कुटील चाल (भाग-11) – अविनाश स आठल्ये : Moral stories in hindi
अनुराधा बार-बार घड़ी देख रही थी, ऑफिस टाइम ख़तम होने के इंतजार में, आज उसे पहली बार लग रहा था, कि वक़्त कितना धीरे धीरे चल रहा है, जैसे ही शाम के 6 बजे उसने कुमार सर की तरफ देखा, जो कि अभी भी किसी फाइल में खोए हुए थे, उसने खीझते हुए कहा, सर … Read more