आंखों देखी-कानो सुनी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अरे अन्नू के पापा जल्द आओ,आओ ना जल्दी से। क्या हुआ मालती, क्या बात है,रात में भी तुम्हे चैन नही? अरे देखो खिड़की से बाहर जल्दी से इधर आओ,ये अपने पड़ौसी का लड़का राजेश कैसे चोरी चोरी सा छुपता सा जा रहा है,जरूर कोई मामला है,इसके लक्षण मुझे तो ठीक नही लगते।जरूर कोई न कोई … Read more

बडा़ घर – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आजकल रति और उसका पूरा परिवार  खुशियों के समुंदर में गोते लगा रहा है। जमीन पर पाँव नहीं टिकते… आकाश छूने को बेताब हैं।    भला हो भी क्यों नहीं साधारण परिवार जिसमें पाँच -पाँच कन्याएं… देखने में सुंदर, गोरी चिट्टी ,काम-काज में होशियार लेकिन पिता के पास दहेज की पोटली नहीं …वैसे में बडी़ लड़की … Read more

हलवा – हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

पापा पापा… देखो.. मैंने  आपके लिए आटे का हलवा बनाया है, आप खाकर बताइए कैसा बना है? 15 साल की रितु ने अपने पापा विजेंद्र से कहा! पापा अपनी बेटी की बात कैसे टाल सकते थे उन्होंने हलवे को खाते ही कहा.. वाह… मैंने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसा हलवा नहीं खाया! शाबाश बेटा.. ऐसे … Read more

मायका ही देखा ससुराल नहीं – नेकराम : Moral stories in hindi

जब मैं आठ वर्ष का था तो मैंने देखा मां कमरे के भीतर रो रही थी मैंने मां से पूछा ,,,अम्मा तुम रो क्यों रही हो ,,क्या बात है ,,मुझें बताओ,, तब मां ने कहा नेकराम अब तुझे क्या बताऊं तू तो अभी छोटा है ,, तब मैंने कहा अम्मा अब मैं बड़ा हो चुका … Read more

नवरात्रि – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

लगभग एक महीने पहले से पूनम जी ने सिंघाड़ा सुखाकर आटा पिसवा कर रख लिया था।बिना नमक के चिप्स,साबूदाने के पापड़,राजगीरे का आटा तैयार करके रख लिया था।बरसों से नवरात्रि की तैयारी करती रहीं थीं,पूनम जी।इस बार की नवरात्र तो खास होने वाली थी उनकी बहू के आ जाने से। “निशा ओ निशा,कल चुनरी प्रिंट … Read more

साॅरी मम्मी जी – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

बाप रे…. शादी के बाद कितनी फॉर्मेलिटीज निभानी पड़ती है ….मायके आने के बाद भी चैन नहीं…  समय-समय पर सासू माँ को फोन करो , हालचाल लो…. पतिदेव को तो गुड मॉर्निंग से लेकर गुड नाईट तक का खबर लेना देना ही होता है….        चांदनी ने मोबाइल पर मैसेज भेजने के बाद मन ही मन … Read more

रिश्ते बराबर वालों से बनाए – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

ये क्या आंटी जी आप झाड़ू लगा रही हैं काम वाली नहीं आई क्या। अरे आप खाना भी बना रही है और कपड़े भी खुद ही फैला रही है ।तो क्या हुआ बेटा सुलोचना बोली घर के काम तो घर की महिलाओं को ही करने पड़ते हैं न।हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा।                 अरे आप … Read more

आख़िर ऐसा क्या हुआ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुना तुमने पाखी के बड़े भैया उसे लेने आए हैं… अचानक से कैसे जा रही है किसी को कुछ बताया भी नहीं और पाखी भी देखो कैसे मुँह लटकाए जाने के लिए हड़बड़ी कर रही है… पता नहीं क्या बात हुई है जो एग्ज़ाम से कुछ दिन पहले उसे घर जाने की ज़रूरत पड़ … Read more

वाह री साहित्यसेवा !! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरे यह तो मेरी कहानी है यहां कैसे छप गई इस पर तो किसी और ही लेखक का नाम लिखा है !! मतलब चुरा लिया कोई!!ऐसा भी होता है क्या..!!. आश्चर्य और गुस्से से उफनते हुए मैंने तुरंत मेरी रचना  खुद के नाम से प्रकाशित करने वाले चोर प्रकाशक से संपर्क किया। आपको शर्म नही … Read more

दाल में काला होना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

इंसान की फितरत होती है कि व्यक्ति गरीब होता है,तो सब उसकी गरीबी का मजाक उड़ाते हैं और अगर गरीब व्यक्ति के पास पैसे आ जाएँ, उसे संशय की दृष्टि से भी देखते हैं।यही हाल नमन के परिवार का है।कल तक तो नमन के घर में दो वक्त का चूल्हा मुश्किल से जलता था, वहीं … Read more

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