर नहीं पड़ रहे हैं।उसके जीवन  में खुशियों के दीप जगमगा उठे हैं।उसके बेटा-बहू गृहप्रवेश की पूजा पर बैठे हैं।पंडितजी की मंत्रोच्चार की ध्वनि वातावरण में पवित्रता का एहसास करा रही है।एक आम आदमी के लिए अपने घर का … Read more

नए रिश्तो के लिए पुराने रिश्तों की बलि नहीं दी जाती – रिद्धिमा पटेल  : Moral Stories in Hindi

विनीत अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह बचपन से ही बेहद होनहार और मेधावी छात्र रहा था। विनीत के हर एक काम में उसके माता-पिता का साथ होता, और उसकी हर सफलता पर वे खुद को बेहद भाग्यशाली मानते। विनीत का सपना था कि वह अपनी उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाए, और इस … Read more

पुरुषों में गलतफहमी आखिर क्यों – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दुकान का शटर लगाकर मैं बाबूजी के साथ घर की तरफ चल पड़ा रास्ते में बाबूजी बता रहे थे नेकराम अब किराने की दुकान में बिल्कुल भी कमाई नहीं रही दुकान का अधिक किराया और ग्राहकों कि उधारी ने सारी दुकान चौपट कर दी है तेरी शादी का कर्ज अभी कुछ शेष रह गया है … Read more

हमें इंतज़ार कितना ये हम नही जानते – कंचन सिंह चौहान  : Moral Stories in Hindi

खाना जल्दी से बना के रख देना है। वर्ना किचेन में ही आ के बैठ जायेगा। और एक बार बात शुरू होगी तो खतम ही नही होगी। फिर दीदी गुस्सा होंगी। किचेन में ही बैठकी जम जाती है तुम्हारी। वो खाना बना कर बाहर बराम्दे मे ऐसी जगह बैठी है, जहाँ से सड़क के मोड़ … Read more

लेकिन मैं अम्मा जी नहीं बनना चाहती – गीतु महाजन : Moral Stories in Hindi

सुमन जी और उनके पति शैलेंद्र जी अपनी नई बहू के साथ एक नये दौर की शुरुआत कर रहे थे। बहू के घर में कदम रखते ही एक अलग सी रौनक आ गई थी, एक नई उमंग, नई ऊर्जा। पहले दिन जब बहू ने पहली बार उनके लिए खाना बनाया, तो सुमन जी ने देखा … Read more

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