जीवन का जहर – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 जीवन है अगर तो जहर पीना ही पड़ेगा         मदर इंडिया फ़िल्म का यह गाना कानो में गूंज रहा था,और सरला की जीभ पर तो आज मानो सरस्वती मां विराजित हो गयी थी,बहुत ही कम बोलने वाली सरला को इतना मुखर पहले कभी भी किसी ने नही देखा था।       देखो मैं मानती हूं बुरे समय मे … Read more

घड़ियाली आंसू बहाना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूरे पन्द्रह दिन अस्पताल में रहने के बाद कमला जी कीने आज सुबह-सुबह अन्तिम सांस ली,इस समय उनके पास उनकी सहायिका रामकली के अलावा कोई नहीं था देखरेख करने के लिए।हांलांकि जिस दिन उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था उसके दूसरे दिन ही कमला जी के तीनों बच्चों को अड़ोस पड़ोस की मदद लेकर … Read more

जब आंख खुली,तभी सवेरा – बिमला महाजन : Moral Stories in Hindi

घर में प्रवेश करते ही उसका सासू मां से सामना हो गया। “इस समय कहां से ? “उन्होंने जानना चाहा  ” बस, स्टेशनरी की दुकान तक गई थी , कुछ सामान लाना था ।कल ललित की परीक्षा है न? “उसने उत्तर दिया । ” इन कपड़ों में ?  तुम अब इस घर की बहू हो … Read more

बहू के आगमन के बाद ही कड़वाहट क्यों ??? – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

अच्छा हुआ , जो वह मनहूस जा रही हैं यहां से !! अगर वह खुद से ना जाती तो शायद थोड़े दिनों में मैं ही उसे इस घर से निकाल देती रोशनी अपनी मां गायत्री जी से बोली !! गायत्री जी बोली – रोशनी यह कैसी बातें कर रही हो तुम , भाभी हैं वह … Read more

कड़वाहट – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज न जाने क्यों मन विगत जिंदगी के पन्ने बार बार पलट रहा है… मैं संगीता पचासवें वर्ष में प्रवेश कर चुकी हूं… बेटी दामाद बेटा बहु सब अपनी जिंदगी में मस्त और व्यस्त हैं… और मै गुलमोहर की तरह हूं शायद इसी लिए मुझे गुलमोहर और पलाश बहुत पसंद हैं… मेरी ओर रजत की … Read more

रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसती जा रही थी । – रेखा सक्सैना : Moral Stories in Hindi

सुरेश अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ शहर से दूर गांव में रहता  था । उसकी। आर्थिक  हालात कुछ अच्छी नहीं थी। रोज मजदूरी करने शहर जाता और उसे जो कुछ धन प्राप्त होता है उससे उसकी जीविका चल रही थी। परंतु वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर इस गरीबी के दलदल से … Read more

कड़वाहट – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

सुधा  कितने वर्षों बाद आज गांव आई थी। बड़े पापा का पचहत्तरवां जन्मदिन  जो था! आखिर बड़े पापा ने ही सारे परिवार को एक सूत्र में बांध रखा था। पूरा परिवार इक्ट्ठा हुआ था। पूरे बयालीस लोगों का परिवार! हर तरफ हंसी ठठे की आवाज़, छोटे छोटे बच्चों को खेलता देखकर सुधा को अपना बचपन … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दुल्हन बनकर जब मैं पहली बार अपने ससुराल आई थी तब अपनी पढ़ाई लिखाई और अपनी सुंदरता पर मुझे बड़ा घमंड था ससुराल में काम करने पर मुझे शर्म महसूस होती थी सारा दिन टीवी से चिपकी रहती थी सासू मां ही घर का सारा काम करती थी — पति तो मेरा मेरी उंगलियों में … Read more

जान की कीमत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

बच्चों को स्कूल भेज कर राशि आराम से चाय पीने का सोच रही थी…. सुबह जल्दी उठने से बच्चों का टिफिन भी  तैयार हो गया था इसलिए इत्मिनान से चाय का लुत्फ़ उठा सकती थी। राशि अपने और अपने पति निकुंज के लिए चाय बना कर अभी कुछ घूँट ली ही थी कि फोन की … Read more

मेरे भाई का दामन भरा रहे – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा अपने छोटे भाई रोहित से बहुत प्यार करती थी। रोहित भी अपनी बहन पर जान लुटाता था। नेहा को जरा भी तकलीफ होती तो वो सारा घर सिर पे उठा लेता था।रोहित अपने स्कूल का मेधावी क्षात्र था। घरवालों और सभी स्कूल के शिक्षकों को उससे बहुत उम्मीदें थीं। रोहित भी बहुत मेहनत करता … Read more

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