बेटी की बेटी बनाम बेटे की बेटी – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi
“नीना शाम को 4 से 6 सप्तमी वाले दिन मेरे यहाँ चौकी है। जरूर आना।” सीमा जी ने नीना को मुस्कुरा कर कहा। “क्या बात सप्तमी पर तुम करवा रही हो अब की बार”। नीना जी, जो कि एक नंबर की गपोड़ी और सीमा जी की अच्छी दोस्त भी थी ने सीमा जी को रोकते … Read more