लांछन – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

माँ कहां चली गई तू …. कहां चली गई माँ… बहुत अकेली हो गई हूं माँ…. आज सरला अपने आंसू रोक नहीं पा रही थी , कहते हैं ना उम्र कितनी भी क्यों ना हो जब कहीं कोई नहीं दिखाई देता तो एक माँ ही होती है जो हर वक्त सामने होती है …! और … Read more

सिर्फ.. काम.. काम.. काम.. – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बहू.. तुम्हारी जचकी हुए पूरे 10 दिन हो गए अब  आराम वाराम छोड़ो और कुछ काम धाम करो, ऐसे दिनभरी बैठी या सोती रहोगी  तो शरीर खराब हो जाएगा, इस समय घर के काम करने से शरीर सही रहता है नहीं तो बाद में तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा! और वैसे भी तुम्हारा कोई ऑपरेशन से … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

हमारे देश में परोपकार करनेवालों की कमी नहीं है,परन्तु कुछ ऐसे लोग भी हैं ,जो देश में आपदा पड़ने पर भी बहती गंगा में हाथ धोने से बाज नहीं आते हैं।ऐसे लोग परमार्थ, दया,मानवता भूलकर अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु आपदा में भी अवसर  ढ़ूँढ़  ही लेते हैं।अभी कुछ दिनों पहले आई महामारी कोरोनाकाल में भी कुछ … Read more

“जो रिश्ता विपत्ति बांटने के लिए बनाया जाता है वह खुद संपत्ति बांटने के चक्कर में बंट जाता है ” – किरण फुलवारी : Moral Stories in Hindi

ट्रेन में बैठी ख्याति के मन में कई सारे विचार चल रहे थे। रक्षाबंधन के एक दिन पहले ही वह अपने पीहर आई थी, बड़े भाई के बुलाने पर, भाई ने स्वयं फोन करके रक्षाबंधन पर बुलाया था। खुशी खुशी वह घर जाने के लिए रवाना हुई थी उसे क्या पता था कि रक्षाबंधन के … Read more

भूल _अपना समझने की । – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

विनोद जी ने बहुत दौलत कमाई पर एक मलाल रह गया उनके कोई बेटा नहीं थी एक के बाद एक तीन लड़कियां  हो गई । तीसरी बेटी के समय पत्नी को गर्भाशय मैं दिक्कत हो गई थी जैसे तैसे मां बेटी की जान बची डॉक्टर ने साफ कह दिया की अब मां बनी तो जान … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

बात उन दिनों की है जब राधिका कॉलेज में पढ़ रही थी, ये उसका कॉलेज का पहला ही साल था। राधिका पढाई में तो होशियार थी ही वो पाक कला में भी निपुण थी। उसके हाथ में जादू था और हर तरह का खाना वो मिनटों सेकेंडों में बना देती थी, जो भी उसका बनाया … Read more

पंख – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

“जिस दिन मेरे पंख आयेंगे न देखना मैं आसमान में उड़ जाऊंगी।” नन्हीं बच्ची ने एक चिड़िया को बालकनी में बैठे देखकर मां से कहा। मां मुस्कुराई। उसकी पीठ पर हाथ फेरा और कहा–”हम लड़कियों के पंख आते नहीं है बेटा, हमें खुद बनाने पड़ते हैं। अपने छुपे हुए आत्मविश्वास, अपनी दबी हुई ताकत, और … Read more

आत्मसम्मान – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

रवि के पिता जी और छवि के पिता  जी साथ काम करते थे। रवि के पिता जी की अचानक मौत हो गई। छवि के पिता जी की मदद से रवि की नौकरी और उनकी माता जी की पेंशन लग गई। अब दोनों परिवारों में गहरे विश्वास का रिश्ता स्थापित हो गया।              एक शाम रवि छवि … Read more

गृहलक्ष्मी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

नेहा  और अजीत जुड़वा भाई-बहन थे । दोनो  एक ही स्कूल में साथ पढ़ते थे ।स्कूल सिर्फ दसवीं कक्षा तक था । आज ही रिजल्ट निकला था, अच्छे नम्बरों से पास हुई थी नेहा और उसका भाई अजीत बस किसी तरह पास हो गया था । अपने रईस दोस्तों को देखकर अजीत ने ज़िद ठानी … Read more

आत्मसम्मान – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

सुबह और शाम, सुख और दुख, हर्ष और विषाद, करुणा और दया, ईर्ष्या और प्रेम मानव जीवन में पाये जाने वाले ऐसे भाव हैं जो चाहकर भी अलग नहीं किये जा सकते। इनके सहयोग से ही स्वाभिमान और अभिमान का अभ्युदय होता है जो किसी के व्यक्तित्व को निखारने और कुचलने का कारण बन जाता … Read more

error: Content is protected !!