तुम आज भी मेरे मन में जिंदा हो! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

ट्रेन से उतरकर मैं बस पकड़ने के लिए ऑटो कर लिया था।  आज मैं अपने पुराने दिन को जीना चाहता था, उसी पुरानी वर्षों, पुरानी दिनों को ,,,जिनकी याद मुझे बहुत ही ज्यादा मीठी लग रही थी!  सामने बस स्टैंड था।  अनगिनत बसें खड़ी थीं। दलाल और बस कंडक्टर आकर जगह का नाम लेकर बुला … Read more

“विश्वास और भरोसा” – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

सुधा विद्यालय की सीनियर टीचर थी।सोशल पढ़ाते समय समाज और संस्कृति को जोड़ देती थी।बच्चों को सिलेबस की पढ़ाई के साथ-साथ,मानवीय मूल्यों की शिक्षा देना आज के वर्तमान परिपेक्ष्य में नितांत आवश्यक हो गया है। अलग-अलग प्रेरणादायक कहानियों, कविताओं व धार्मिक संस्करणों के माध्यम से,पढ़ाना सुधा को बहुत रोमांचित करता था।वैसे तो आजकल लोग अधिकतर … Read more

धन्यवाद भाभी ! आपने मेरा स्थान मायके में सहेज कर रखा…. – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रुपाली अपने बड़े भाई यश की शादी में जाने की तैयारियों में लगी हुई थी। पर खुशी के साथ साथ उसके मन में एक अजीब सा डर और असुरक्षा की भावना भी हिलोरें मार रही थी। बात ऐसी थी कि रुपाली की परवरिश एक संयुक्त परिवार के बीच रहकर हुई थी जिसमे उसके दादा दादी, … Read more

उम्मीदें… सही है.. – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या यार निशा.. जब भी मैं तुझसे मिलने तेरे ससुराल में आती हूं तू हमेशा ही घर के कामों में बिजी रहती है ऐसा लगता है कि तू घर की बहू नहीं कामवाली बाई है जो भी आता है तेरे ऊपर हुकुम छोड़ कर चला जाता है, कभी सास ससुर को गर्म चाय गरम खाना … Read more

भादों का भय – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

बड़ी मुश्किल से दो महीने ही हुए थे , निर्मला जी  (मां )को अपनी बेटियों के पास गए हुए।ससुर जी जब थे,साथ ही जातीं थीं बेटियों के पास,वो भी बहुत कम दिनों के लिए।ससुर जी की बरसी पर आई छोटी बेटी की बिटिया ने कहा था नानी से”हमारे साथ चल कर रहिए ना कुछ दिन … Read more

भाभी की सीख – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        ” ईशा..डाॅन्ट टच…।” निशा ने अपनी जेठानी की बेटी से कहा तो पास खड़ी उसकी ननद की बेटी अराध्या बोली,” मामी..हम तो बस देखेंगे..तोड़ेंगे थोड़े ही..।” सुनते ही निशा गरम हो गई, उसका हाथ झटककर तीखे स्वर में बोली,” तुम्हारी मम्मी ने सिखाया नहीं कि दूसरों की चीजों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।” दोनों बच्चियाँ … Read more

‘ पश्चाताप ‘ – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रोहित और रीना एयरपोर्ट से जैसे ही बाहर  निकले तो उन्हें कैब मिल गई।बिना देर किए दोनों कैब में बैठ गए।कैब बहुत तेजी से सड़क पर भाग रही थी और रोहित के कानों में रह-रहकर माँ के वो आखिरी शब्द गूँज रहे थे..बेटा तेरी बहुत याद आ रही है,हो सके तो एक बार आ जाना..!! … Read more

चिकना घड़ा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाभी जी मुझे खाना बनाना है ,तो बनाओ ना मैं बैठी हूं जो बनाओगी मैं भी खा लूंगी।प्रिया परेशान हो गई थी चम्पा भाभी से ।वो वक्त बेवक्त प्रिया के घर आकर बैठ जाती थी और फिर जाने का नाम नहीं लेती थी ।दो चार दिन की बात हो तो ठीक है लेकिन ये तो … Read more

आधी हकीकत-आधा फसाना – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘मैं उम्मीद करता हूँ, कि आपने मेरी चिट्ठी को पढ़कर, सोच समझ कर निर्णय लिया होगा, मैं चाहता था आपसे मिलकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दूं, मगर हमारे परिवार के लोगों की दकियानूसी सोच ने यह होने नहीं दिया। बहुत कोशीश की, बड़ी मुश्किल से आपकी माँ को पत्र लिखकर दे पाया। और उन्होंने जब … Read more

दूसरी माँ – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

पिंकी और उसके दो छोटे भाई बहन अभी इतने बड़े नहीं हुए थे कि अपने आप को अपनी मां के बिना संभाल पाते। पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। भगवान ने इन मासूम बच्चों से उनकी माता को अपने पास बुला लिया।             पिता ने छोटे बच्चों को पालने-पोसने के लिए दूसरी शादी कर … Read more

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