जिंदादिली – संगीता अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

वह पैंतीस वर्ष की एक जिंदादिल महिला थी अभी दो महीने पहले ही इस सोसायटी में आईं थीं तो लोगों से ज्यादा परिचय नहीं था उसका वैसे भी सुबह नौ बजे नौकरी पर निकल जाती थी और शाम को सात बजे वापिस लौटती थी। छुट्टी वाले दिन बाज़ार के काम निपटाती थी… अकेली रहती सब … Read more

कोई लाख करे चतुराई – पूर्णिमा सोनी   : Moral Stories in Hindi

, पकौड़े और चटनी, समाप्त हो चुके थे। और थे भी कितने, विद्या जी मंदिर तक गई थीं तो उनकी चार सहेलियां और साथ में आ गई, जो उनके साथ भजन मंडली में शामिल रहती थीं मंदिर में। घर के भीतर से पकौड़े तलने की तेज खुशबू आ रही थी। आज ये मम्मी जी मंदिर … Read more

“रिश्तो के बीच विश्वास का एक पतला धागा होता है” – पूजा शर्मा   : Moral Stories in Hindi

दोनों बच्चे स्कूल जा चुके थे और रंजन भी ऑफिस के लिए निकल चुका था। अपने सास ससुर को भी नाश्ता कराने के बाद देविका अपना नाश्ता लेकर डाइनिंग टेबल पर बैठी ही थी उसके फोन की घंटी बज उठी।  पड़ोस में रहने वाली उसकी सहेली रूपा का फोन था  5 साल पहले दोनों ने … Read more

अभागी गंगा – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

‘‘ कितनी अभागी हूँ मैं… मेरे जैसी अभागन भी हो सकता है कोई दूनिया में ???? ऐसा लगता है लिखने वाले ने मेरी किस्मत ही काली स्याही से लिख दी है फिर किसी को क्या दोष दूँ… बचपन से लेकर आज तक बस सबकी सुनता ही आई हूँ….जब बाप का कुछ काम बिगड़ा बेटी दोषी … Read more

“बदलाव की बयार” – श्वेता अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

“अंश, यह दिशा है। इसने आज ही ऑफिस ज्वाइन किया है। तुम इसे इसका काम समझा दो। तुम दोनों सेम प्रोजेक्ट पर काम करोगे।” “ओके सर।” धीरे-धीरे एक ही प्रोजेक्ट पर काम करते-करते वे अच्छे दोस्त बन गए। यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई उन्हें पता ही नहीं चला। लेकिन अब असल समस्या शुरू … Read more

कान का कच्चा – शिव कुमारी शुक्ला   : Moral Stories in Hindi

अजय तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं ऐसा गलत काम कर सकती हूं। दस साल  हो गये हमारी  शादी को तुम मुझे इतना भी नहीं समझ पाये कि मैं किस तरह की सोच रखती हूं। इन दस सालों में तुम मुझे इतना ही परख पाये। मेरे बारे में तुम्हारी कितनी घिनौनी राय है। तुम्हें … Read more

अभागन – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

किरण मेरे जूते पालिश करने के लिए कहा था किया है कि नहीं ? यह किरण के पति अभिषेक की आवाज़ थी । किरण रसोई में पति के लिए ही लंचबॉक्स तैयार कर रही थी ।  उसकी तेज आवाज़ सुनते ही भागते हुए बाहर आते हुए कहती है मैंने पालिश कर दिया है । उस … Read more

चलती का नाम ज़िन्दगी – स्नेह ज्योति’   : Moral Stories in Hindi

सुबह की सुनहरी धूप में जब निशा ने आँखे खोली तो वो अपने आने वाले भविष्य की कल्पना करने लगी । उसका सपना भारत क्रिकेट टीम की कप्तान बनने का था । बस बैठें बैठें इस ख़ुशी को महसूस करना शुरू ही किया था कि उसकी माँ निशा निशा चिल्लाती हुई अंदर आई | क्या … Read more

मनमुटाव – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’   : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के कमरे में अपने पति शशांक के पास बैठी गौरी की आंखें बीते दिनों को याद करके अश्रुपूरित हो गईं. ….वह सोच रही थी कि आज यदि उसके भैया भाभी भी उसका साथ नहीं देते तो वो तो अकेली ही पड़ जाती….ससुराल की तरफ से तो कोई मदद करने नहीं आया जबकि ससुराल वालों … Read more

अभागन – हेमलता गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

मां समझाओ ना बाबा को.. क्यों मेरे पीछे पड़े हैं,  मैंने कह दिया ना मुझे पढ़ना लिखना बिल्कुल नहीं पसंद, तो क्यों जिद कर रहे हैं? मेरा मन तो घर के कामों में, सिलाई बुनाई में लगता है, अगर जबरदस्ती मुझे विद्यालय में डाल भी दिया तो भी क्या होगा ! अरे बेटा ..पढ़ लिख … Read more

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