चलती का नाम ज़िन्दगी – स्नेह ज्योति’   : Moral Stories in Hindi

सुबह की सुनहरी धूप में जब निशा ने आँखे खोली तो वो अपने आने वाले भविष्य की कल्पना करने लगी । उसका सपना भारत क्रिकेट टीम की कप्तान बनने का था । बस बैठें बैठें इस ख़ुशी को महसूस करना शुरू ही किया था कि उसकी माँ निशा निशा चिल्लाती हुई अंदर आई | क्या … Read more

मनमुटाव – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’   : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के कमरे में अपने पति शशांक के पास बैठी गौरी की आंखें बीते दिनों को याद करके अश्रुपूरित हो गईं. ….वह सोच रही थी कि आज यदि उसके भैया भाभी भी उसका साथ नहीं देते तो वो तो अकेली ही पड़ जाती….ससुराल की तरफ से तो कोई मदद करने नहीं आया जबकि ससुराल वालों … Read more

अभागन – हेमलता गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

मां समझाओ ना बाबा को.. क्यों मेरे पीछे पड़े हैं,  मैंने कह दिया ना मुझे पढ़ना लिखना बिल्कुल नहीं पसंद, तो क्यों जिद कर रहे हैं? मेरा मन तो घर के कामों में, सिलाई बुनाई में लगता है, अगर जबरदस्ती मुझे विद्यालय में डाल भी दिया तो भी क्या होगा ! अरे बेटा ..पढ़ लिख … Read more

दाल भात में मूसर चंद – संध्या त्रिपाठी   : Moral Stories in Hindi

सुनते हैं जी ….वो प्रेक्षा बोल रही है नई मूवी आई है… देखने जाना है …अंजिता ने काम करते हुए पति रत्नेश से कहा….! हाँ तो जाए ना …इसमें पूछने वाली कौन सी बात है…. नई-नई शादी हुई है … जाएँ घूमे फिरे…. जिंदगी का आनंद लें…. रत्नेश ने भी सहज भाव से उत्तर दिया…। … Read more

कहने से पहले परखना – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ ये क्या कर दिया तुमने रोहित एक बार भी जेहन में ये ख़याल नहीं आया हम लोग इतने सालों से इस कम्पनी के लिए काम कर रहे हैं इनके परिवार को हम कितना सम्मान देते हैं और तुम एक लड़की के लिए अपना ईमान बेच दिए… लानत है तुम पर।” कहते हुए मनोज अपने … Read more

अभागन – पूजा गीत   : Moral Stories in Hindi

जानकी नाम था उसका। १२ साल की अबोध बालिका, पर बचपना कहीं नहीं था। बस जब कभी मुझसे गोल गप्पे खाने की जिद्द करती तो बच्ची लगती थी। मैंने अपनी पहली नौकरी एक एनजीओ से शुरू की। एमएससी का प्रोजेक्ट लगभग खत्म होने को था इसलिए नौकरी करने की सोची। जबसे होश संभाला है माँ … Read more

बहन की बेटी – मंजू ओमर   : Moral Stories in Hindi

आभा ने आज विभा से कहा आजकल निभा हमसे थोड़ी खींची खिंची रहती है ढंग से बात भी नहीं करती पता नहीं क्या बात है । जबसे यहां आई हूं देख रही हूं दूर दूर है मुझसे। जरा तुम बात करना निभा से क्या बात है क्या बात हो गई है। अच्छा आभा दी मुझे … Read more

गोद भराई – मंगला श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

आज  सरिताजी की बहू सलोनी की गोद भराई थी ।सुबह से ही उनके घर में बहुत गहमा गहमी चल रही थी , मेहमानों का रिश्तेदारों का आना लगा हुआ  था । उनके घर सालों बाद ये खुशी का मौका आया था। इस कारण उन्होंने बहुत ही धूमधाम से उत्साह से सारा कार्यक्रम रखा था।  पूरे … Read more

सीढ़ी – माधुरी गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

सुलभा हर रोज़ की तरह सुबह सोकर उठी तो देखा कि उसकी मां नीला देवी पहले से उठकर दो कप चाय बना कर उसका इन्तज़ार कर रही थी।उसे आश्चर्य हुआ कि रोज़ तो माँ उसके ऑफिस जाने के बाद ही उठती हैं फिर आज ये परिवर्तन कैसे।उसने े मांसे पूछा क्या आज आपको कहीं जाना … Read more

रिश्तों के बीच विश्वास की एक पतली रेखा होती है – मंजू ओमर   : Moral Stories in Hindi

बेटा मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि तुम ऐसा कुछ करोगे।इस तरह के संस्कार तो मैंने तूझे नहीं दिए थे बेटा । तुम्हारी हरकतों के बारे में सुनकर तो मैं बहुत शर्मिन्दा हो रही हूं। लता ने अपने बेटे अनुज को फोन करके कहा। क्या सुन लिया मां तुमने मेरे बारे में … Read more

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