दर्द की दास्तान ( भाग-2 ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

कहानी के पिछले भाग के अंत में आपने पढ़ा के, अंगद स्कूल खुलने से पहले ही विभूति की दुकान पर पहुंच जाता है…. उसी लड़की के बारे में सब कुछ जानने… अब आगे..  विभूति: अरे मास्टर जी..! बैठिए.. बैठिए… चाय के साथ बिस्कुट भी दे दूं ना..?  अंगद: हां… दे दो… वैसे कितनी सुबह दुकान … Read more

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दर्द की दास्तान ( भाग-1 ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

एक लड़की जिस को कुछ बच्चे पागल कहकर चिढ़ा रहे थे और पत्थर भी मार रहे थे… तभी एक आदमी दौड़ कर आता है… उन बच्चों को डांट कर भगाता है… फिर वह पगली भी रोते-रोते वहां से चली जाती है… उसके बाद, वह आदमी वही एक चाय की टपरी पर बैठ जाता है… आदमी … Read more

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गुडबाय मॉम – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

फिर एक दिन पापा घर आए। कडक वर्दी में अपने सीने पर लगे सैनिक वाले मैडल चमकाते हुए, बूटों को खटखटाते हुए घर नहीं आए। उस दिन उन्होने मुझे बाहों में लेकर खुद से ऊंचा नहीं उठाया। आई थी तिरंगे में लिपटी हुई उनकी देह। लोग कहते थे वे मरे नहीं हैं। राष्ट्र के लिए … Read more

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आजादी – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

मिहिर दो  भाई एवं एक बड़ी बहन से छोटा होने के कारण वह सबका लडला था  खासतौर से दादी के तो उसमें प्राण बसते थे।सो ज्यादा  लाड प्यार पाकर वह कुछ जिद्दी हो गया। अपने मन की करता किसी  की नहीं सुनता। पाढ लिख गया एक अच्छी में एम एन सी मैं साफ्टवेयर इंजिनीयर की … Read more

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पारिजात – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

आज सुदर्शना की मां का फिर फोन आया”,सुन बेटा,तू जितनी जल्दी हो सके,आ जा।तेरे भाई की तबीयत बहुत खराब है। हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा।मुझे साथ रहना पड़ेगा।तू रहेगी तो दोनों छोटी बहनों को सहूलियत हो जाएगी।”सुदर्शना असमंजस में पड़ गई।कल से तो कुशल और पीहू की अर्धवार्षिक परीक्षा भी शुरू होने वाली है।स्कूल से … Read more

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थैंक्यू मां जी, मुझे अच्छी सास बनाने के लिए – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” मम्मी जी, आज मेरी फ्रेंड की मेंहदी है , मैं जाऊं??” ” हां शिवी, क्यों नहीं!! वैसे भी शादी के बाद तो ऐसा मौका मुश्किल से मिलता है.. नहीं तो सहेलियां पता नहीं कौन से शहर में होती हैं और हम कौन से शहर में। तुम्हारी सहेली तो इसी शहर में है तो तुम … Read more

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रिश्तों में ये कैसी स्पर्धा – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“कहाँ हो अनीता? अरे भाई महेश भैया का फ़ोन आया था| मिलन का आईआईटी में सिलेक्शन हो गया है।” अंश की तरफ देखते व्यंग से बोले “एक हमारे साहबजादे हैं।” अंश ने दूसरी तरफ मुँह घुमा लिया। मिलन अंश का ममेरा भाई है…। पढने में बहुत तेज है। तो आई.  आई. टी.  निकाल लिया।  जहीन … Read more

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चार पैसे हाथ मे होते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुमिता बहू तुने सोच समझ कर फ़ैसला लिया है ना…कहीं ऐसा ना हो बात इतनी बढ़ जाए कि…।” सुलोचना जी ने बहू से कहा “आप जरा भी फ़िक्र ना करें अम्मा जी … जो आज ना किया तो फिर कभी नहीं कर पाऊँगी…. बहुत हिम्मत कर के ये कदम उठाया है बस अब आप … Read more

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परिवार- छोटा या बड़ा – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

निम्मी , यार हद कर दी तुमने भी , कल पूरा हफ़्ता हो जाएगा जब लड़के वालों का जवाब आ गया था कि आगे का कार्यक्रम बनाएँ । आख़िर….अब क्या समस्या है? मैं सच्ची कह रही हूँ कि ऐसा घर और वर कभी नहीं मिलेगा । वे तो मम्मी जी की रिश्तेदारी की शर्म करके … Read more

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जिम्मेदारियों का बोझ – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

“सुनो, बच्चे बड़े हो गए हैं। कोई घर में आए, तो अब बुरा लगता है। आपसे पहले भी कहा था कि पुराना फर्नीचर बदल लेते हैं।” सुधा ने याद दिलवाया। “हूं” कहते हुए प्रेम जी ने बेहाल सोफे का जायका लेते हुए नज़र फेर ली। “मम्मी यार, यह बाद में देख लेंगे। पापा, आपसे पहले … Read more

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