नीलांजना ( भाग-1 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…अभिनव दत्ता ने कार को पार्क के पास रोका… उतरकर दरवाजे को धक्का दे… मोबाइल हाथ में लेकर फटाफट में दो-चार मैसेजेस किए… फोन पर तुरंत ही रिप्लाई आ गया… वह एक दिशा में आगे बढ़ गया… बेंच पर नागार्जुन राय बैठे दूर से ही नजर आ रहे थे… दत्ता बेंच की तरफ बढ़ा… नागार्जुन … Read more

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आत्मसम्मान की परिभाषा – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

सुमन जी की बूढ़ी आँखों में आँसुओं का सैलाब उमड़ने को था, पर उन्होंने अपने आप को रोक लिया।  उनके बेटे, विशाल और बहू, काव्या, जो कभी उनकी आँखों के तारे थे, अब उनके जीवन का सबसे बड़ा दर्द बन चुके थे।  सुमन जी का जीवन पहले कितना सरल था, जब उनके पति जीवित थे। … Read more

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अखंड सौभाग्यवती रहो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 पति नारायण और पत्नी पदमा। दोनों सरल हृदय, निस्वार्थी, परोपकारी और मधुर व्यवहारवाले थे।उनका इकलौता पुत्र राघव बिल्कुल उन्ही पर गया था।   नारायण और पदमा दोनों को जब भी मौका मिलता, दूसरों की मदद करते, कभी गरीबों को भोजन करवाते कभी गरीब लड़कियों के विवाह में सहायता करते तो कभी किसी को मुफ्त में दवाइयां … Read more

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Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

भरोसा – बेला  अमेरिका से पियूष अपनी माँ को वृद्धाश्रम में से वापिस अमेरिका ले जाने आया था, बेटे की बात पर भरोसा कर वह जाने के लिए तैयार हो गई, तभी पियूष ने अपनी बैग में से कुछ प्रॉपर्टी के पेपर्स निकाले और बातों बातों में माँ से पेपर्स पर दस्तख़त करवा लिए। सुबह … Read more

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विपत्ति में साथ देना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

समधी जी आप शादी मत तोडना मैं बहुत बड़ी मुसीबत  फंस गया हूं।बारात वापस चली गई तो बेटी की बहुत बदनामी हो जाएगी ।मैं धीरे धीरे सब भरपाई कर दूंगा विनोद जी ने समधी सुभाष जी के पांव पकड़ लिए । अरे अरे विनोद जी ये आप क्या कह रहे हैं सबकुछ ठीक तो है … Read more

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भोज – अमोघ अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“श्राद्ध ख़त्म होने वाले हैं, नवरात्रि लगने वाली है।” खुद से ही बात करती बूढ़ी गंगूबाई बिस्तर पर बैठ कर बड़बड़ा रही थी। तभी पोती पीहू आकर गंगूबाई के पास आकर बैठ गई। बोली “दादी क्या हुआ?” “कुछ नहीं, जाकर अपनी मां को बुला ला।” पीहू दौड़कर पुष्पा को बुला लाई। “अरी ओ पुष्पा, कुछ … Read more

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स्वयंसिद्धा – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

विवाह की रौनक पूरे घर से छलकी पड़ रही थी। पूरा घर रिश्तेदारों से भरा पड़ा था। उत्सव का सा वातावरण हो आया था। वंदिता जी का उत्साह तो देखते ही बन रहा था, उनकी इकलौती बिटिया दुल्हन बनने जा रही थी। इस दिन को देखने के लिए उनके नयन न जाने कब से तरसे … Read more

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सिर्फ बहू से बेटी बनने की उम्मीद क्यों??? – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” कैसी हो मां ? ,, कावेरी ने फोन पर अपनी मां सरिता जी से पूछा । ” ठीक हूं बेटा । ,, बुझे स्वर में सरिता जी बोलीं । ” क्या हुआ मां ,आप कुछ परेशान लग रही हैं , घर पर सब ठीक है ना , भाई भाभी, पापा। सब ठीक हैं ना … Read more

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तुम ऐसे तो ना थे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घड़ी की सुइयों के साथ साथ आज अवन्ति के हाथ भी जल्दी जल्दी काम कर रहे थे ।काम ख़त्म कर घर से निकलते हुए अपनी माँ से बोली ,”मैंने सब कुछ तैयार कर दिया है , तुम और पापा वक़्त पर खाना खा लेना और दवाइयाँ भी याद से ले लेना।” तभी माँ ने आवाज़ … Read more

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पराये धन की रौनक… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

बेटियां तो पराया धन होती हैं… हर लड़की ये सुनते सुनते बड़ी हो जाती हैं और एक दिन पराया धन बन चली जाती दूसरे की तिजोरी में…..उनलोगो ने संभाल कर रखा तो अहो भाग्य… और नहीं संभाला तो हतभाग्य … पर क्या किसी के जिगर का टुकड़ा पराया धन हो सकता  हैं …                          ना … Read more

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