अच्छा है तुम मायके ही चली जाओ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

सुनंदा जी बहुत दिनों से देख रही थी बेटा बहू हर बात पर तकरार करने लगे हैं… ढाई साल ही तो हुए हैं शादी के उपर से तीन महीने की दीया के साथ राशि एकदम परेशान हो जा रही है और निकुंज बात बात पर राशि पर भड़कने लगा है… कितनी बार राशि ने कहा … Read more

लौट आओ ना मां – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नहीं नहीं.. यह नहीं हो सकता, किसी भी हालत में नहीं हो सकता, ऐसे कैसे कोई चला जाएगा, परसों ही तो मेरी बात हुई है, पगलाइ सी शिप्रा को पति रोहित ने दिलासा देते हुए कहा… देखो शिप्रा अपने आप को संभालो यह वक्त हिम्मत हारने का नहीं है, शांत हो जाओ! अरे कैसे शांत … Read more

विवाह – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

सोनिया मैंने कहा है कि मेरे साथ भाग चल।पर तू है कि मानती ही नहीं।  टिंकू ने सोनिया से कहा। तो सोनिया ने उत्तर दिया,” नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती। मैंने तुमसे प्यार किया है।कोई चोरी नहीं की है। जब मेरे माता-पिता मान गए हैं तो तुम्हारे माता-पिता भी मान जाएंगे।” टिंकू ने कहा,”पर … Read more

मैं और मेरा रिटायरमेंट – नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi

 नौकरी से सेवानिवृत्त होने के पश्चात संयोग से यदि आप बेटा-बहु के साथ रह रहे हैं तो कुछ ड्यूटियाँ आप पर स्वतः थोप दी जाती हैं ।इनमें मुख्य हैं बच्चे को स्कूल की बस तक छोड़ने और लेने जाना और दूसरी मोहल्ले के सब्ज़ी वाले से साग-भांजी ख़रीदना ।इन ड्यूटियों को करने या न करने … Read more

सुख दुःख का संगम “। – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

आज छोटे बेटे का गृहप्रवेश है ।खूब जोर शोर से तैयारी चल रही है ।मै भी बहुत उत्साहित हूं ।दोनों बेटों ने अपनी अपनी राहें चुन ली है ।बड़ा अमर मैनेजमेंट की पढ़ाई करके अपना बिजनेस संभाल रहा है ।छोटा अमित इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके पूना में नौकरी कर रहा है ।एक मल्टी नेशनल कंपनी … Read more

सुख और दुख – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

कमली अपनी बेटी जमुनी को जीवन जीने का तरीका बता रही थी —-” तुम सुबह सुबह सो कर जाग जाओ। परमात्मा का स्मरण करो। फिर दिनचर्या से निवृत्त होकर अपने काम में लग जाओ। पढ़ने जाना है तो स्कूल या फिर कालेज जाओ। नौकरी है तो फिर नौकरी के लिए जाओ। लेकिन घर से बाहर … Read more

सुख दुख का संगम – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 पांच साल का पहाड़ सा वक्त हमने अंशुल को देखे बिना कैसे बिताया.. ये हम पति पत्नी का दिल हीं जानता है..            हमारा इकलौता बेटा.. हमारी जिंदगी का केंद्रबिंदु…अंशुल के पापा प्रतिष्ठित कंपनी के सीईओ से सेवानिवृत हुए हैं चार साल पहले… कट्टर ब्राम्हण परिवार से ताल्लुक रखते हैं हम…जनेऊ धारण करने वाले अंशुल के … Read more

” चारों धाम घरवाली है ? ” – राजीव कुमार श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

हां  तो बात जरा पुरानी  है। पापा के ऑफिस  में  उनके एक  साथी  थे मिश्रा जी। हम बच्चों के साथ उनकी खूब पटती थी। उनके बच्चे भी हमारी ही उम्र के थे।उनकी पत्नी की हमारी मम्मी से अच्छी बनती थी। इस तरह पूरी मिश्रा फैमिली ही हमारी पारिवारिक मित्र थी। आंटी और बच्चे बहुत ही … Read more

रेशमी साड़ी – अर्चना नाकरा : Moral Stories in Hindi

मां खुद के लिए कभी कुछ क्यों नहीं खरिदती थी नानी ने दे दिया… कभी मामा ने ! ‘पापा क्यों नहीं, मां के लिए कुछ लेकर आते थे’ दादी के लिए भी तो लेकर आते थे .. उसे समझ में नहीं आता था पुलकित अब छोटा नहीं रहा था तिस पर मां ‘रसोई की गर्मी … Read more

मायके में आपके रिश्ते बने होते हैं पर ससुराल में बनाने पड़ते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सौरभ रिचा के साथ कॉफी पीने आया था । कॉफी पीना तो एक बहाना ही है वह रिचा के प्रश्नों का जवाब देने वाला था । उसने गहरी साँस ली और कहा रिचा मैं तुमसे शादी करूँ तो कैसे करूँ ? तुम मेरी माँ की ज़ुबान को नहीं जानती हो वह इतनी तीखी है कि … Read more

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