सख़्त पिता,घर की खूंट – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

गौरव की शादी मधु से हुई थी।सुंदर सुशील और शालीन थी सुधा।आतें ही मां ने घर की चाबियां (जिम्मेदारियां)सुधा के हाथों सौंप कर निश्चिंत हो गई।पढ़ी लिखी थी सुधा।बी एड भी किया था।पास के ही विद्यालय में नौकरी करने लगी थी। ऐसा करने वाली वह इस घर की पहली बहू थी।गौरव बहुत गंभीर स्वभाव के … Read more

नया अवतार – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

शोभना रसोई में सुबह से व्यस्त थी।आज बेटे राघव का जन्मदिन जो था।अब बड़ा हो गया है राघव।पहले की तरह पाव -भाजी या चाट समोसे की पार्टी अब नहीं दे सकता दोस्तों को।कल रात ही कह दिया था उसने”मम्मी,इस बार दोस्तों को होटल में ही पार्टी देने की सोच रहा हूं। “झरोखा”रेस्टोरेंट में मंचूरियन और … Read more

सवंरते रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

राघव एवं माधव दोनों पेशे से इंजिनियर थे और एक साथ ही एक ही कम्पनी में ज्वाइन  किया था। स्वाभाविक था कि दोनों में मित्रता  हो गई।दोनों ही पहली कम्पनी से जाॅव बदल कर  आये थे ।इस समय वे अकेले थे सो साथ ही रह  लिए।  बाद में राघव ने एक बडा फ्लैट लिया कारण … Read more

बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

जिस दिन पूर्वी का जन्म हुआ उस दिन परदादा महेंद्र प्रताप सिंह जी ने पूरे गाँव में लड्डू बँटवाए ।उनके  ना तो कोई बुआ थी ना बहन और ना ही बेटी । तीनों बेटों के भी बेटे ही बेटे ।  महेंद्र प्रताप सिंह  अपने समय के जाने- माने ज़मींदार थे । आस-पास के गाँवों में … Read more

वापसी टिकट – अर्चना सिंह: Moral Stories in Hindi

आराधना की डिलीवरी में तकरीब बीस दिन बचे थे । पहली डिलीवरी थी तो आराधना कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी । समझ नहीं पा रही थी वो किसके लिए क्या खरीदे और किसके लिए क्या करे । एक तरफ तो उसे भर्ती होने की चिंता थी तो दूसरी ओर उसे अनिमेष की मम्मी का तानाशाही … Read more

अपना किया खुद ही भुगतना पड़ता है… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“उसका शरीर बुख़ार से तप रहा था …फिर भी तुमसे नहीं हुआ कि उसे दवा दे दो…. देखना सुचि कहीं ऐसा ना हो तुम उससे दूरियाँ बढ़ाती जाओ और तुम्हारे बच्चे तुमसे…।” जीवन जी की ये बात याद कर आज सुचि के बहते आँसू रूक ही नहीं रहे थे  सुचि अपने कमरे में बुख़ार से … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -15 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

रोहित ने अपने पापा से मन की बात साझा करते हुए कहा, “मैं मुंबई में ‘जीवन का सवेरा’ शुरू करना चाहता हूँ। ये भी अभी आरुणि से डिस्कस नहीं किया है मैंने।” रोहित के पापा इस विचार को सुनकर गहराई से सोचने लगे। तभी गोपी चाचा, जो पास ही खड़े थे, उत्साहित होकर बोले, “ये … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -14 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

रोहित ने अपने पापा से मन की बात साझा करते हुए कहा, “मैं मुंबई में ‘जीवन का सवेरा’ शुरू करना चाहता हूँ। ये भी अभी आरुणि से डिस्कस नहीं किया है मैंने।” रोहित के पापा इस विचार को सुनकर गहराई से सोचने लगे। तभी गोपी चाचा, जो पास ही खड़े थे, उत्साहित होकर बोले, “ये … Read more

बेटियाँ पराई हैं – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

शाम हो गई थी, सुलेखा माँ की राह देख रही थी, सड़क की तरफ देखने के लिए वह टेरिस पर आ गई,आज गुलाब के पौधों में कितने सारे गुलाब खिले हैं. सब सुलेखा के लगाए हुए हैं.कितनी छोटी सी है ना उसकी और माँ की दुनिया.. पापा के चले जाने के बाद बस वही दो … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

रात का खाना खाते समय रेवती बहुत चुप चुप थी। एकदम शांत और गंभीर, पर उसके भीतर एक बहुत बड़ा तूफान करवटें ले रहा था। रेवती समझ नहीं पा रही थी कि वह सही सोच रही है या गलत। उसे गहरी सोच में डूबे देख कर उसके पति राघव ने पूछा -“क्या बात है रेवती, … Read more

error: Content is protected !!