रिश्ते मैं तकरार हो पर दरार ना हो – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

बर्षा तू अपने बेटे को समझा ले जब देखो तब मेरी बेटी को मारता रहता है किसी दिन मेरा हाथ उठ गया तो फिर तुझे बुरा लगेगा मीतू अपनी देवरानी से बोली । बर्षा बोली दीदी आपकी बेटी भी दिखने की सीधी है वो भी बराबर से लड़ लेती है आपके सामने भोली बन जाती … Read more

जहाँ प्यार है वहाँ तकरार है – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ जी आप मिसेज़ सिंह बोल रही है… आपके पति का रोड एक्सीडेंट हो गया है ।” कहते हुए उस अनजान से नम्बर ने एक अस्पताल का पता बता रम्या से  जल्दी आने को कह कर फोन काट दिया । रम्या घबराते हुए पति को फ़ोन लगाने लगी पर ये क्या फोन लग ही नहीं … Read more

छोटी छोटी बातों पर – ऋतु गुप्ता   : Moral stories in hindi

मैं जल्दी-जल्दी बाजार का काम खत्म करके बस वापिस लौट ही  रही थी कि अचानक सामने वाली दुकान पर जाना पहचाना चेहरा नजर आया । ध्यान से देखा तो स्मृति थी।आज उसके चेहरे पर एक अलग ही निखार था। धानी रंग के सूट पर महरुम कलर का दुपट्टा उसके निखार पर और चार चांद लगा … Read more

दर्द का रिश्ता – विमला भंभाणी लखवाणी: Moral stories in hindi

“हैलो आंटी जी, मुझे माफ कीजियेगा| आप मंडे को मेरी ऑफिस में मुझ से मिलने आई थीं| उस वक्त मैं मीटींग में था| मैं जल्द ही आपसे रूबरू आकर मिलूँगा| बहुत बिज़ी था, इसलिए आपको बी बी एम भी नहीं कर पाया|” “आपका शुभ नाम?” “जी, मैं आकाश|” “आप कौन?” “जी, मैं तारा|” “तारा जी, … Read more

खरा सोना – प्राची अग्रवाल  : Moral stories in hindi

संध्या और उसके पति हेमंत दोनों ही प्राइवेट नौकरी करते। पहले केवल हेमंत एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। घर गृहस्थी बढ़ जाने पर बच्चों की पढ़ाई लिखाई का अधिक खर्च होने के कारण संध्या भी काम पर जाने लगती है। मकान घर का है। इसलिए थोड़ी राहत सी महसूस होती। संध्या की सास … Read more

पहली रसोई – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

निशि बहुत ही प्यारी सी लड़की थी। वो काफ़ी पढ़ी लिखी और शहर के प्रसिद्ध स्कूल में अध्यापिका के पद पर कार्यरत थी । उसका साधारण सा मध्यमवर्गीय परिवार था। बहुत अमीर तो वो नहीं थे पर उसके माता पिता ने अपनी तरफ निशि और उसके भाई बहन को अच्छी परवरिश देने में कोई कसर … Read more

छोटा मुंह बड़ी बात – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अरे प्रदीप जी…. यार.. घर में एकलौती बिटिया की शादी है, फिर भी खास रौनक नजर नहीं आ रही! अरे भाई एक ही बेटी है तुम्हारी, उसमें तो जी खोलकर पैसा लगा दो, इन पैसों को साथ ही ऊपर लेकर जाओगे क्या ? ना तो कोई ढंग की सजावट की गई है ना ही कोई … Read more

पुश्तैनी काम नहीं मर्ज़ी की काम – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

आज रमाकान्त जी को बहुत ज़रूरी काम से कहीं जाना था वही दुकान पर बहुत भीड़ देख कर रमाकान्त जी अपने सबसे पुराने और वफ़ादार कर्मचारी सूरजमल को बुला कर बोले ,”देखो सूरज आज दुकान का ध्यान रखना ,बहुत भीड़ है ,सब सँभाल लेना मुझे जरा ज़रूरी काम से कहीं जाना है… तुम ध्यान रख … Read more

यादों के उफान – किरण केशरे : Moral Stories in Hindi

माला जी अपने छोटे से खूबसूरत लॅान में धूप में बैठी हुई,ख्यालों में खो सी गई थी,,  बेटे सूरज का कनाडा से वीडियो कॉल आया था कल ही, बहुत सी बातें हुई, वह माला जी को बार बार कनाडा आने के लिए कह रहा था, क्योंकि दिनेश जी के जाने के बाद से वह अकेली … Read more

सास बन गई हूं, पर मै सुहागन हूं – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

दुकान पर भीड़ उमड़ी हुई थी, साड़ियां खरीदने के लिए महिलाएं काफी थी, इतनी भीड़ देखकर हेमा जी एक तरफ बैठ गई, और भीड़ छंटने का इन्तज़ार करने लगी, थोड़ी देर बाद उन्हें भी आगे बढ़ने की जगह मिल गई, वो वहां जाकर बैठी ही थी कि सामने उनकी पुरानी पड़ोसन दीप्ति जी बैठी हुई … Read more

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