अपनों का साथ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” माँ… माँ ” जल्दी से कुछ खाने को दो बहुत भूख लगी है ” रिया ने कॉलेज से आते ही कहा ! “बस बेटा 2 मिनट रुको मैं लाती हूँ। सुबह टिफिन ले जाने को इसी लिए तो बोला था मैने । ” रिया की माँ ऋतु ने कहा “क्या माँ आते ही लेक्चर … Read more

सिर्फ बहू से ही बेटी बनने की उम्मीद क्यूं की जाती हैं दामाद भी बेटा बन सकता हैं। – अराधना सेन : Moral Stories in Hindi

क्या बात हो गई आज भी नही आओगे क्या घर जमाई बनने का इरादा हैं क्या सासु माँ अलोक जी से फोन पर जोर जोर से बोल रही थी ताकी आवाज सीमा तक पहुंचे,सीमा खाना बनाने मे मगन थी मन मे चिंता तो हैं लेकिन घर की इतनी जिम्मेदारी हैं की कुछ भी सोचने का … Read more

तुझसे ही तो मेरा घर रोशन है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

विद्या देवी आरती का थाल सजाकर अपनी बहू शांति से बोली” ले बहू अपनी बहू  बेटे का आरती  करके उनका स्वागत कर कितनी परीक्षा के बाद आज यह घड़ी आई है”सास की बात सुनकर शांति की आंखों से टप टप आंसू बहने लगे थे उसके पति शेखर उसका और उसके दो देवर आकाश और अनुज … Read more

सूर्यास्त के बाद – डॉ पुष्पा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सब कुछ स्वप्नवत् सम्पन्न हुआ लगा था। श्रृंगार करती सखियों का परिहास, चारों ओर बिखरा उल्लास, उसे छू भी न सका था। शायद पंडित जी ने उसकी पुकार लगाई थी …………………. ”कन्या को विवाह. मंडप में लाइए यजमान …………….“ निर्वाक् बैठी अमृता को अमिता ने चैतन्य किया था- ”क्या बात है यार, ये नक्शे किसको … Read more

सिर्फ बहु से बेटी बनने कि उम्मीद क्यों??? – कृति : Moral Stories in Hindi

आज निशा का आखिरी दिन था उसके ससुराल में। वैसे तो कई सारी यादें हैं जो उसके जीने के लिए काफ़ी थे मगर ये यादें सिर्फ उसके लिए थे क्यूंकी, सागर को तो फर्क ही नहीं पड़ता था कि वो घर में है भी या नहीं। उसको सिर्फ मतलब था तो सिर्फ इतना को उसका … Read more

सिर्फ बहू से बेटी बनने की उम्मीद क्यों? – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“लो बहूरानी संभालो अपना राजपाट! ,और मुझे छुट्टी दो इस जंजाल आज से  इस घर की मालकिन तुम!” मुझे तो तुम्हारा ही इंतज़ार था कि कब आओ और इस घर गृहस्थी के झंझट से निजात पाकर मैं भी सुकून की सांस ले सकूं! भगवान ने हमें बेटी नहीं दी पर आज तुम्हारे आने से हमारे … Read more

सासु माँ, आप मुझमें और जेठानी जी में फर्क करती हैं… – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” हाय राम….. ये पैरों में ना जाने इतना दर्द क्यों हो रहा है?? अब तो दवा भी असर नहीं करती…. ।,, अपने पैरों को मसलते हुए दमयन्ती जी दर्द से कराह रही थी… । छोटी बहू बबिता को वैसे तो अपनी सास की कराह सुन रही थी लेकिन वो रसोई में बर्तनों को थोड़ा … Read more

बड़ा बेटा – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“माँ,आज फिर आपने आशु भैया को खाने पर बुला लिया, कब समझोगी आप “। रिया फिर गुस्सा हो गई। “बेटे उसकी तबियत ठीक नहीं हैं, तो वो भी यहीं खा लेगा। बाहर का खाना उसको नुकसान करेगा”. ऊषा ने बेटी को समझाया। “पर आपकी तबियत भी ठीक नहीं, ऊपर से आप आशु भैया के रूममेट … Read more

आवारागर्दी – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi

राखी बहुत गुस्से में थी ।वो लगातार अपने दोस्त महेश को डांटते जा रही थी। सुधर जाओ वरना एक दिन बहुत पछताओगे। महेश ने ढिठाई से हंसते हुए कहा_ अरे यार क्यों अपना खून जला रही हो ।मैं बिगड़ा ही कब था जो सुधर जाऊं। तो ठीक है तो जाओ जो मर्जी हो करो मगर … Read more

रिश्तो में समझदारी – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

जैसेही रवि ऑफिस से घर आया ,  वह समझ गया आज फिर घर में कुछ हुआ है।  हुआ क्या होगा संध्या ने फिर कुछ उल्टा सीधा कह दिया होगा माँ को और शिखा को,  पिछले 1 साल से यही सब तो चल रहा है इस घर में। उसने देखा  बरामदे मेंबैठा उसकी बहन का 6 … Read more

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