” गाढ़े दिनों मे रिश्तेदार सबसे पहले मुंह मोड़ते है ।” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मम्मी कल मेरी कॉलेज की फीस जमा करने का आखिरी दिन है फीस नही जमा हुई तो अंतिम वर्ष की परीक्षा नही दे पाऊंगा मैं !” नीलेश ने रुआँसा हो कहा। ” बेटा बहुत कोशिश की मैने पर अभी रुपयों का इंतज़ाम नही हुआ तेरे पापा के इन्शोरेंस के पैसे भी अभी नही आये … Read more

भगवान है, पर कौशिश स्वयं करो। – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

सावित्री देवी एक जीवट महिला थी।‌वह सुखनपुर गांव में रहतीं। जैसा कि गांव में होता है लकड़ी काट कर लाओ तब चूल्हा जले हालांकि अब तो गांवों में भी ईंधन की सुविधा हो गई है । पर जवानी में उन्होंने काफी श्रम किया । सुबह अंगीठी जलाकर खाना पकाना दो छोटे बच्चे , पति कारखाने … Read more

छोटे कदम, बड़ी जीत – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

राहुल और निधि का जीवन मध्यम वर्गीय खुशियों से भरा हुआ था। लेकिन जब कंपनी में अचानक छंटनी हुई, राहुल की नौकरी चली गई।  घर की सारी ज़िम्मेदारी अब निधि पर आ गई थी। हालांकि, निधि भी एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी, लेकिन उसकी तनख्वाह से घर का खर्च मुश्किल से चल पाता था।  … Read more

संकट के बाद सवेरा – पूनम : Moral Stories in Hindi

 समीरा का जीवन अचानक कठिनाइयों से भर गया था। उसके पति अक्षय की नौकरी छूटने के बाद, घर में जैसे आर्थिक तंगी ने डेरा डाल लिया।  अक्षय हर दिन नई नौकरी की तलाश में निकलता, लेकिन बार-बार खाली हाथ लौटता। समीरा देख रही थी कि अक्षय का हौसला धीरे-धीरे टूट रहा है, लेकिन उसने खुद … Read more

सामर्थ्य हीन – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

देखते-देखते एक साल बीत गया,अमित को गए।अगली अमावस्या में ही उनकी बरसी की तिथि निश्चित हुई है।बेटे की नौकरी लगी नहीं अभी।कार्यालयों में दौड़-धूप कर रहा है वह।अनुकंपा नियुक्ति के काम जल्दी नहीं होते। मालिनी ने पंडित जी से पूछकर सामान की लिस्ट बनवा ली।दोनों ननदों को भी फोन कर दिया था,महीने भर पहले ही।अपने … Read more

कर्मों का फल – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” बहू..एक गिलास पानी तो दे देना…प्यास से मेरा गला सूख रहा है और हिचकी भी…।” जमुना जी ने अपनी बहू अनिता से कहा तो वो विफ़र पड़ी,” बस..हो गई आपकी नौटंकी शुरु.. मेरी सहेलियाँ आईं नहीं कि आप…।अब मैं अपनी सहेलियों को अटेंड करुँ या आपके नखरे उठाऊँ..।” अनिता ने गुस्से- से पानी का … Read more

बिदाई – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

   परिस्थितियों का अंधड़ कुछ ऐसा चला कि गौरी का मायके एकप्रकार से छुट ही गया। माता-पिता थे नहीं। भाई विदेश जा बैठा वहीं विवाह कर बच्चों  के साथ रहने  लगा। न कभी आया न बुलाया। राखी बजरी का कोई सवाल ही नहीं। कभी कभार फोन करता और संक्षिप्त वार्तालाप कर फोन रख देता।     “यहां हमलोग … Read more

जो बोया वही पाया – कविता झा ‘अविका’   : Moral Stories in Hindi

कमला के चार बेटे बहूएं और दो बेटियां… पोते पोतियां… सबके होते हुए भी उसका बड़ा बेटा अपनी मां  के लिए एक ऐसी नौकरानी  ढूंढ रहा था जो उसके साथ चौबीस घंटे रहे। उसकी पत्नी ने तो साफ इंकार कर दिया था… मुझसे कोई उम्मीद मत लगाइएगा कि मैं आपकी मां की सेवा करूंगी। उसकी … Read more

” माँ हम क्यों नुकसान सहें – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

“ यार नौ बज गए जल्दी से फोन हाथ में ले लो… माँ का फोन आने वाला है… हम सभी भाई बहन से उसने एक ही वक़्त पर ऑनलाइन आने कहा है।” पत्नी निशिता से कहते हुए रितेश ने जल्दी से फोन निकाल सामने रख लिया ठीक नौ बजे सुमिता जी ने अपने तीनों बच्चों … Read more

संयुक्त परिवार में टोका -टाकी ज़रूरी है पर एक शिक्षा और परवाह भी है। – मोहित महेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

 यह कहानी है दो सहेलियों की – एशा और लावण्या। इन दोनों की जीवन शैली में काफ़ी अंतर है। एशा एक गाँव में अपनी संयुक्त परिवार के साथ रहती है, जबकि लावण्या मेट्रो सिटी में अपनी न्यूक्लियर परिवार के साथ रहती है। तो चलिए मैं आपको कहानी की ओर ले चलता हूँ। (दृश्य 1) एक … Read more

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