मर्द का भी रोना ज़रूरी है -शनाया अहम Moral Stories in Hindi

क्या दर्द सिर्फ औरतों को होता है ,मर्द को नहीं ??? क्या वाक़ई भावनाएं सिर्फ औरतों में होती हैं , मर्दों में नहीं ??? क्या औरतों को ही सबके सामने आंसू बहाने का हक़ है , मर्द अकेले में नहीं रो सकता ??? ये तमाम सवाल आज जवाब मांग रहे थे रितेश के दिल से … Read more

खुशनुमा बयार – बालेश्वर गुप्ता Moral Stories in Hindi

मानसी-मानसी, खुश खबरी, कल पापा हमारे पास आ रहे है,तीन दिन रहेंगे।ओह, पापा, आपने हमे माफ कर दिया,इससे बढ़कर हमारे लिये कुछ भी नही।      क्यों, राजेश क्या अब मेरी बिरादरी बदल गयी है जो दो वर्ष पहले मुझे ताना देकर सुनाई गई थी,या अब अपने बेटे से कुछ जरूरत आन पड़ी है?        ये कैसा रिएक्शन … Read more

चीटियां मेला जाती है – सुनीता मुखर्जी “श्रुति Moral Stories in Hindi

चार-पांच दशक पहले की बात है जब नित्या बहुत छोटी थी। उसे चीटियां बहुत आकर्षित करती थी। हमेशा सोचती यह चीटियां कितनी अच्छी है दूर-दूर तक घूमने चली जाती है। आखिर जाती कहांँ है?? यह उत्सुकता हमेशा उसके मन में बनी रहती।  एक दिन नित्या पड़ोस की एक महिला से बोली काकी!! यह चीटियां कहांँ … Read more

कितने नंबर चाहिए – संध्या त्रिपाठी Moral Stories in Hindi

 आज फिर ट्रेन लेट है , रेलवे स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करना  वो भी अकेले , बहुत अखर जाता है… बड़बड़ाते हुए आकृति बार बार घड़ी की ओर देखती फिर मोबाइल में सर्च करती अभी कहां पर पहुंची है ट्रेन…. और कितना समय लगेगा…?         इसी बीच एक 10 – 11 वर्ष का बालक … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -113)- सीमा वर्मा अंतिम भाग : Moral stories in hindi

नैना धीरे-धीरे विषाद से उबर रही है। अनुराधा! लगातार उसके साथ बनी रह कर उसके मन पर छाई गहरी अंधेरी छायाओं को हटाने में सफल हो रही है। उसे आहिस्ता-आहिस्ता हिमांशु-विहीन जीवन की आदत पड़ने लगी है। औफिस की ज़िम्मेदारियों, नाटकों की ताबड़तोड़ रिहर्सल एवं सफल मंचन से पूर्व की कटु स्मृतियां हाशिए पर जा … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -112)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

आजकल नैना को नींद नहीं आती। अगर कभी भूले- भटके आ भी गई तो एक सपना आता है। जिसमें वह एक खाई के पास खड़ी रहती है। खाई में बहुत पानी भरा है, जिसकी दूसरी ओर कोई एक आदमी हाथ में मटका रख कर खड़ा है। फिर वह आदमी हाथ में पकड़े मटकों को एक- … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -111)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

बहरहाल … सेंटर से निकल कर सीधा घर पहुंचा था। वहां बहुत जतन से रखे हुए पिता पत्र ले कर निकलने जा ही रहा था कि वहां माया को देख कर ठिठक गया। उसे शायद नैना ने मेरे सेंटर से ठीक होकर निकलने की सूचना दी होगी। मैं अचानक उसे देख कर थोड़ा असहज हो … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -110)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

नैना ने कांपते हाथों से पत्र खोला, ” देखो तुम नाराज़ मत होना। और ना ही सोच- सोच कर परेशान होना। अब मेरे लिए घर लौटना संभव नहीं है। वहां रह कर मैं तुमलोग का सामना नहीं कर पाऊंगा।  सच्चाई तो यह है कि, मैंने ही रिशेप्शन पर बैठी स्टाफ से कह कर अपने मुक्त … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -109)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

उस दिन हिमांशु से मिलने सेंटर जाने के लिए पिता भी साथ हो लिए थे। नैना को हिमांशु के चेहरे पर पहले जैसा ही आभा पूर्ण तेज पसरा हुआ दिखा था। चेहरा दमक रहा था आंखों में फिर वही पुरानी जीवंत चमक लौट आई है। नैना ने देखा, लेकिन पिता की चौकन्ना मूल्यांकन करने वाली … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -108)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

ठीक दस बजे वे दोनों रिहैबिलिटेशन सेंटर के गेट से अंदर जा चुके हैं। डौक्टरों की सलाह के मुताबिक नैना को हिमांशु से मिलने आते रहना चाहिए। उस दिन आशा के विपरीत हिमांशु वहां पहले से ही बैठा हुआ अखबार देख रहा है। जिसकी उम्मीद उन्हें बिल्कुल नहीं थी। यह उसकी ओर से साकारात्मक पहल … Read more

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