‘दुरुपयोग’ – ‘देवकृष्ण गुप्ता’ : Moral Stories in Hindi

ऐ शिल्पा… और एक जोरदार सीटी की आवाज! जिसे सुनकर शिल्पा तो क्या आस-पास के दूसरे बच्चे भी मुड़कर देखने लगे। शिल्पा घबराकर प्लेग्राउंड से क्लास की तरफ फौरन निकल जाती है। अभी प्रेयर को कंप्लीट हुए 10 मिनट भी नहीं हुए थे कि अचानक ये सब! पर पता नहीं क्यों सब लोगों ने नजरअंदाज … Read more

*प्यार में फरारी** – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi

नीता अपने पति के साथ हमीमुन मनाने हिल स्टेशन पर अपने पती के साथ जा रही थी।उसकी अभी नई नई शादी हुई थी।उसका पति बिमल एक कंपनी में इंजिनियर था।उसका विवाह दोनो परिवार की रजामंदी से पूरी सामाजिक रीति रिवाज है हुई थी। नीतू बहुत खुश थी वो जिससे प्यार करती थी उसी के साथ … Read more

माँ की आलमारी – प्रीति आनंद : Moral Stories in Hindi

माँ को गए आज छह महीने हो गए। पल-पल उनके याद में आँखें नम हो जाती थीं। जैसे कोई दुःख का बादल ठहर-सा गया था…. मेरे दिल पर। आज मैंने पहली बार उनकी अलमारी खोली है। न जाने कितने तरह का समान सलीक़े से लगा हुआ है। साड़ी-ब्लाउज़ के सैट बना कर कितने हिसाब से … Read more

दो बेटियों की माँ – प्रीति आनंद : Moral Stories in Hindi

नन्ही-मुन्नी माही को अपनी दीदी नेहा के पीछे भागते देख आज राधा के दिल को बड़ा सुकून मिल रहा था। इसी वर्ष मकर संक्रांति की ही तो बात थी जब नेहा ने अचानक उससे कहा था, “माँ, थोड़ा तिल गजक उन्हें भी दे दें जो सड़कों पर रहते हैं?” “किसकी बात कर रही हो, नेहा?” … Read more

शादी की है… ना कि किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” बहू.. तुमने तो नाक कटवा दी मेरी… अरे आठ दस जनों का खाना भी ढंग से तुमसे ना हो पाया। अब घर जाकर देखना वो लोग कितनी बातें बनाएंगे…. उनके यहां जब हम सब खाने पर गए थे तो उनकी बहू ने पंद्रह जनों को खाना खिलाया था और वो भी इतने सलीके से … Read more

बहू तुम ये सब क्या कर रही हो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ अरे अरे बीबी जी ये आप क्या कर रही हो….अभी अम्मा जी देख लेती आपको ऐसे तो समझो मेरी शामत ही आई थी…!” कमली राशि को झाड़ू पकड़ जाले साफ करते देख बोली “ कुछ नहीं होगा तू बाकी काम निपटा ये मैं फटाफट कर दूँगी फिर तू झाड़ू पोंछा कर लेना।” कहते हुए … Read more

एक पुरवैया.. मायके की…. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

हर औरत में वो कितनी भी बड़ी हो जाये एक बच्ची जिन्दा रहती हैं। जो अपने मायके के घर आँगन में आ अपना बचपना खोजती हैं… पिता का प्यार ढूढ़ती हैंमाँ की डांट और भाई की छेड़खानी। प्यार सब करते पर अंदाज जुदा-जुदा हैं। ऐसे ही इस बार जब जुही आई तो घर के हर … Read more

“बहु भी तो किसी की बेटी ही है” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

बहू आज  दोपहर के खाने में राजमा चावल , भरवा बैंगन और , खीरे का रायता बना लेना और मीठे में खीर हो जाएगी, दूध तुम्हारे ससुर जी से मैंने मंगा लिया था वो फ्रिज में रखा है। उसमें उबाल लगा लो और खीर के लिए चावल भी भिगो दो। क्यों मम्मी जी आज कोई … Read more

अपनों का साथ – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मेरे दादा जी रेलवे में मेल गार्ड के पद पर कार्यरत थे । उनकी चार लड़कियाँ और चार लड़के थे । वे हमेशा ड्यूटी पर होते थे पर पीछे से पूरे परिवार की देखभाल मेरी दादी कौशल्या जी ही करती थी । दादी हमेशा दादा जी से कहती थी कि आपके रिटायर होने से पहले … Read more

*”दामिनी का दम”* (भाग-34) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

कोठी के बाहर कालीचरण के सैकड़ों हथियार बंद गुंडे दामिनी की हत्या की की मंशा से कोठी पर गोलियां बरसा रहे थे ।लेकिन दामिनी राजेश और उनके जवान अपनी जान की बाजी लगाए हुए उनका मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे ।एक एक कर कालीचरण के गुंडे धाराशाई हो रहे थे। अपनी हार होते देख … Read more

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