सौभाग्यवती – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

संध्या बेटा.. अभी थोड़ी देर तुम कमरे में ही रहना तेरी भाभी देहरी पूज कर अपने भाई के साथ भाई की शादी में जा रही है मैं नहीं चाहती उस समय तुम सामने आओ, तुम्हें तो पता है ना ऐसे शुभ मौके पर तुम्हारा आना अब उचित नहीं है हालांकि यह बात कहते हुए मां … Read more

कहां मर गई…? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे बहू… कहां मर गई..? कब से चाय के लिए चिल्ला रही हूं… देती क्यों नहीं..? सुलोचना जी ने अपनी बहू राधिका से कहा…  राधिका:   मम्मी जी..! इनका नाश्ता बना रही हूं… यह हो जाए फिर बनाती हूं आपकी चाय, वरना इनको देर हो जाएगी  सुलोचना जी:   हां सुबह देर से जागेगी, तो … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-4) (अंतिम भाग) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

रोहन ने एक गहरी सांस ली और निशा की तरफ देखा, जैसे वो इस पल में हर शब्द सोच-समझ कर बोलना चाहता हो। उसकी आँखों में पश्चाताप का सागर था। हाथ जोड़कर उसने कहा, “निशा, मैं जानता हूँ, मैंने तुम्हें और अभी को बहुत तकलीफ़ दी है। मैंने तब साथ नहीं दिया जब सबसे ज़्यादा … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-3) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

तलाक की अंतिम तारीख नज़दीक थी। पांच साल गुज़र चुके थे, लेकिन इन सालों में निशा और रोहन दोनों ही ज़िंदगी के एक अनकहे दर्द से जूझ रहे थे। रोहन ने वकालत में खूब नाम कमाया था, वह अब आत्मनिर्भर हो चुका था। हर तरफ तारीफें बटोरने के बावजूद, उसके दिल में एक खालीपन हमेशा … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-2) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

निशा भारी मन से अपने मायके पहुंची। दरवाजे पर खड़े उसके पिता, श्री शर्मा, पहले से ही समझ गए थे कि कुछ गलत हुआ है। निशा की आंखों में सैलाब छिपा था, लेकिन चेहरा दृढ़ता से भरा था। घर में दाखिल होते ही उसकी आँखों से आंसू फूट पड़े। वह अपने पिता के गले लग … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-1) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

रात का सन्नाटा धीरे-धीरे घर के हर कोने में घुल रहा था। घड़ी की सुई ने दस बजाए ही थे। परिवार के सभी सदस्य डिनर के बाद अपने-अपने कमरों में जाने की तैयारी में थे। हवा में बस एक हल्की सी हलचल थी, जैसे कोई तूफान आने को हो, लेकिन सब अपनी-अपनी दिनचर्या में व्यस्त … Read more

खुशियों का असली चेहरा – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

मीनाक्षी आज फिर अपने ससुराल की चौखट पर खड़ी थी, हाथों में पूजा की थाली और मन में असंख्य सवाल। वह हर सुबह की तरह भगवान से प्रार्थना करती—अपनी खुशियों और परिवार की सलामती के लिए। उसके जीवन में धन-दौलत, दिखावा और सबकुछ था, जो एक आदर्श गृहस्थी के लिए जरूरी समझा जाता है। परंतु … Read more

*इंतजार* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

       पता नही यह सज्जू कितनी देर में आयेगा।प्यास के मारे गला और होंठ सूखे जा रहे हैं।भगवान अपने पास भी तो नही बुला रहा।         पलंग पर पड़े पड़े ओमप्रकाश जी,अपने नौकर सज्जू पर खीझ रहे थे,उसे बाजार भेजा था,आ जाना चाहिये था,पर काफी देर हो गयी थी,आया नही।उन्हें जोर से प्यास लगी थी,पर पानी देने … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को फ़र्क नहीं पड़ता – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

सुबह की खटर -पटर नहीं सुनाई देने से सुहास की नींद देर से टूटी घड़ी आठ बजा रही, हेमा पर गुस्सा करने वाला था, देखा बगल में हेमा अभी तक सोई पड़ी है। हेमा को हिलाते हुये सुहास बोले “हेमा उठो आज अलार्म नहीं लगाई थी क्या…? मुझे ऑफिस को लेट हो रहा “। तभी … Read more

तुझे देखने को आंखें तरस गईं – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

फोन की घंटी बजी तो आरती ने मां‌ का नम्बर देखकर अनमने मन से फोन उठाया। उधर आरती की माँ थी। “आरती बेटा, बहुत दिन हो गए तुझे यहाँ आए। तेरे बच्चों को देखने का बहुत मन कर रहा है…। इस बार तो छुट्टियों में आ जा। तेरे लिए अचार और पापड़ भी बना रखे … Read more

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