घमंड का सर नीचा – — नेकराम   : Moral Stories in Hindi

सुंदर हूं तो अपनी सुंदरता दिखाती हूं ,, तुझे क्यों जलन हो रही है ,, तू भी आधे कपड़े पहन ले ,, तुझे किसने रोका है रीता ने अपनी बहन छबीली से थोड़ा ऊंचे लहजे में कहा — रीता और छबीली 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के विश्वविद्यालय करोड़ीमल कॉलेज में … Read more

बाबुल का प्रेम – शिखा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“बधाई हो, बधाई हो, मीठी को पाँचवे जन्मदिन की बधाई हो…” घर के हर सदस्य के होंठो पर आज सुबह से यही पँक्तियाँ थिरक रही थीं। आख़िर हो भी क्यों न, आज सबकी लाडली, सबकी दुलारी, घर की सबसे छोटी सदस्य मीठी की पाँचवी सालगिरह जो थी। मीठी की माँ नंदिता और पापा नीरज के … Read more

जाना ना बाबूजी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घर का ग़मगीन माहौल एहसास करवा रहा था कि आज फिर माँ अपने बाबुल की घर की गलियों को याद कर रही है…उनका अपने बाबूजी से प्रेम मैं बचपन से देखती आ रही थी और आज वो अपने बाबूजी को याद कर कर के रो रही है….आज नाना जी की पहली बरसी है। माँ सुबह … Read more

मन बनाकर मन मारना अच्छा नहीं लगता – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

” राशि राशि कहा हो यार जल्दी से आओ ।” ऑफिस से आते ही निकुंज अपने कमरे में जाकर राशि को जोर जोर से आवाज़ देकर बुलाने लगा “ आ रही हूँ बाबा पता ही है डिनर बना रही होती इस वक़्त फिर भी पूछ रहे हो कहाँ हो?” राशि भीगे हाथ तौलिए में पोंछते … Read more

देर आए दुरुस्त आए – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

घंटी की तेज आवाज सुन गीता की नींद टूट गई, इस समय कौन आया होगा सोच दरवाजा खोलने चली गई, दरवाजा खोलते ही आश्चर्यचकित हो गई। सामने गोद में कम्बल में लपेटे गिन्नी को लिये नील और नेहा खड़े थे। चेहरे की रंगत ही बता रही दोनों कई दिनों से ठीक से सोये नहीं।दोनों की … Read more

रक्तदान – मेरा पहला प्यार – सांची शर्मा  : Moral Stories in Hindi

एक अखबार में आर्टिकल के लिए इंटरव्यू देते समय जब कुणाल से पूछा कि आखिर यह काम करने की प्रेरणा उसे कहां से मिली तो मुस्कुरा कर बस यही बोला कि रक्तदान मेरा पहला प्यार है और फिर वह अपनी सांझ के बारे में सोचने लगा। उसे खुद को भी याद नहीं की कब से.. … Read more

किटी पार्टी – अर्चना सिंह  : Moral Stories in Hindi

आज की सुबह बहुत अलसायी हुई, सुस्त सी महसूस हो रही थी ।  मधु ने सोचते हुए झट से खिड़की के पर्दे को हटाया । एक तो आज इतवार भी था, और आज ही उसे देर तक सोने का मन भी था । न जाने क्यों आज स्कूल वाले समय पर आँखें खुल गईं ।  … Read more

बाबुल – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

विनया शादी करके ससुराल जो गई फिर मायके की तरफ़ मुड़कर नहीं देखा था । माता-पिता सोचते थे कि बिटिया वहाँ इतनी खुश है कि उसे मायके की याद ही नहीं आ रही है । चलो अच्छा है उसे ऐसा अच्छा ससुराल मिला है । विनया मायके आई नहीं थी परंतु फोन पर बातें अक्सर … Read more

राखी और कजलियां – शुभ्रा बैनर्जी   : Moral Stories in Hindi

सुबह से ही राखी की तैयारी कर रही थी रजनी।भद्रा लगने के कारण दोपहर को ही राखी बंध पाएगी।रजनी ने सोचा पकवान तो बना ही लूं।निधि भोर पांच बजे पहुंची है बैंगलुरू से।काम से छुट्टी तो नहीं मिली थी, वर्क फ्राम होम ले लिया उसने।नवीन को तो काम पर जाना था।दोपहर तक आ जाएगा वो। … Read more

आपकी बेटी होती तो.. – विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

दिव्या और शिल्पी बचपन की सहेलियाँ थीं।दोनों एक ही स्कूल और एक ही क्लास में पढ़ती थीं।पढ़ाई के साथ-साथ दोनों स्कूल की खेल प्रतियोगिता और संगीत प्रतियोगिता में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं।दिव्या तेज स्वभाव की थी।उसे गलत बात बर्दाश्त नहीं होती थी।विशेषकर उसकी सहेली को कोई कुछ कह दे तो वह उससे झगड़ा … Read more

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