अपना चाँद छुपा कर उजियारा ढूँढे इधर-उधर – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

रमन और शुभा अविनाश की शादी में जाने के लिए तैयार हो रहे थे।  “आपका वो दोस्त आएगा क्या शादी में?” शुभा ने रमन से तैयार होते हुए पूछा। “कौन?” रमन का ध्यान अपनी टाई को ठीक करने में ज्यादा था। “वही पागल सा जो जब देखो भाभी जी करता हुआ, हम सब के पीछे … Read more

संयुक्त परिवार में रोक टोक जरूर है पर एक सुरक्षा और परवाह भी है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

 रत्ना अपने माता-पिता की छह संतानों में सबसे छोटी बेटी थी । उसने घर में रहकर ही डिग्री पूरी की थी । वह एक छोटे से गाँव में रहती थी पर आज़ाद ख़्यालों की थी । उसने प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेकर जनरल इंश्योरेंस में नौकरी पा ली थी । अब तो वह कमा भी … Read more

करमजली – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

काम पर जाते हुए करुणा जैसे ही गली के मुहाने पर सखाराम हलवाई की दुकान के सामने से निकली, उसके कानों तक फुसफुसाता हुआ एक स्वर पहुंचा, “-लो..निकल पड़ी करमजली! लोक लाज को तो घोल कर पी गई है..”           वह स्वर से ही पहचान गई कि ये सखाराम की पत्नी केतकी का स्वर था जो … Read more

अपनों पर विश्वास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” ये क्या माँ…आप फिर से वही रट लगाकर बैठ गईं हैं।मनीष की बात आप मान क्यों नहीं लेती हैं…।मैं भी निश्चिंत हो जाऊँगी…।” सीमा ने समझाते हुए अपनी माँ वंदना जी से कहा तो वह भड़क उठीं,” हाँ-हाँ..तू तो उसी का पक्ष लेगी लेकिन मैं कहे देती हूँ कि मैं उस मराठन के साथ … Read more

सासुमां बुरी और माँ अच्छी क्यों.. – संगीता त्रिपाठी.. : Moral Stories in Hindi

 टॉपिक तो भयंकर हैं… इतना क्या तुझे सासुमां से प्यार जो ये लिखने बैठी हैं… विभा बोली… बस ऐसे ही… अपने आस – पास जो देखती हूँ तो एक प्रश्न जेहन में आया…. क्या सास हमेशा बुरी होती हैं… मेरी सासुमां तो बहुत अच्छी थी… कल मेरी कामवाली बाई खूब रो रही थी उसका  आदमी  … Read more

इज़्ज़त सिर पर पल्लू रखने से नहीं दिल से दी जाती है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

पढ़ी लिखी सुमन की शादी बहुत धूमधाम से पढ़े लिखे सुमेर से कर माँ बाप ख़ुशी से उसे ससुराल भेज दिए। नये घर में बहुरानी का स्वागत किया गया । सब रस्मों रिवाज के बाद सुमन को एक कमरे में छोड़कर सब चले गये। सुमन ने सर से भारी पल्लू हटाकर थोड़ा सुस्ताने का सोच … Read more

“सासू मां मैंने मान लिया कि बहू कभी बेटी नहीं बन सकती”- सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मुस्कान अपने माता पिता की सबसे छोटी बेटी थी।देखने मे सुंदर,गोरा रंग,शर्मीला स्वभाव,संस्कारी आचरण-उसके व्यक्तित्व को आकर्षक बनाते थे। मुसकान का संयुक्त परिवार था।उसके पिता का बड़ा व्यवसाय था तो उसके लालन पालन में कोई कमी नही रखी गयी थी। घर में सबकी लाडली थी वो। अपने दादी बाबा की चहेती,माँ की जान,चाचा चाची की … Read more

यह फ्लैट वाली जिंदगी… – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

काजल अभी कुछ ही दिन पहले अपने नए फ्लैट में शिफ्ट हुई थी… इससे पहले वह किराए पर कमरा लेकर बाहर रहा करती थी… उसके  मकान मालिक भी रहते थे साथ में…. कभी बीमार हो जाती थी … तो मालकिन खुद ही आकर दूध का डब्बा ले जाती… और जाकर दूध ले आती… उन्हें पता … Read more

जो समझदार , वही जिम्मेदार – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

ट्रिन… ट्रिन…. ट्रिन…. ट्रिन….  नंदिनी _ हैलो   दीदी, कैसी हो आप? बहुत दिनों बाद याद आई अपनी छोटी भाभी की। आप लोकल ही रहती हो पर कभी ये नही कि मिलने आ जाओ  रश्मि_ अरे घर के काम ही खतम नही होते ,सोचती हूं आने का तो कुछ न कुछ काम आ ही जाता है … Read more

आप कौन? – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सुंदरलाल  और उसकी पत्नी रेखा दो बेटे रोहन और सोहन, एक प्यारी सी बिटिया सबसे छोटी रश्मि। कुल मिलाकर एक सुखी परिवार। सुंदरलाल की एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान थी जो की फैशन के हिसाब से बहुत बढ़िया चलती थी।   तीनों बच्चे पढ़ाई में बहुत बढ़िया नहीं थे। जैसे तैसे दोनों बेटों ने  12वीं कक्षा … Read more

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