थैंक्स पापा! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” बस आरव, बहुत हो चुका…अब मैं तुम्हारी तानाशाही हर्गिज़ नहीं सहूँगी।” निशा लगभग चीखते हुए बोली।  ” हाँ तो…मैं भी अब तुम्हारी गुलामी बर्दाश्त नहीं कर सकता।आरव.. ये मत करो..ऐसे नहीं बैठो..ये मत खाओ..तंग आ चुका हूँ तुम्हारी इस दादागिरी से..।”आरव भी उसी लहज़े में बोला तो निशा भड़क उठी,” अच्छा…शादी से पहले तो … Read more

प्यार भी तकरार भी – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“शीला, हद होती है किसी चीज की| आज तो तुमने कंजूसी की सारी हदें ही पार कर दी| क्या करोगी इतने पैसे बचाकर? रवि गुस्से से उबल रहा था| “पर,पहले बताइए तो मैंने किया क्या है?” “मेरे स्टेटस का तमाशा बना कर रख दिया है| दोस्तों के बीच मजाक बनकर रह गया हूँ| जब मैं … Read more

अब तो कह ही दो – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

सुवर्णा , कहां हो तुम , ये पेपर साइन करने थे, मीटिंग के लिए देर हो रही है,। सोमेश्वर , मैंने कहा था न,कि अब मेरे साइन की जरूरत नहीं है, तुम स्वयं ही सब देख लिया करो। मैंने भी कहा था न, सुवर्णा, तुम अगर मेरी बात नहीं मानोगी, तो मैं यह कैसे कर … Read more

मां कहां गई – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सामने नीम का पेड़ खड़ा लहरा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह कह रहा हो “आओ बेटा तुम्हें अपनी आगोश में ले लूं ।तुम्हें चिंता करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।” बस अपनी कुछ उम्मीद को लेकर मैंने मायके के दहलीज में कदम रखे थे यह सोचकर कि शायद मेरे कदम रखते … Read more

पद का नशा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

संजय शुक्ला रिटायर्ड IAS जो  सचिव के पद से रिटायर हुए एक  काॅलोनी  में अपने  निजी बनाये मकान में एक वर्ष पूर्व ही शिफ्ट हुए थे। रिटायर होने के बाद भी उनका रुतबा अभी वही बना हुआ था। वे अडोस – पडोस में न किसी से बात करते न घुलने मिलने का प्रयास। यदि कोई … Read more

गुमनाम वसीयतनामा — नेकराम : Moral Stories in Hindi

अंजली की शादी होने के बाद हम दोनों बहन भाई बहुत खुश थे लेकिन मन मुताबिक नौकरी न मिलने के कारण मैं वापस अपनी अम्मा के पास अपने घर लौट आया समय अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता चला गया करीब चार महीने बीतने के बाद — रात के 10:00 बज गए कौन दरवाजा खटखटा रहा … Read more

“शब्दों को पुष्प ना बना सको तो तीर भी न बनने दो” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा पढ़ी लिखी और सुंदर थी।पहली नजर में ही वो सबको पसंद आ जाती थी पर जब मुंह खोलती तो इतना कड़वा बोलती कि उसके सारे गुणों पे पानी फिर जाता।उसने इंजीनियरिंग के साथ साथ एम.बीए.भी किया था। उसे बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई थी।ऑफिस में भी रोज किसी न किसी के साथ उसका … Read more

नग वाली पायल – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

अरे सुना कुछ …..वो महेश अंकल नहीं रहे क्या? क्या कह रहे हैं आप?… अब? मंजरी  के हाथ,दुख और सदमे से रूक से गए। वरना सुबह सुबह काम से किसे फुर्सत मिलती है? इतनी सुबह ये समाचार मिला बस कुछ ही दूरी पर महेश और सौदामिनी जी रहते हैं। रिटायर हो चुके हैं, परंतु  बहुत … Read more

पुलकन – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरे भई श्रीमती जी कहां हैं आप लीजिए मॉर्निंग टी हाजिर है सुबोध जी ने चाय की केतली टिकोजी सहित लाकर बेड की साइड टेबल पर रख दी। शामली जी  वाश रूम से निकल रहीं थीं…! अरे सॉरी मुझे उठने में देर हो गई मैं बनाती ना आप क्यूं बना लाए कुछ शर्मिंदगी के एहसास … Read more

मतभेद तो हर घर में होते हैं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी, शाम को हम दुलारी ताई जी के यहां चलेंगे, बहुत महीने हो गये है, उनसे मिलना नहीं हुआ, फोन पर तो मै उनके हाल पूछ लेती हूं,” माही खुश होकर बोली, और कमरे की खिड़की से उसने नजर डाली तो सामने वाले घर में कोई हलचल नहीं पाकर हैरान थी। मम्मी, “वो ताई जी … Read more

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