अभागन – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

“निशा…निशा…तुमने कुछ सुना…?”हडबड़ाती हुई कुसुम की आवाज सुन कर मैं थोडा़ घबरा गई। अभी चंद हफ्ते ही गुजरे थे मुझे यहां आए हुए, मैं न तो किसी को जानती ही थी न ही ऐसा मौका भी मिला था। “क्या हुआ कुसुम?”मैं संदेहात्मक रवैये से पूछा तो उसने बहुत ही दुख भरे लफ्जों में कहा “वो … Read more

कीमत – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठी कविता के गालों पर आसुओं के निशान बदहवास चेहरा और आंखों में गहरी वेदना लिए अपनी किस्मत को कोस रही थी.. बीस साल पहले रजत से उसकी शादी हुई थी.. रिश्तेदार के नाम पर बड़ी दीदी और जीजा जी और उनके दो बच्चे छः साल की … Read more

तू अभागन नहीं थी – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

पैदा होते ही अपने मां बाप को खा गई फिर मनहूस हमारे बेटे को खा गई..अभागन कहीं की…रोज सुमन को अपने सास ससुर के तानों से दो चार होना पड़ता था।अंदर से बेचारी टूट गई थी..पर कर भी क्या सकती थी? मां बाप होते तो उनकी पास चली जाती….मामा मामी ने तो वैसे ही उसे … Read more

अभागन – हेमलता : Moral Stories in Hindi

समृद्धि – समृद्धि बोलते हुए किसी ने उसे ज़ोर से झंझोड़ा तो देखा सामने उसकी प्रिय सखी रूचि खड़ी थीं और उसे पुकार रही थी पर वो तो अपना नाम भूल ही चुकी थी क्योंकि कोई भी उसे समृद्धि नाम से बुलाता ही नहीं था | सब उसे अभागन ही बोलते थे | आज बहुत … Read more

अभागन तू नहीं मैं हूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रश्मि अपने पति शिवम के साथ गाड़ी से अपने मायके जा रही थी | गाड़ी तेजी से आगे जा रही थी और रश्मि का मन उतनी ही तेजी से पीछे भाग रहा था | उसे अपने बीते दिनों की बातें याद आ रही थी |                   शिवम … Read more

कहां हूं मैं अभागन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बड़े घर के बिगड़ैल बेटे से ब्याह दी गई ज्योति।मन में नई नवेली दुल्हन के सपने लिए ससुराल आ गई ज्योति। मायके में सौतेली मां के जुल्म सहते सहते तक गई थी ज्योति चार साल की थी जब मां छोटे भाई के जन्म के समय चल बसी ।दो दिन का छोटा सा छोटू उसकी देखभाल … Read more

अभागन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सौंदर्या व्याकुल होकर घर में ही चहल कदमी कर रही थी कभी बालकनी, कभी घर का गेट खोलकर बाहर देखने जाती। बेचैनी में एक-एक पल उसे एक-एक वर्ष के समान लग रहा था। थोड़ी भी आहट होने पर बाहर देखने लगती। बहुत ही बेसब्री से बेटे अंशुल का इंतजार कर रही थी। और हो भी … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -17 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“ये क्या है अंकल” .. आरुणि आश्चर्य से पूछती है।  रोहित के पापा, आरुणि को संजीदगी से देखते हुए कहते हैं, “तुम खुद ही पढ़ो बेटा। अगर तुम्हारी हाँ होगी तभी बात आगे बढ़ेगी।” आरुणि के हाथों में पेपर्स होते हैं, जिनमें “जीवन का सवेरा” संस्था को सहारा देने और विस्तार करने की योजना विस्तार … Read more

अभागन की बेटी – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बहुत-बहुत बधाई हो रोली दीदी, बेटी ने आखिर साबित कर ही दिया कि आप कोई अभागन नहीं और वो कोई अभागन की बेटी नहीं। अरे अभागे तो वे लोग होते हैं जो समाज के डर से अपने हौसलों की उड़ान को रोक देते हैं, और समाज द्वारा बनाई गई झूठी मर्यादाओं के आगे अपने घुटने … Read more

साक्षात् लक्ष्मी है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुनसान सड़क पर इक्कीस वर्षीय लक्ष्मी बेतहाशा दौड़े जा रही थी कि अचानक उसकी आँखों के सामने तेज रोशनी चमकी और वह एक गाड़ी से टकराकर अचेत हो गई।ड्राइवर ने तुरंत ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी और बाहर आकर एक बेहोश महिला को देखा तो चिल्लाया,” मालिकsssss..।”  माणिक लाल साथ बैठी पत्नी सुभद्रा से बोले,” चिंता … Read more

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