बेटा है नही था – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

विवेक अपने पिता का पहला श्राद्ध बहुत धूमधाम से कर रहा था । सभी नाते रिश्तेदारों को बुलाया था पिता की पसंद के भोजन से घर आंगन महक रहा था । पंडितों की पूरी जमात अपने आसन पर पधार चुकी थी । विभिन्न किस्म के पकवान उन्हे परोसे जा रहे थे और विवेक अपनी पत्नी … Read more

अपना घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

 आज मोहन जी जब सुबह सोकर उठे तो अपने आप को बहुत तरोताजा महसूस कर रहे थे। उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर घर के बाहर टपरे पर चाय पीने निकल गए ।चाय का कप हाथ में लेकर चाय पीते पीते चाय वाले से बात भी करने लगे ।अरे राजू तू कब से दुकान पर … Read more

गाल फुलाना – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

निशा बाजार गई थी। वह अपना फोन घर पर ही भूल गई थी। फोन की रिंग बजी तो उसकी भाभी दिव्या ने फोन उठा लिया। फोन रिंग पर किसी लड़की का नाम लिखा था। जब फोन उठाया तो कोई लड़का बोला। उसने निशा को पुकारा तो दिव्या ने बताया कि निशा तो बाजार गई है। … Read more

“प्यार की जीत” – विद्या : Moral Stories in Hindi

विभा और मनीष दोनों ही एक दूसरे को बहुत चाहते थे। दोंनो ने ही जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही एक दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाईं थीं। लेकिन उस समय आज की तरह का नया जमाना नहीं था। विभा की शादी उसके माता-पिता ने अपनी मर्जी के कर दी और मनीष चाह … Read more

स्वार्थ की भाषा – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

नीरज..! श्वेता की शादी की तारीख तय हो गई है… 3 दिसंबर..! तुम लोग समय पर सारी तैयारी कर लेना… क्योंकि अगले दो महीने तो बस त्योहारों में ही निकल जाएंगे… इसलिए कनक को पहले ही भेज देना… श्वेता की सारी खरीदारी वह साथ कर लेगी… विमला जी ने फोन पर अपने बेटे नीरज से … Read more

बुआजी की सीख – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

 ध्रुवी की शादी को अभी महिनाभर ही हुआ था। वह ससुराल में सबको जानने समझने की कोशिश कर रही थी। किन्तु कैसे समझे किसे किसे समझे इत‌ना बडा परिवार था इतने लोग उसे लगता जैसे कहीं भीड़ में खड़ी हो। वह एकल परिवार से आई थी जिसमें उसके मम्मी-पापा, और एक छोटा भाई और यह … Read more

निशाचरी – पूनम सुभाष : Moral Stories in Hindi

सुरेश बाबू घर आते ही खुशी से अपनी पत्‍नी को बताने लगे ‘’ तुम्‍हें मालूम है आज अपने शो रूम में कौन आया था।‘’ इतनी उत्‍सुकता देखकर उनकी पत्‍नी आशा तेजी से उनकी ओर आई और आंखों से ही सवाल करने लगी1 ‘’ अपना मानू माइक्रोवेव खरीदने आया था।‘’ भला वो करनाल में कैसे वो … Read more

गाल फुलाना – डॉ हरदीप कौर (दीप) : Moral Stories in Hindi

वीणु अपनी मां से गाल फुलाकर बैठी थी,क्योंकि आज पिताजी उससे नाराज हो गए थे। छुट्टी का दिन था।पिताजी जब काम पर गए तो वह सो रही थी। लेट उठी। उठकर फ्रेश हुई।नाश्ता किया और लैपटॉप लेकर बैठ गई। सुबह से लैपटॉप पर वीडियो देखना, दोस्तों से  बात करना और गेम खेलना चल रहा था। … Read more

**सुख-दुख का संगम** – डॉ आरती द्विवेदी : Moral Stories in Hindi

 जीवन एक नदी की तरह है, जो कभी शांत और सुखमय होती है, तो कभी उसमें दुख और संघर्ष की लहरें उठती हैं। जैसे नदी अपने गंतव्य की ओर बिना रुके बहती रहती है, वैसे ही जीवन भी अपनी गति से चलता रहता है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। सुख और दुख, दोनों जीवन के … Read more

रिश्तो का मेकअप – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों से संध्या के दिल और दिमाग में एक लड़ाई चल रही थी.. अजय को छोड़ती है तो बच्चों का क्या होगा? कैसे अकेले परवरिश कर पायेगी? कैसे समाज में अपने को सुरक्षित रख पायेगी? कई प्रश्नों के जाल में उलझी संध्या को चैन नहीं मिल रहा। करवटे बदलते रात गुजरी। सुबह फिर काम … Read more

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