भाभी का पहला जन्मदिन – अंजना गर्ग : Moral Stories in Hindi

“अनु ,  भाई आ गया क्या?”  मोहिनी ने अपनी बेटी अनु से पूछा। “हां, आ गया मम्मी, पर नीचे से ही भाभी को लेकर चला गया। कह रहा था, मम्मी को बोल देना ,थोड़ी देर में आते हैं।” अनु ने मोहनी को बताया। “देख  अन्नू तेरी भाभी दीपाली के काम। रात को आठ बजे मनीष … Read more

दिखावा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

स्नेहा के पति का नये शहर में तबादला हुआ था।अपने आस-पड़ोस से वह बिल्कुल अनजान थी।उसके पति के ऑफ़िस के ही एक सहकर्मी आनंद कुमार का परिवार उसके मुहल्ले में ही रहता था।उसी की पत्नी अनिता के साथ वह उठती-बैठती थी।उसका मन भी लग जाता और आस-पड़ोस की जानकारी भी उसे मिल जाती थी।         एक … Read more

अपनों का साथ – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

क्या नमन अब सो भी जो 1:00 बजने वाला है। सुबह ऑफिस नहीं जाना है क्या? लाइट बंद करो मुझे सोना है। मोबाइल एक तरफ रखो क्या इतनी देर तक मोबाइल चलाते रहते हो। हां हां बस अभी थोड़ी देर में बंद करता हूं लाइट भी, सीमा झुंझला कर आंखों पर चादर रखकर सो जाती … Read more

अपनों का साथ और आशीर्वाद – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“मैम, मेरी मम्मा आपसे मिलना चाहती हैं।” “हाँ-हाँ मिलवाओ। मैं भी उनसे मिलने के लिए बहुत उत्सुक हूँ।” “अभी तो कोई अर्जेंट काम के कारण उन्हें फंक्शन से जाना पड़ा है लेकिन उन्होंने कहा है कि वह कल कॉलेज में आपसे मिलने आएगी।” “ठीक है। कल 11से 12 बजे तक मैं फ्री हूँ।” “ओके मैम। … Read more

*एक नजरिया यह भी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    सुनो,मनोज बेटा देखो कुछ मजदूर नेता मजदूरों को भड़का रहे हैं,तुम मजदूरों से बात करके,उन्हें हड़ताल करने से रोकने का प्रयास करो।तुम्हे मेरी ओर से फ्री हैंड है।बस हड़ताल नही होनी चाहिये।       मैं पूरी कोशिश करता हूँ बाबूजी।          मनोज के पिता स्वयं मजदूर थे,इस कारण उसे मजदूरों के मनोविज्ञान की जानकारी थी,साथ ही उसके मजदूर … Read more

अपनों का साथ कितना ज़रूरी – निशा  जैन : Moral Stories in Hindi

प्रकाश और मुकेश दोनो भाई के स्वभाव में बहुत अंतर था। प्रकाश जहां दिखावे में रहना पसंद करता वहीं मुकेश सादा जीवन उच्च विचार वाला व्यक्ति था। प्रकाश रिश्ते नाते में विश्वास नहीं करता और अपने उग्र स्वभाव के चलते सबसे दूरियां बना लेता था वहीं मुकेश के मधुर स्वभाव से लोग उसके करीब आना … Read more

हम तो बेटी बनाकर लाएँ है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

समधिन जी , आप क्यों इतना रो रही है? जब चाहें बुला लिया करना मानवी को या खुद चली आया करना , दूर ही कितना है , एक- डेढ़ घंटा बस ……देखना , कैसे बेटी बनाकर रखेंगे हम ।  मानवी के कानों में अक्सर विदाई के समय कहे गए अपनी सास अंजू के स्वर गूँजते … Read more

अपनों का साथ – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 आज पेरेंट्स टीचर मीटिंग में फिर हमारी यानि मैं काव्या कुहू की मम्मी और नमन के पापा संजय की फिर से मुलाकात हो गई.. पिछले रविवार को भी मैं काव्या को लेकर मॉल गई थी… गेम जोन ले जाने का प्रॉमिस पूरा करने और संजय भी नमन के साथ वहीं मिल गए… मैने एक चीज … Read more

आखिरी निर्णय – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाई कैसे हो , ठीक हूं और तू बता कैसा चल रहा है तू तो बेटे के पास गई थी न कब आई वहां से । हां भइया मैं आ गई वापस और आज एक निर्णय लिया है कैसा निर्णय ,यही कि अब मैं अपने घर पर रहूंगी ।घर पर रहोगी अकेले कैसे ? अकेले … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

बाबुल की गलियां – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ बहुत प्यार करती थी नेहा अपने भैया – भाभी से। उनका जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह, हमेशा हाज़िर हो जाती थी। इस बार मायके पहुँची ही थी कि भाभी के मुँह से अपना नाम सुन यकायक रुक गई। भाभी बोल रहीं थीं, “न जाने नेहा किस मिट्टी … Read more

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