बाबुल की दहलीज – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

समूचा आकाश उस नन्ही चिड़िया के करुण क्रंदन से गूंज उठा, पक्षियों के पंखों और  चींचीं की ध्वनि मीता के कानों में गूंज उठी जो सुंदर कलरव अभी तक कानों में मिश्री सा घोल रहा था और उसके व्यथित हृदय को वह कुछ शांति दे रहा था,अब  इस ध्वनि मे पक्षियों का भय सुनाई देता … Read more

जनक – रवीद्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

दरवाजे की घंटी बजी. प्रातः काल के दैनिक कार्यों में व्यस्त सौम्या ने अपने बेतरतीबी से बिखरे बालों को रबरबैंड में बंधा और दरवाजा खोल दिया. एक अत्यंत साधारण कुरता पायजामा पहने हुए ग्रामीण सा व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा था. सौम्या ने प्रश्नसूचक निगाहों से उसकी तरफ देखा. अजनबी ने कहा “तुम… आप सौम्या हैं.” … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – खुशी : Moral Stories in Hindi

अंजू  बहुत ही सुन्दर और  समझदार महिला थी। उसे अपनी समझदारी पर बड़ा ही गर्व था उसे लगता जो मुझे सही लगता हैं या जो मैं करती हूं वो सही है ।उसके पति भी अच्छी पोस्ट पर थे तो रुपए पैसे की भी कोई कमी न थी । एक बार अंजू की दूर की बुआ … Read more

तौबा तौबा करना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दादी मम्मी ने पांच हजार रुपए मंगाए हैं उनकी तबीयत ठीक नहीं है अस्पताल में भर्ती हैं । लेकिन तुम्हारी मम्मी के ऊपर तो पहले से ही काफी उधार है कोमल सुषमा बोली ।वो मम्मी काम करके उसी में कटवा देंगी पैसे।पर इतने पैसे कैसे कटेंगे।वो दादी अभी दे दीजिए मम्मी जब काम पर आएंगी … Read more

बांहों का झूला – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

विनय और तनवी एक दूसरे के पूरक थे। क्या मजाल कि बिन अपने पापा की मर्जी के खिलाफ तनवी कोई तिनका भी उठा ले। पर.. वही तनवी आजकल कुछ कुछ बदलने लगी थी। नहीं, यह सोलह बरस वाली उम्र का तकाज़ा नहीं था। बात बस इतनी थी कि 15 साल पहले उसकी माँ रुपाली, जो … Read more

जो रिश्ते विपत्ति बाँटने के लिए बनाया जाता है वह खुद संपत्ति बाँटने के चक्कर में बँट रहे थे – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

लावण्या अपने कमरे में सो रही थी कहने के बदले कह सकते हैं कि वह आँखें मूँदकर लेटी हुई थी । उसके तीनों बच्चे दूसरे कमरे में बैठकर बातें कर रहे थे उन्हें लगा कि माँ को कुछ सुनाई नहीं देगा इसलिए जोर ज़ोर से अपने विचार एक दूसरे के सामने रख रहे थे । … Read more

“बाबुल की यादें ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा बड़े दिनों बाद बहू बेटे के साथ अपने घर आई थी,घर बहुत गंदा हो गया था।बहू ने किचन संभाल ली और रमा घर की साफ-सफाई करने में जुट गई।रमा ने अपनी अलमारी को साफ करने के लिए जैसे ही खोला तो उसमें से एक फाइल निकलकर नीचे गिर गई।उसने फाइल को उठाया और खोलकर … Read more

बाबुल। – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आज शादी का दिन भी आ गया, और अवनि दुल्हन बन कर अपने बाबुल का घर छोड़ कर अजय का हाथ थामकर ससुराल के लिए रवाना हो गई।  जैसे जैसे विदाई की गाड़ी आगे बढ़ रही थी।  ससुराल नज़दीक होते जा रहा था और मायका पीछे छूटता जा रहा था।   अवनि की नज़रों से बाबुल … Read more

बाबुल। – कामनी गुप्ता*** : Moral Stories in Hindi

मोहिनी का मन धीरे धीरे शांत हो रहा था। बहु का गुस्से भरा मुंह बात – बात पर देखकर हमेशा खुश रहने वाली मोहिनी भी असहज हो जाती थी। पति विनय से बात करके थोड़ा सुकून तो मिलता था पर अब बुढ़ापे में वो अपनी वजह से कलह नहीं चाहते थे। बेटा जब भी बात … Read more

“जो रिश्ता विपत्ति बांटने के लिए बनाया जाता है वह खुद संपत्ति बांटने के चक्कर मे बंट जाता है।” – भगवती सक्सेना गौड़ : Moral Stories in Hindi

आज हरिद्वार से घूमकर एक माह बाद सिद्धेश्वर जी अपनी पत्नी के साथ घर आये। गेट पर ही नेमप्लेट लगी थी…चार्टर्ड एकाउंट रमेन्द्र गोयल। अचानक ये नए रूप में मेन दरवाजे पर देखकर कुछ चुभा। पर वह बोले नही कुछ, अभी तक बाबूजी के देहांत के बाद यह बड़ा सा दुमंजिला घर बाबूजी के ही … Read more

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