कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–5) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

एक बार तो नवल के प्राण जैसे हलक से बाहर ही आ गया हो नवल को काटो तो खून नहीं मुझे माफ कर दो… मुझसे गलती हो गई मेरी नजरों से ओझल हो जाओ वर्ना तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा नवल को जैसे एहसास हो गया हो की ये राधिका हो ही नही सकती नवल … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–4) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

आज से करीब 40 वर्ष पहले वैष्णवी का राधिका के रूप में बैकुंठी गांव में जन्म हुआ था उसके पिता का नाम रामेश्वर पांडे था और माता अंबिका देवी । राधिका का एक छोटा भाई नारायण था जिसे राधिका बहुत प्यार करती थी और छोटा भाई भी अपनी बहन से ज्यादा लगाव रखता था । … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–3) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

जैसे ही वैष्णवी ने मोहन काका आवाज लगाई राघव ने बुढिया द्वारा दी गई साड़ी के किनारे को वैष्णवी के माथे पर लगाया जिससे वैष्णवी शांत पड़ गई। बिलकुल वैसे ही जैसे मंदिर में माता वैष्णो देवी के पास ले जाकर हुई थी… राघव और यशोदा बिलकुल अचंभित थे ऐसा कैसे हो सकता है बिलकुल … Read more

वह हरी साडी़ – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

सावन का रिमझिम प्रारंभ हुआ… तन-मन भींगा-भींगा…हरी-भरी धरती संग उल्लसित जनसमुदाय।  इधर सावन महीने में सावन महोत्सव मनाने की तैयारी महाविद्यालय में चल रही थी। सभी को हरे रंग की साडी़   चूड़ियाँ  हाथों में मेंहदी लगाकर जाना था।उससे संबंधित  शिक्षिकायें और छात्रायें बडी़ जोर-शोर से तैयारी  कर रही थी। हमलोगों ने छात्राओं के लिये … Read more

अपना घर अपना ही होता है – हेमलता गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

मम्मी.. हम अपने घर कब चलेंगे..? अभी तो कल की शादी है और आप हमें तीन दिन पहले ही यहां ले आई ?क्या बात है बेटा.. क्या तुम्हारा शादी में मन नहीं लग रहा? देखो कितने सारे रिश्तेदार आए हुए हैं, ताऊ जी चाचा बुआ उनके बच्चे सब तुम्हारे बराबर है फिर भी अपने घर … Read more

आईना – अर्चना कोहली ‘अर्चि’  : Moral Stories in Hindi

शाम चार से छह बजे तक महेश जी दुकान बंद करते हैं। आज दुकान से आकर लंच करने के बाद वाशबेसिन में हाथ धो ही रहे थे कि कॉलबेल बजी। महेश ने तौलिए से हाथ पोंछ कर दरवाज़ा खोला तो भैया-भाभी थे। “अरे, भैया-भाभी आप अचानक! आज इतने सालों बाद मेरी याद कैसे आ गई। … Read more

असली दौलत – भगवती  : Moral Stories in Hindi

आदित्य अजीत मेहरा का इकलौता बेटा था। इंजीनियर की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह नौकरी की तलाश में था । उसने सोचा था कि वह जल्द ही एक अच्छे पद पर आसीन होगा परंतु वक्त सरपट घोड़े समान भागता चला जा रहा था और नौकरी न मिलने की हताशा आदित्य के भीतर एक गहरी … Read more

खन्दान की इज्जत – पुष्पा पाण्डेय   : Moral Stories in Hindi

पूजा बारहवीं की परीक्षा नब्बे प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुई। अब काॅलेज में नामांकन की तैयारी हो रही थी। कोशिश थी कि अच्छे- से-अच्छे काॅलेज में नामांकन हो जाए। उसकी रुचि तो विज्ञान विषय में थी, लेकिन उसके पापा कला क्षेत्र के समर्थक थे। या यों कहें कि अनकहा दबाव था। पूजा ने मनोविज्ञान को … Read more

बेटा बहू को एकांत में रहने दो – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ बहुत दिन हो गए हम कहीं बाहर ना तो घुमने गए हैं ना किसी रेस्टोरेन्ट में जाकर बैठ कर खाए ही हैं… इस बार हम संडे को बाहर चलेंगे बस।” दीया ने रात के खाने के बाद फ़रमान जारी कर दिया. “ बेटा पापा को एक दिन तो आराम करने को मिलता है उसमें … Read more

स्वार्थ का चश्मा उतर गया – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

” इतनी देर क्यों कर दी रति,कब से सब लोग तेरा इंतजार कर रहे थे, कि तू आये फिर चाय पी जाये “, अनीता ने थोड़ा खींझ कर कहा। “अरे भाई संयुक्त परिवार में रहती हूँ तो देर होना स्वाभाविक है, अभी भी सब्जी लेकर आ रही हूँ , तुम लोगों के मजे हैं,एकल परिवार … Read more

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