कलंक – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi
मायके की दहलीज पर कदम रखते हीं बचपन अठखेलियां करने लगता है.. आस पड़ोस की बुआ चाची स्कूल कॉलेज की सखियां शिक्षक शिक्षिकाओं के चेहरे आंखों के सामने घूमने लगते हैं.. सब की खैरियत पूछने के क्रम में मैने लाली चाची का जिक्र किया.. मां उदास होकर बोली लाली नही रही… ओह.. मुहल्ले के बेहद … Read more