साधारण सासुमां की असाधारण कहानी – संगीता त्रिपाठी   : Moral Stories in Hindi

नित्या जब शादी कर ससुराल आई तो बहुत डरी हुई थी.. भारतीय घरों में  “पराये घर जाना हैं ”  या “सास बहुत कष्ट देगी, ताने देगी” जैसी बातें, लड़कियां बचपन से सुनती हैं…। और सभी लड़कियां ससुराल को जेल और सास माँ को  एक डरावनी शख्सियत समझ लेती हैं । फिर भी ससुराल रूपी जेल … Read more

दो जुड़वा बहने – नेकराम   : Moral Stories in Hindi

अम्मा ने हम दोनों भाइयों को पास बुलाकर कहा देखो अब तुम दोनों शादी लायक हो चुके हो मैं चाहती हूं अब तुम दोनों की शादी कर देनी चाहिए तुम दोनों तो जानते ही हो शहर में यह 100 गज का घर तुम्हारे पिताजी ने कड़ी मेहनत करके तीन मंजिला बनवाया था ताकि तुम्हारी बहुएं … Read more

“आत्मग्लानि” – मनीषा सिंह   : Moral Stories in Hindi

“नवीन जी  किरानी की नौकरी करते थे।  पत्नी सावित्री और दो बेटियां अंकिता और अवंतिका थी। भगवान की दया से बेटियां पढ़ाई और खेल दोनों में काफी होशियार थी–। दोनों स्कूल में हमेशा टॉप आया करतीं । “नवीन जी के घर में कुछ हो ना हो पर– बेटियों की “ट्रॉफीज और प्रमाण” पत्र जरूर रहते … Read more

यही जीवन का सच है। – दीपा माथुर  : Moral Stories in Hindi

पूरे मोहल्ले में चच्चा की अलग ही पहचान थी। आते जाते लोग नमस्कार चच्चा कैसे हो? बोलते ही चलते थे। चच्चा भी बड़े गुरुर से हाथ ऊपर कर कहते ” ऊपर वाले की मेहरबानी है “ वैसे चच्चा में कोई खास बात नही थी छोटा कद,बड़ी बड़ी आखें ,छोटी सी मूछ। पर उनके गुरुर का … Read more

मायका – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

  जैसे जैसे मायके की गलियां नजदीक आ रही थी नीलू की धड़कनें तेज हो गई थी।बगल में बैठे दूल्हे राजा कुछ अचकचाये से थे। दरअसल नीलू का विवाह पलास के साथ दस दिनों पहले शहर के होटल में हुआ था। बिदाई के पश्चात् भाई पहली बार उसे पति के संग पगफेरे के लिए लाने गया … Read more

अब भूगतो अपने कर्मों का फल- बीना शर्मा  : Moral Stories in Hindi

शकुंतला आंगन में बैठकर अखबार पढ़ रही थी की तभी उसका बेटा रवि आकर उसके पास बैठ गया और दुखी स्वर में बोला,”जिस संतान के नाम मैंने अपनी सारी दौलत  कर दी आज वहीं संतान  मुझे धोखा दे रही है खुद पर हर महीने  हजारों रूपये खर्च करता है और मुझे मेरी जरूरत के लिए … Read more

सयुक्त परिवार में रोक टोक तो होती है पर सुरक्षा और परवाह भी होती है – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अवि खिड़की से बाहर टकटकी सी लगाई बैठी थी। तभी सौरभ ने आवाज लगाई ” अवि खाने का टाइम हो गया यार अब तो खाना परोस दो।” अवि वही से चिल्लाई ” बस दो मिनिट “ सौरभ डाइनिंग टेबल पर बैठ गया अवि खाना परोस रही थी की उसे याद आया ” अरे तुमने याद … Read more

बचपन की गोटियों का खेल – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आज स्वरा रोजमर्रा के कार्यों से निवृत्त होकर खाली बैठी ही थी कि…. अतीत की यादों का कारवां खुलता गया ….अरे कहां गुम हो गई तू राधा…. बचपन की सहेली , बहुत छोटी उम्र वाली , एकदम घर जैसी सहेली …..सच में राधा… आज ना मुझे तेरी बहुत याद आ रही है ..!        कॉलेज की … Read more

धोखा- श्वेता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“कमला, तुम जरा इन सब डोंगों को बाहर डाइनिंग टेबल पर रखो। मैं सबको बुलाकर लाती हूॅं। कमरे में घुसकर गप्पे लड़ा रहे होंगे।” यह कहकर राधा किचन से निकलकर जल्दी-जल्दी कमरे की ओर बढ़ने लगी। एक -एक करके उसने घर के सारे कमरे देख लिए लेकिन, उनका कोई अता-पता नहीं था। कहीं छत पर … Read more

जीवन का सच – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

 हर माँ की तरह माला को भी अपने बच्चों पर बहुत गर्व था। प्रभात जी से झगड़ा होने पर अक्सर इतरा कर बोलती, “मेरे बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जायेंगे तो मैं उनके साथ रहूंगी आपके साथ नहीं “ प्रभात जी बोलते,”देखता हूँ तुम्हारे बच्चे कितना करते है “   सुनते ही माला गर्व से … Read more

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