नजरंदाज – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

सुरुचि का मन इस समय बहुत विचलित है। रोज शाम को वह अपने बेटे सोनू का इंतजार करती है, लेकिन वह आता है, अपनी माँ को एक हल्की मुस्कान देकर, सीधे अपने कमरे में चला जाता है। सुरुचि को महसूस होता है कि सोनू का ध्यान अब पूरी तरह से उसकी पत्नी की ओर ही … Read more

सच्चे रिश्ते प्यार, सम्मान और समझ पर टिके होते हैं – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

  आज नीता की शादी थी। नीता ने जब से अपनी दुल्हन की जोड़ी पहनी थी, तब से उसके चेहरे पर चमक और मुस्कान थी, लेकिन मन में कुछ हल्का सा डर भी था, जो हर दुल्हन के मन में होता है—अपने मायके से विदा होने का, एक नये घर में कदम रखने का। नीता के … Read more

बदलाव – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

सुजाता जी अपने पोते-पोतियों का ख्याल रखते हुए पूरे दिन भाग-दौड़ में लगी रहती हैं। जब से उनके बेटे ने काम छोड़ दिया और बहू ने नौकरी शुरू की, सुजाता जी का पूरा दिन बच्चों के आसपास घूमते हुए ही बीतता है। सुबह से लेकर शाम तक वह बच्चों को तैयार करना, स्कूल भेजना, उनके … Read more

अब मैं अपने ससुराल को दिल से अपना बनाऊंगी – निरंजन धुलेकर : Moral Stories in Hindi

शादी के लगभग डेढ़ साल बाद, सुमन जी की बहू, दिव्या, अपने मायके से लगातार फोन पर बात करती रहती थी। दिन में कई बार उसकी मायके से बातचीत होती। फोन कॉल्स के दौरान वह अपनी मां और घर के अन्य सदस्यों से अपने ससुराल के हर पहलू के बारे में बताती, जैसे ससुराल का … Read more

कूड़े वाली अम्मा – नेकराम : Moral Stories in Hindi

सुनो जी … मैं रोज तुमसे कह कहकर थक चुकी हूं दीपावली धीरे-धीरे नजदीक आ रही है मोहल्ले में सभी के घरों की साफ सफाई का काम शुरू हो चुका है पंखों में कितनी धूल जमी हुई है खिड़कियां भी कितनी मैली हो चुकी है पत्नी की बात सुनकर मैं चुप कैसे रह सकता था … Read more

दुःखों से निकलने की होड़ – कंचन सिंह चौहान : Moral Stories in Hindi

हाल चाल लेने की जनरल कॉल करती हूँ, तो उसकी आवाज़ थोड़ी डल लगती है। “क्या हाल है?” “ठीक है।” ” क्या हुआ बड़ा शोर है?” “हम्म्म.. वो यहाँ आया था ना ! नीरा दी के घर” “ओके ओके…नीरा ठीक है ?” ” अरे वो मौसी….. वो… नीरा दीदी के ससुर एक्सपायर कर गये।” “क्या … Read more

पीढ़ियों का फ़ासला – करुणा मलिक  : Moral Stories in Hindi

अरे स्वाति! उठो , आज तो बहुत देर कर दी तुमने । मम्मी भी दरवाज़ा खटखटा कर गई है अभी ।  प्लीज़ राघव , पेट में बहुत तेज दर्द है मंथली प्रोब्लम के कारण ।आप ज़रा मम्मी जी को बता देना । एक टेबलेट खा लेती हूँ अभी , नाश्ते के टाइम तक उठ जाऊँगी … Read more

रिश्तो मे पैबंद जरूरी है – मीनाक्षी सिंह  : Moral Stories in Hindi

सुरभि की आज ससुराल में पहली रसोई थी, और वह बेहद घबराई हुई थी। रसोई में उसके चारों ओर सब कुछ नया था: बर्तनों की चमक, मसालों की खुशबू, और सबसे बढ़कर, एक अलग तरह की जिम्मेदारी का अहसास। उसके सामने रोटियों का आटा तैयार रखा था, और वह मंत्रमुग्ध सी खड़ी थी। मन ही … Read more

आखिर घुटन भरे रिश्ते से आजादी मिल ही गई – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अपराध बोध ग्रसित मन विचलित हो गया था। संदेह की काली छाया ने सब कुछ अपने आंचल में समेट लिया था। सिसक सिसक कर रोने के सिवाय अब कुछ नही बचा था। राव्या तकिए को आसुओं में भिगोती हुई पछता रही थी। कितनी खूबसूरत जोड़ी थी । आन्या और प्रवेश की। दोनो में एक दूजे … Read more

खुशियों भरी दीपावली – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

जब से ससुर जी रिटायर हुए थे घर गृहस्थी  का बोझ अलका और सुरेश पर ही आ चुका था। आम मध्यमवर्गीय परिवार में मुश्किल से चार जनों का खर्चा अलका और सुरेश दोनों की कमाई से चल पाता था, वहां बाबूजी और अम्मा दोनों की दवाइयां, राशन, पानी, दूध, फल सब्जी सभी का खर्चा जुड़ … Read more

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