किस्मत मुट्ठी में – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मेरी बात मान ले यशोदा, जब खसम ही दगा दे गया तो तू भी किसी के साथ बैठ जा।कम से कम तेरा तथा इस नन्ही जान का पेट तो भरता रहेगा। क्या कह रही हो बुआ,आदमी लंपट निकल गया तो क्या मैं भी वेश्या बन जाऊं?ऐसे ही किसी के साथ बैठ जाऊं।बुआ भगवान ने पेट … Read more

खुशकिस्मत – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

आज शुभ्रा से फोन पर देर तक बतियाती रही नीलू.शुभ्रा उसकी छोटी बहन है,दो बरस पहले उसी लड़के से उसकी शादी हुई थी जिसे उसने बहुत चाहा था और जिसे उसने नीलू से छीना था.  अंकुर का रिश्ता आया तो था नीलू के लिए ही मगर अंकुर,,शुभ्रा को इतना पसंद आ गया कि उसने ज़िद … Read more

कैसा ये प्यार है! – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

हॉस्पिटल के बाहर तक उसकी चीखों की आवाज़ गूंज रही थी,उसे मिले जख्मों के दर्द की टीस थी भी बहुत ज्यादा,उसकी बूढ़ी,बीमार मां ही उसके सिरहाने बैठी उसे सहला रही थी,मां की आंखें गंगा जमना बन कर बह रही थीं, पेट की जाई औलाद का दर्द सहन जो नहीं कर पा रही थी वो,और दुख … Read more

अभागन – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

वह दिन याद आता है जब पुष्पा मामी नई नवेली दुल्हन बनाकर वीरू मामा के जीवन में आई थीं. पच्चीस बरस की मामी और चालीस बरस के मामा.. नाना जी के चल बसने के बाद घर की पहाड़ सी जिम्मेदारियां मामा के कोमल कंधों पर ही तो आ गई थीं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में … Read more

“मां “अभागन नहीं होती – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

“बापू बापू उठो, देखो, जागो, उठो ना, मुन्ना कितना रो रहा है। उसके लिए बाजार से दूध ले आओ या फिर मुझे पैसे दो,मैं लेकर आती हूं।”8 साल की रानी ने सुबक कर हुए अपने पिता से कहा।     पर उसके पिता काशीलाल को होश ही कहां था। नशे में बड़बड़ाता हुआ, रानी को धक्का देकर … Read more

अभागन – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आज वट सावित्री व्रत का पर्व हैं और  सोसाइटी की सभी सुहागिन स्त्रियाँ खूब सज-धज कर सोसाइटी में ही स्थित मंदिर के पास लगे बरगद के पेड़ की पूजा -अर्चना  करने जा रही थी। मैं इस पर्व पैट अत्यधिक उदासे और दुःखी होती हूँ। थोड़ी आत्मग्लानि भी रहती है… क्योकि यह व्रत मैंने कभी शुरू … Read more

अभागन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा ! कितनी देर में आई हो , गाय को रोटी देने गई थी आप। भाभी भी इंतज़ार करते-करते थक  कर सो गई । हाँ.. वो रास्ते में उषा की दादी मिल गई थी , तुझे तो उषा से मिले कई साल हो गए होंगे ? उ..षा…. सच्ची अम्मा, उषा तो कई सालों से दिमाग़ … Read more

अभागन – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

आज उसके बेटे की हल्दी है ।घर में खूब जोर शोर से तैयारी चल रही है ।घर की औरतें सज धज रही है ।वह भी अपनी अलमारी खोल कर बैठी थी,” कौन सी साड़ी पहनूँ?यह सोचती हुई ।फिर अपनी माँ की दी हुई गुलाबी बनारसी निकाल लिया ।यही ठीक रहेगी ।उसे गुलाबी रंग बहुत पसंद … Read more

कर आई जग हँसाईं … – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

आज अपने आप पर कोफ़्त हो रहा था…क्या ज़रूरत थी मामी सास से ये सब कहने की… वो तो वैसे भी कान लगाए रहती हैं हमारे घर की हर बात जानने के लिए….मायके से विदा होते वक़्त कैसे दादी ने समझाते हुए कहा था,“ देख बिट्टो जहाँ जा रही वो तेरा ससुराल है…. तू तेरी … Read more

बड़ों पर भरोसा – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

   ” स्वाति…पापा आ गये हैं…अब अपना अंशु अपने दादाजी से ही पढ़ेगा.. है ना अंशु बेटे..।” नकुल हाथ में लिया बैग ड्राइंग रूम में रखते हुए अपनी पत्नी और बेटे से कहा तो अंशु खुश होकर ‘ यस पापा..’ कहकर अपने दादाजी से लिपट गया।       नकुल के पिता विश्वनाथ बाबू कस्बे के एक विद्यालय में … Read more

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