कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–5) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi
एक बार तो नवल के प्राण जैसे हलक से बाहर ही आ गया हो नवल को काटो तो खून नहीं मुझे माफ कर दो… मुझसे गलती हो गई मेरी नजरों से ओझल हो जाओ वर्ना तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा नवल को जैसे एहसास हो गया हो की ये राधिका हो ही नही सकती नवल … Read more