बेटी की बेटी बनाम बेटे की बेटी – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

“नीना शाम को 4 से 6  सप्तमी वाले दिन मेरे यहाँ चौकी है। जरूर आना।” सीमा जी ने नीना को मुस्कुरा कर कहा।  “क्या बात सप्तमी पर तुम करवा रही हो अब की बार”। नीना जी, जो कि एक नंबर की गपोड़ी और सीमा जी की अच्छी दोस्त भी थी ने सीमा जी को रोकते … Read more

फ़ोन की बजती घंटी…. – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

मोबाइल साइलेंट पर था पर फिर भी उस पर होने वाली घर्र घर्र सुषमा जी के कानो में साफ़ सुनाई दे रही थी जिसे वे चाय के घूँट के बीच अनदेखा करने की भरपूर कोशिश कर रही थी। वे जानती थी ये फ़ोन समीर यानी कि उनके बेटे का है।  मोबाइल की घर्र घर्र की … Read more

मासी नहीं मम्मा… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”कुहू… ना मेरी गुड़िया… वहां मत जा…!” ” मम्मा जाना…!” ” नहीं बेटा… अभी नहीं…!” ” नहीं… मम्मा जाना…!”  कुहू एक ही रट लगाए बैठी थी…  पर मम्मा जाने के लिए… मां को होना भी तो चाहिए…  सुमन ने खींचकर उसे सीने से लगा लिया… ” मैं हूं ना बेटा… मासी… मैं ही तेरी मम्मा … Read more

अतृप्त आत्मा – सरिता अजय जी साकल्ले : Moral Stories in Hindi

दुबे जी का पूरा जीवन संघर्ष मैं गुजरा जन्म के 3 साल बाद ही मां के आंचल से वंचित रहे। मां का देहांत हुआ पिता द्वारा लालन-पालन किया गया। थोड़ी सी खेती बाड़ी थी पिता दिन रात मेहनत कर अपना और अपने पुत्र का जीवन यापन करते थे। इसी के चलते शिक्षा प्राप्त की और … Read more

कद्र – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

अपना जीवन मैंने हमेशा दूसरों के लिए जिया है । स्वभाव अच्छा होते हुए भी न जाने मुझे शायद हर वक़्त अच्छा सुनने की आदत  या यूँ कहें लत लग गयी थी । नाती – नातिन, पोते – पोतियों से भरा घर, बेटी- बहुएँ, जेठानी – देवरानी । कहने को घर में अथाह लोग लेकिन मेरा … Read more

प्यारा बचपन – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    आज पढ़ाते- पढ़ाते अचानक जोवैन(मेरी छात्रा) ने मुझे एक्सक्यूज़ मी मैम कहा और दूसरे कमरे में चली गई।वापस आई तो मुझे आँखें बंद करने को कहा और फिर “ओपेन मैम” कहकर मेज़ पर एक बड़ी-सी डाॅल रखकर बोली,” Mam..see, my uncle gifted me.” फिर वह उस डाॅल की खूबियाँ बताने लगी और तब मुझे मेरा … Read more

मेरा दोस्त भूखा है, माँ – पूनम बगई : Moral Stories in Hindi

दादी को गुजरे आज 2 महीने हो गए थे, पर आठ साल का निखिल अभी भी दादी को बहुत याद करता था। निखिल के दादा दादी निखिल को बहुत प्यार करते थे। छुट्टियों मे तो निखिल सुबह दादी के ही हाथ के परांठे खाता था। दादा जी के साथ बैठ अपनी प्यारी बातों से उनका … Read more

कमाई – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“आज भी रसोई में कोई सब्जी नहीं बनी है क्या?” अपने सामने रखी भोजन की थाली में केवल दाल रोटी देखकर राजेश ने अपनी पत्नी रश्मि से पूछ लिया। रश्मि अभी कुछ कहती उससे पहले ही राजेश की मांँ सुनैना बोल पड़ी.. “बेटा मैंने कितनी बार तुमसे कहा है कि,.चार लोगों का परिवार एक अकेले … Read more

प्यार दिमाग से नहीं दिल से होता है… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

नीला शलभ की सहपाठी थी, दोनों में प्यार हुआ और माँ -बाप की इच्छा के विरुद्ध जा शलभ ने नीला से शादी कर ली। शलभ की इस हरकत से उसके पिता दिवान साहब को बहुत आघात लगा। समाज में उनका रुतबा था, शहर के नामी -गिरामी लोगों में से एक थे दीवान साहब। शलभ उनका … Read more

तुलना प्रेम में कड़वाहट डाल देती है – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

आज सास- बहू अपने घर की होने वाली नई बहू ऋतु के लिए गहने खरीदने गई थीं। ” बहू,जरा देखो तो ये हार नितिन की दुल्हन के लिए कैसा रहेगा ? ,, सुमित्रा जी ने अपनी बड़ी बहू निधि को दिखाते हुए कहा। ” बहुत सुंदर है मां जी, लेकिन इसके साथ के झुमके छोटे … Read more

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