ससुराल में अपनी जगह बनानी पड़ती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज अवनि क्षितिज से झगड़ा करके मायके में आकर बैठ गई थी। क्षितिज बार बार फोन कर रहा था पर अवनि फोन नहीं उठा रही थी। शादी के समय बहुत सीधी साधी सी दिखने वाली अवनि शादी के बाद बात बात में तुनक जाती थी और मुंह फुलाकर बैठ जाती थी।और नहीं तो लोकल मायका … Read more

सुख दुख का संगम – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

आज राधिका आदित्य के साथ ब्याह करअपनी ससुराल आ गई थी।वह एक संयुक्त परिवार से थी और उसका विवाह भी एक बहुत बड़े परिवार में हुआ था।  विवाह के कुछ समय उपरांत ही उसे एहसास हुआ कि उसकी ससुराल में बहुत सारे लोग हैं लेकिन उन में आपस में कोई प्यार नहीं है।  उन लोगों … Read more

सुख दुख का संगम – के. कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

मैं घर के सामने बरामदे में बैठकर पेपर पढ़. रहा था कि मेरा पोता जो तीन साल का था मुँह फुलाकर मेरे पास आकर कहने लगा कि दादाजी आपका घर अच्छा नहीं हैं। उसे देखकर मुझे हँसी आई उसे अपने पास बुलाकर पूछा क्यों अच्छा नहीं हैं? इट्स टू हॉट । उससे मजाक करते हुए … Read more

सच से सामना – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 माँ, मुझे दो दिन यहां आये हुए हो गये हैं, मैं देख रही हूं,भाभी तुम्हारा कोई विशेष ध्यान  नही रखती है।मुझे ये अच्छा नही लग रहा।         अरे नहीं,सुशी बेटी,ऐसा नही है,माधवी मेरा पूरा ध्यान रखती है।वो तो तुम आयी हुई हो ना,इसलिये काम बढ़ गया है, वह इसी में लगी रहती है।फिर इससे हम माँ … Read more

जीवन के नए रंग – निभा राजीव निर्वी  : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के बिस्तर पर पड़े पड़े उसका मुंह पोंछती चंदा पर जब दिनेश की दृष्टि पड़ी तो उसके सूने कान को देखकर उसने पूछ लिया, “- चंदा तेरे झुमके कहां गए?? आज तूने नहीं पहने!”  चंदा की दृष्टि अनायास ही झुक गई, स्वर को मृदुल बनाने का प्रयास करते हुए उसने कहा, “- अरे.. हर … Read more

सुख-दुःख का संगम – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मनुष्य का जीवन वास्तव में सुख-दुःख का संगम ही तो है!कभी उसके जीवन में सुखों की लाली छाई रहती है,तो कभी गमों का पहाड़ आ खड़ा होता है।महाकवि सुमित्रानंदन पंत जी ने भी कहा है’सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरण।’ कथानायिका रीना के जीवन में भी सुख-दुःख की आँख मिचौली चल रही … Read more

मोबाइल वाली बाई – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 भाभी… आपके घर आजकल कौन काम करती है ? मुझे ज्यादा पता नहीं है …अभी अभी तो लगी है , यहीं पास के झोपड़ी में रहती है… सावित्री नाम है । स्वाति, मिसेज शर्मा के बातों का जवाब दे रही थी तभी बीच में ही मीरा ने कहा …अरे स्वाति के यहां तो वो मोबाइल … Read more

बेरोजगार (भाग-9) अंतिम भाग – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

शाम की ट्रेन से तरुण घर की तरफ निकल गया… घर पहुंचा तो अनुज की शादी हो चुकी थी… घर नए वर वधू के इंतजार में सज कर तैयार था… रात होते-होते प्रमिला बहू बनकर अनुज के घर आ गई…. स्वागत- सत्कार सभी रस्म रिवाज निपट गए…! धीरे-धीरे सभी रिश्तेदार भी चले गए… अब घर … Read more

बेरोजगार (भाग-8) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आगे की कहानी***** कानपुर जाने के लिए तरुण बनारस जंक्शन पर बैठा हुआ था… उसके दिमाग में चल क्या रहा था… वह इससे खुद अनजान था… उसके प्यारे… इकलौते.. दुलारे भाई… की कल शादी थी… और वह यहां ऐसे बैठा था जैसे वह कोई अजनबी हो….! वह बार-बार अपना मन अपनी परीक्षा की तरफ खींचने … Read more

बेरोजगार (भाग-7) – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आगे की कहानी****** अनुज चुपचाप सोचता रहा कि.. भैया क्या कहेंगे… कुछ कहेंगे या नहीं… पर तरुण कुछ नहीं बोला… दूसरे दिन सुबह… वह घर के लिए निकल गया… घर पहुंचा तो मां ने सवालों की झड़ी लगा दी… कैसा है अनुज…? खाता पीता है कि नहीं.. ठीक से…तू इतनी जल्दी क्यों आ गया… कुछ … Read more

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