आत्मसम्मान – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे जैसे रामदीन काका का गांव , पास आता जारहा था सेठ गिरिधर दास जी केदिल की धड़कन तेज होती जारही थी और ऐसी की कार में बैठे हुए भी उनको पसीना आरहा था।यह सोच सोच कर उनको शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी कि किस तरह बेइज्जत करके उन्होंने अपनी बहू नमिता केकहने पर रामदीन … Read more

*आत्मसम्मान का पाठ* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

शील कुमार कमरे में बैठे अखबार पढ़ रहै थे। उनके कान में अपनी पत्नी वीणा और बेटी राधा की आवाजे जोर जोर से आ रही थी। उनका ध्यान पेपर से हटकर उन दोनों की बातों की तरफ मुड़ गया। राधा की बातें सुनकर ऐसा लगा जैसे उनके दिल की आवाज को हूबहू वो अपनी माँ … Read more

लफ्जो मे नही हकीकत मे बराबर कर दो ना – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बहनजी हमे तो आपकी बेटी बहुत पसंद है बस लड़का लड़की दोनो आपस में बात कर लें फिर रिश्ता पक्का कर देते है आखिर जिंदगी तो इन्हे ही बितानी है साथ में !” लड़की देखने आई लड़के की मां स्मिता बोली। ” सही कहा बहनजी जाओ श्रीति ( लड़की) देवांश ( लड़का) को टैरेस … Read more

पैसों का मोह – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रमेश और दीपक बचपन से गहरे दोस्त थे। दोनों पढाई करके कुछ बन न पाए। तो उन्होंने सोचा क्यों न साथ काम शुरू किया जाए। उन्होंने बहुत से बिजनेस के बारे मोबाइल में, कभी आपसी व्यवहार के लोगों से संपर्क के बाद सोचा क्यों न कपड़े का व्यापार शुरू किया जाए। इसमें डबल कमाई होती … Read more

आत्मसम्मान – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“माँ तुम्हारे खर्चे बढ़ते ही जा रहे है… कोई कंट्रोल नहीं है तुम्हारे खर्चे पर… तुम्हें ज़रा भी अंदाज़ा है कि.. कितनी मेहनत से हम पैसाकमाते है…तुम हो कि… हमने कोई धर्मशाला नहीं खोल रखी है जो…नित्य तुम्हारे रिश्तेदार मुँह उठाए चले आते है…अब पापा नहीं है.. ये घर अब मेरा है.. बेटे की बात … Read more

आत्मसम्मान की जीत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

चंद्रकांत और विमला जी की दो बेटियां थी। बड़ी मालिनी और छोटी नलिनी। छोटी को सब प्यार से नीलू कहते थे। चंद्रकांत जी इतना कमा लेते थे कि आराम से घर चल जाता था। फालतू खर्च और अधिक सुख सुविधाएं नहीं थीं।  एक बार मालिनी को ऐसा बुखार आया कि जाते-जाते मालिनी को भी साथ … Read more

मृगतृष्णा – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

रामनाथ जी शादी करके अपनी धर्म पत्नी के साथ गांव में ही रहते आए हैं।जमीन -जायदाद असीमित थी उनके पास।बड़ी सी हवेली पुरखों की विरासत थी।घर‌ में नौकर -चाकर बहुत थे।रामनाथ जी का गांव में बहुत सम्मान‌ भी था।बस एक ही दुख था उन्हें कि उनकी कोई संतान‌ नहीं थी।पत्नी(प्रभा)ने कोई भी व्रत,उपवास ,पूजा बाकी … Read more

आत्मसम्मान – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

जलते दीए से निकलती ज्योति से आसपास का अंधेरा तो दूर हो जाता है! पर ये भी सच है चिराग तले अंधेरा! माता पिता ने नाम तो रौशनी रखा था! पर आजीवन दूसरे की जिंदगी रौशन करते खुद अपने नाम का अर्थ भूल गई! पर अपने #आत्मसम्मान #से कभी समझौता नही किया.. रौशनी के माता … Read more

भगवान का कोई बंटवारा नहीं कर सकता – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“जो रिश्ता विपत्ति बांटने के लिए बनाया जाता है वह रिश्ता खुद संपत्ति बांटने के चक्कर में बट जाता है अपने गांव में हमने कई घरों में देखा है माता-पिता को अपने ही बच्चों के बीच में बटते हुए  इसलिए हमने भी सोच लिया है बेटा जैसा तुम कहोगे हम वैसा ही करेंगे अब बताओ … Read more

दुनिया का दस्तूर – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   ” माँ- माँ..देखो ना..छोटे को बहुत चोट लगी है।” कहता हुआ बारह वर्ष का आशुतोष अपने छोटे भाई अंकित का हाथ पकड़कर दौड़े अपनी माँ सुनंदा के पास आया।वहीं पर बैठी सुनंदा की माँ आशुतोष के कान पकड़ने लगी तभी सुनंदा ने आकर अपनी माँ का हाथ रोक लिया,” नहीं माँ..आशुतोष को कुछ न बोलो।ज़रूर … Read more

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