त्याग से बढ़कर कोई खुशी नहीं – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

कल रात जब से रोहन अपने दोस्त सुधीर की बर्थडे पार्टी में से लौट कर आया है नींद तो जैसे गायब हो गई हो, एक चेहरा उसे  बरबस अपनी और आकर्षित किया जा रहा है कौन था वह चेहरा, किसका था, कहां से आई थी, बहुत सारे सवाल उस के जहन  में चल रहे थे, … Read more

*एक दूजे के लिये* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 पूजा नही आयी ना, माँ?मन नही मानता वह इस प्रकार मुँह मोड़ लेगी।        बेटा, तू उसका ख्याल छोड़ दे।सपने सभी सच हो ये जरूरी तो नही।बस तू जल्द ठीक हो जा,बेटे।       मैं क्या करूँ माँ?पूजा का चेहरा मेरी आँखों के आगे से हटता ही नही।कहते कहते सचिन बिलख पड़ा।       माँ ने सचिन को अपने मे … Read more

रंगहीन से रंगीन – सुनीता संधू : Moral Stories in Hindi

घंटी की आवाज सुनकर राधा रसोई से बाहर आई। तौलिए से हाथ पोंछकर वह दरवाजे तक गई। उसने देखा बाहर पोस्टमैन खड़ा था। उसने उसे एक निमंत्रण पत्र दिया। दरवाजा बंद कर अंदर आते हुए वह उसे ध्यान से देखने लगी। यह उसकी मासी के बेटे रवि के विवाह का निमंत्रण पत्र था। आने वाली … Read more

शादी का लड्डू खाकर ही पछताया जाए! – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi

एक तो पहले ही शादी शब्द से ही मन में कुलबुलाहट सी होने लगती है यह सोच कर कि शादी के बाद क्या होगा कितनी जिम्मेदारियां होंगी… सारी आजादी छीन जाएगी वगेरह वगेरह?? “क्योंकि ज्यादातर केस में शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों ही थोड़े अल्हड़ और गैर जिम्मेदाराना रहते हैं, ना वक्त से … Read more

बैसाखी का बोझ – मानसिंह : Moral Stories in Hindi

आज रमाशंकर सिंह जी बहुत खुश थे। बहुत दिनों बाद उनका फ़ौजी बेटा घर आने वाला था। गांव में उनका छोटा सा घर था। पत्नी हमेशा बीमार रहती थी। मानसिंह उनका इकलौता बेटा जो बहुत मन्नत मांगने के बाद हुआ था। खुद भी सेना में रहे तो बेटे को भी देश सेवा के इतने पाठ … Read more

मै दिखा दूंगी बहू को कैसे रखते है… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

शीला जी एक दबंग महिला थी… सास के रूप में भी थोड़ा कड़क..।   शीला जी की तीन  बहुएँ है.।  जिंदगी ठीक चल रही थी,.. पर बहुओं को हमेशा व्यस्त रखती…. पारंपरिक घर… कितनी भी भूख हो बहुएँ सब को खिलाने के बाद ही खाती थी..। सारा काम करती थी, फिर भी सासुमां की कसौटी … Read more

अब यही हमारा घर हैं !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

मुरली प्रसाद जी बैठे बैठे कविता लिख रहे थे कि उन्हे अपनी बहू राखी की आवाज सुनाई दी जो उनके बेटे कमल से कह रही थी देखा कैसे बैठे बैठे तुम्हारे बाबुजी ने खर्चा करवा दिया हमारा , मैं तो परेशान हो गई हुं इनसे , मुझसे नहीं होने वाली इनकी सेवा वेवा , पहले … Read more

मदद – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

रोज की तरह आनन  फानन में अपना सुबह का काम निबटाकर सुधा अपने स्कूल के लिए निकली ही थी कि सामने फिर वही औरत पड़ गई। “दीदी सुनिए जरा..!!मेरा बेटा भूखा और बीमार है। कुछ खाने के लिए पैसे दे दो!! सुधा को झुंझलाहट हुई। वैसे ही देर हो रही है अब यह कहाँ से … Read more

मतभेद – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

प्रशांत और भवानी के तीन बच्चे थे । दो बेटे सुभाष और शरत एक बेटी शालिनी । प्रशांत रेवेन्यू डिपार्टमेंट में क्लर्क थे । पति पत्नी का एक ही मक़सद था कि बच्चों को अच्छे संस्कार देना और खूब पढ़ाना । उन्होंने बच्चों को बहुत पढ़ाया बड़ा बेटा सुभाष ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और … Read more

मतभेद – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुनकमिजाज सरिता का मायके में एक सप्ताह में दूसरा चक्कर था , ससुराल लोकल था ,सो थोड़ा सा भी कुछ ऊपर नीचे होता , तुरंत मायके आ धमकती। शुरू शुरू में तो मां ने सोचा कि अभी शादी को दो ही महीने हुए हैं कुछ समय बाद ससुराल में रच बस जायगी।लेकिन आज उसको देख … Read more

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