ममता की कीमत – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 क्या कहा आपने!…मैं अपनी छुटकी को आपकी भाभी की गोद में डाल दूँ।किसी भी कीमत पर नहीं..कैसे भूल जाऊँ कि उन्होंने मेरी बच्चियों को कितना भला-बुरा कहा है।आपकी भाभी को तो मेरी बेटियाँ चुभती थी ना…फिर आज…।आप लोगों के स्वार्थ को मैं खूब समझती हूँ।” अंजू अपने पति अशोक पर लगभग चीखते हुए बोली तो … Read more

करनी का फल – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” हाय…! मेरी बहू….भगवान ने क्यों छीन लिया मेरी फूल -सी बच्ची को..।” बहू की अर्थी को चार लोग कंधा देकर ले जाने लगे तो पचपन वर्षीय सुलोचना छाती पीट-पीटकर रोने लगी और मोहल्ले की महिलाएँ उनको #घड़ियाली आँसू बहाते देख चकित थीं।        सुलोचना के पति गजेन्द्र बाबू की गाँव में एक परचून की दुकान … Read more

मुखाग्नि – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू प्रयागराज : Moral Stories in Hindi

जो स्त्री मंगलसूत्र गिरवी रखकर बचाने का प्रयास कर सकती है। वो सोचने वाली बात है कि कितनी कर्तव्य निष्ठ रही होगी  पर ये कौन देखता है  ।दम तोड़ते वक्त वो नही थी तो लोगों ने बात का बतंगड बना दिया। अरे! क्या जरूरत थी उसे घर जाने कि यह जानते हुए भी कि हालत … Read more

अयोग्य संबंधी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

नीरज के पापा रवि उसका रिजल्ट लेकर घर में घुसते ही अंबुजा-अंबुजा चिल्लाने लगे।अंबुजा जी रवि की धर्मपत्नी थीं।थोड़ी तेज स्वभाव की थीं।मायका पक्ष धनवान‌ था,तो रौब झड़ ही जाता था उनसे। दौड़ी आईं‌ और हांफते हुए बोलीं”,अब क्या कर दिया मेरे नीरज ने?”जो इतना हल्ला मचाया हुआ है।”रवि जी ने प्रसाद का एक लड्डू … Read more

आपसी समझ – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

गीतिका का पहला करवा चौथ था ।एक महीना पहले ही उसने मन ही मन तैयारी शुरू कर दी पर उसकी ससुराल में कोई हलचल नहीं थी । एक दिन ऑफिस में गीतिका की सहेली गुंजन ने कहा- गीतिका, करवा चौथ के लिए क्या ड्रेस तैयार करवा रही हो ? मैंने तो एक जॉरजेट का बड़ा … Read more

किस्मत – भगवती सक्सेना गौड़ : Moral Stories in Hindi

बीसवीं सदी में जन्मी रवीना, अब उन्मुक्त जीवन जी रही थी। जीवन मे किसी वस्तु की कमी नहीं थी। पर कुछ है, जो कभी कभी दिल मे चुभ जाता है। आज जो स्वतंत्रता लड़कियों को मिल रही है, वह रवीना के बचपन या कॉलेज लाइफ में उसको नही मिल सकी। घर मे एक बंधन रहता … Read more

ससुराल गेंदा फूल – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जैसे ही बेटी पाखी विदा हुई उसकी माँ कंचन अपनी सासू माँ के गले लग बिलख पड़ी। “माँ मुझे पाखी की बहुत फिक्र हो रही है।” “कंचन बेटा फिक्र करने की कोई बात नहीं है पाखी अपने ससुराल में बहुत खुश रहेगी।” “कैसी रहेगी? आपने देखा नहीं जब फेरों के वक्त हड़बड़ाहट के मारे पाखी … Read more

अब मुझे अपने बेटे बहू की कीमत पता चली है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, और हमारी तरफ से ये प्यारा सा उपहार, रोली ने आपके लिए अपने हाथों से जन्मदिन का केक बनाया है, जतिन ने अपनी मम्मी रंजना जी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। केक देखकर रंजना जी के चेहरे पर कोई भाव नहीं आया, उन्होंने उड़ती नजरों से केक को देखा … Read more

क्यों ना करूं अपनी किस्मत पर नाज – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

कहां मर गई सीमा सौतेली मां ने कर्कश आवाज में कहांl यह बर्तन पड़े हुए हैं उन्हें कौन साफ करेगाl अपने हाथ में ली हुई किताब तकिए के नीचे छुपा कर सीमा चुपचाप जाकर बर्तन साफ करने लगी l बर्तन साफ करके हाथ सुखा रही थी कि उसकी मां विमला देवी ने फिर से आवाज … Read more

हरे कांच की चूड़ियां! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

घर में मेहमानों की रेलमपेल मची थी। बाहर वाले कमरे में भीतर बरामदे से लेकर छत तक… सब जगह सुनीति अपनी ननद के घर उनकी पच्चीसवीं मैरिज एनिवर्सरी के अवसर पर आई थी… अपनी पति ,बच्चों और सासू मां सरला जी के साथ यूं तो ( सासू) मां साथ चलने को तैयार नहीं थी.. अभी … Read more

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