आखिर कब तक – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

विपुल जी एवं विभा जी अपने दोनों बच्चों के साथ दिल्ली में तीन बेडरूम फ्लैट में रहते थे। बच्चे क्रमशः बेटा मितेश बारह वर्षीय एवं दस वर्षीय बेटी मिताली । दोनों ही बच्चे स्कूल में सातवीं  एवं पांचवीं कक्षा में  पढ़ रहे थे। आज की इस महंगाई के जमाने में उच्चमध्यवर्गीय परिवार के सामने दोहरी … Read more

घर_वापसी – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

अवधेश बाबू और निर्मला जी पुत्र उदित के साथ जब घर के द्वार पर पहुंचे तो बहू कनक सर पर पल्लू डाले आरती का थाल लिए उनके स्वागत को मुस्कुराती हुई खड़ी मिली। दोनों की आरती करने के पश्चात कनक ने उनके पांव छूते हुए उन्हें आदर सहित अंदर बुलाकर बिठाया। शीघ्र ही उन दोनों … Read more

सीख – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      साधारण सी मध्यम वर्गीय संयुक्त परिवार में पली बढ़ी संयुक्ता ने मेहनत कर मेट्रोसिटी के नामीगामी कंपनी में अपनी जगह बना ली थी । और स्वतंत्र विचारों वाले एक संपन्न परिवार में निखिल से संयुक्ता की शादी भी हो गई थी ।       शादी के पहले वर्षगांठ पर सास ससुर ने संयुक्ता के मम्मी पापा को … Read more

*निःशब्द रिश्ते* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 भाई रमेश तुमने नोट किया,जबसे माँ बीमार पड़ी है, तब से नयना ने यहां जल्दी जल्दी आना शुरू कर दिया है।         बस सुरेश तुमने कह दिया जबकि मेरे मन मे ये बात पहले से ही थी।         माँ के तो अब चला चली के दिन है,ये घर और प्लाट पिता छोड़ कर गये हैं।नयना कहीं हिस्से … Read more

क्या समझौते सिर्फ पत्नियां करती है ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या बात है रिया आज ऑफिस आने में देर हो गई तुम्हे ?” रिया की सहेली प्रतीक्षा ने उससे पूछा। ” हां यार बस थोड़ी देर हो गई घर से निकलने में ये शादी नाम की घंटी गले में लटकाई है ना उसके कुछ तो साइड इफेक्ट्स होंगे ही !” रिया गुस्से में बोली। … Read more

बेटा, तूने घर-वापसी में बहुत देर कर दी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बेटा, सब कुछ रख तो लिया, कुछ छूट तो नहीं गया? गीता जी ने भारी मन से पूछा, और अपने आंसू छुपा लिए। हां, मम्मी सब कुछ रख लिया  है, आप फ्रिक मत कीजिए, फिर कोई सामान छूट भी गया तो, बाहर से नया खरीद लूंगा, वैसे भी हमारे शहर में इस शहर से अच्छी … Read more

घर वापसी – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

सुमित और समर बचपन से साथ-साथ बड़े हुए,,पढ़ लिखकर शहर के नामी गिरामी कालेज में लेक्चरार हो गए!  नौकरी मिल जाने पर दोनो ने एक छोटा सा टू बेडरुम का घर किराए पर ले लिया!खाना बनाने और घर की साफ-सफाई के लिए एक नौकरानी रख ली! दोनो दोस्त अपनी नौकरी और घर में मस्त रहते! … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

 अब कोई माफ़ी नहीं – विभा गुप्ता         ” यार माफ़ भी कर दो..अब ऐसा कभी नहीं होगा।तुम्हारी कस..।”       ” मत खाओ मेरी झूठी कसम!” विनीता लगभग चीखते हुए अपने पति विनय से बोली।            एक कांफ्रेंस में विनीता की मुलाकात विनय से हुई थी।कुछ महीनों बाद दोनों ने शादी कर ली।विवाह के दो महीने तक तो … Read more

घर वापसी – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

दिव्या पांच वर्ष की थी, जब उसे पता चला था कि उसकी दादी उसको छोड़कर भगवान के पास चली गई है। दादाजी का तो उसे याद ही नहीं था कि कब भगवान के पास चले गए थे? उसकी दादी गांव में रहती थी।जब भी वह दादी से छुट्टियों में मिलने जाती तो उसे ढेर सारा … Read more

शिक्षित होना ज़रूरी है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” दादी…कहानी छुनाओ(सुनाओ)…।” नन्हीं पीहू प्रभा जी के गले में अपनी बाँहें डालती हुई बोली तो उन्होंने उसके हाथों को हटाते हुए झिड़क दिया,” जा..अपनी पढ़ी-लिखी माँ से सुन..।” पीहू रोती हुई अपनी माँ के पास चली गई। उनके पति अंबिका बाबू वहीं खड़े थे, बोले,” प्रभा…उस बच्ची का दिल दुखाकर तुम्हें क्या मिला..एक कहानी … Read more

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