अभागन बनी सौभाग्यवती : गीता चौबे गूँज  : Moral Stories in Hindi

  ”अरे कुलक्षिणी! कहाँ मर गयी… कब से चाय माँग रही हूँ… पता नहीं कब यह मनहूस इस घर से जायगी! जन्म लेते ही माँ को खा गयी और महीने भर बाद बाप को…” आए दिन रूपा की चाची रूपा पर इस तरह के व्यंग्य-बाण बरसाती रहती।    रूपा को अपना असली नाम तो याद ही नहीं … Read more

औलाद हो तो ऐसी – पूजा शर्मा  : Moral Stories in Hindi

मोहिनी।कल गांव से मां और पिताजी आ रहे हैं हमारे पास कुछ दिन के लिए रहने,, इस बार मैं उन दोनों को वापस गांव जाने नहीं दूंगा पूरे 2 साल में आ रहे हैं  अपने बेटे के घर हम भी केवल चार-पांच दिन के लिए ही इस बीच में घर जा पाए हैं । कह … Read more

मुझे माफ़ कर दो – समिता बड़ियाल  : Moral Stories in Hindi

माँ, मैं और अविनाश आ रहें हैं आज आपके पास, हनीमून से वापिस आई रोहिणी चहकती हुई अपनी माँ से बोली |मगर दूसरी तरफ़ से सिर्फ ठीक है सुनकर उसका उत्साह थोड़ा कम पड़ गया | शादी के बाद पहली बार वो अपने पति के साथ मायके आ रही थी , लेकिन उसकी माँ को … Read more

सौभाग्यवती बनी रहो – अर्चना खंडेलवाल  : Moral Stories in Hindi

“मम्मी, मुझसे ये रोज-रोज साड़ी नहीं बंधती है, पर मम्मी जी की जिद है कि जब तक दादी जी गांव नहीं चली जाती, मुझे साड़ी पहननी है, ये भी कोई बात हुई, मम्मी जी भी ना कितने पुराने विचारों की है, मुझे तो लगा था कि मुझे मॉर्डन सास मिली है, नव्या शिकायती लहजे में … Read more

अखंड सौभाग्यवती भव… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

मीरा ने अपना बचपन नानी की गोद और ममहर की गलियों में ही बिताया था…  पापा के गुजर जाने के बाद… मां नन्ही मीरा को लेकर अपने मायके ही आ गई थी…  उसके बाद से मीरा के लिए वही घर अपना घर… बस वही लोग अपने लोग… हो गए थे…  नानी मां ने… कभी भी … Read more

अहंकार – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

सुधा के दो बेटे है। पति राजेश सरकारी नौकरी में छोटे छोटे कस्बों, शहरों में अधिकतर तैनात रहे।  बच्चों को अपने साथ ही रखा। दोनों ने बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए कोई कोर कसर नही रखी। यूँ तो दोनों पति पत्नी साधारण परिवारों से थे। परन्तु बेटों के  बचपन से ही  पढ़ाई में मेधावी … Read more

आखिरी श्रृंगार – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज राधा जी की पहली पुण्यतिथि पर पूरा परिवार, घर नाते रिश्तेदार बच्चे सब एकत्रित हैं। चौकी पर रखी श्रीमती राधा सुबोध गर्ग जी की मुस्कुराती हुई फोटो देखकर ऐसा लग रहा है मानो अभी बोल पड़ेंगी। वही राधा जी की तस्वीर के पास उनके पति सुबोध जी बैठे हैं और नीचे की तरफ शून्य … Read more

निर्णय तो लेना ही पड़ेगा ,कब तक आत्मसम्मान खोकर जियोगी – नीलम नारंग : Moral Stories in Hindi

बेटा, सिमरन मैं तुझे अभी भी समझा रही हूं। पहले भी तूने हमारी बात नहीं मानी  कोई बात नही,लेकिन अब मेरी बात मान ले अपना सामान पैक कर और मायके वापस आ जाओ जिस घर में आत्म सम्मान नहीं है, इज्जत नहीं है उस घर में रहने से कोई फायदा नहीं । सिमरन ने माँ … Read more

घुटन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अपने आप तो बाबूजी और माँजी चले गए , इस रूपा को सारी ज़िंदगी हम झेलें , पैंतालीस की हो चुकी …. अब तो शादी होने से रही ……तुम्हारा छोटा भाई परिवार को लेकर नौकरी पर चला गया । एक मैं और मेरे बच्चे, हम निभाते रहे सारे रिश्ते… .  पुष्पा! रूपा  दीदी इस घर … Read more

आज की महिला – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

नंदिता जब ब्याह करके अपने ससुराल पहुँची थी तो देखा घर में दो देवर हैं जो अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी ढूँढ रहे थे । एक छोटी नन्द डिग्री में पढ़ रही थी । ससुर रिटायर हो कर घर पर ही थे । अब सास बहू को ज़िम्मेदारी सौंप कर खुद अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त … Read more

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