बुढ़ापा कष्टकारी ना देना भगवन् -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ कै हई…?”फोन पर नित्या और उसके बेटे को देखते हुए उसकी नानी ने अपनी बेटी से पूछा  “ प्रणाम नानी… तुम्हारी निति और ये तुम्हारा परनाती देखो।” कहते हुए नित्या अपने बेटे कुशाग्र को नानी को देख कर प्रणाम करने बोली  “ आहहा निति कैसी है मेरी बच्ची…. नानी की याद नहीं आती जो … Read more

मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है.. मैं कितनी बार तुम्हें समझाती हूँ किसी भी रिश्ते को कस कर मत बाँधो….तुम्हें कभी मेरी बात समझ नहीं आई….आज तुम एक छोटी सी बात पर अपने सबसे अच्छे दोस्त को खो दोगी….रिनी कब बड़ी होगी तुम????अभी भी वक्त है बेटा….सुब्बु से बात कर … Read more

बुढ़ापा सबको आना है – संगीता अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

“चलो मेरी स्वीटहार्ट आपको अपनी बाइक की सैर कराता हूँ ”  ” चल शैतान.. इस उमर मे मैं क्या करूँगी बाइक पर बैठ तू अपनी असली स्वीटहार्ट को बैठा “ “अरे मेरी स्वीटहार्ट तो आप हो… मेरा पहला प्यार ….मेरा सब कुछ … मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ मेरी जान “! ” चल बेशर्म … Read more

चुराना समय का – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi

 निशिकांत,क्या यार इस उम्र में भी बच्चो के साथ कहीं भी घूमने चले जाते हो?क्या ये अच्छा लगता है?       क्या करे सुशांत, बेटा जिद करता है तो चला जाता हूँ।मैं अपनी तरफ से तो कहता नही।     पर तुम मना तो कर सकते हो।जवान बच्चे हैं, नैनीताल जा रहे हैं,उनके साथ तुम भी लटक लिये।भई साफ … Read more

उदारता (भाग – 2 ) – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

(15 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित मेरी कहानी उदारता का आज यानि 25 अप्रैल 2024 पुनः प्रकाशन हुआ है,कुछ पाठकों की प्रतिक्रिया थी कि कहानी का अंत अधूरा सा है,कहानी के नायक की अधोगति दिखाई जानी चाहिये थी,सो उसी कहानी का यह दूसरा भाग प्रस्तुत है।)     दूसरी प्रेमिका रीमा से शादी करने के लिये तलाक लेने … Read more

अमरजीत के पांच रुपए- नेकराम: Moral Stories in Hindi

अमरजीत अपने परिवार के साथ शहर में रहता है पिता रिक्शा चलाते हैं किराए का एक छोटा सा कमरा है अमरजीत 12 वीं कक्षा पास कर चुका था ,,,, आगे की पढ़ाई के लिए वह पिता पर अधिक बोंझ नहीं डालना चाहता था इसलिए उसने शहर में नौकरी करने का मन बना लिया था — … Read more

आ अब लौट चलें- नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi

  ट्रेन किसी पुल से गुजर रही थी।खिड़की के बाहर नदी के नाम पर दूर तक एक रेतीला मैदान भर था।पटरियों से गूंजते खट-पट के स्वरों के मध्य पुल के गुजरते खंबे ही अहसास करा रहे थे कि ट्रेन किसी नदी से गुजर रही है ।पिछली बार जब वह घर से विद्रोह करके गई थी तब … Read more

बस यही एक पल है – कल किसने देखा है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

हर साल गर्मी की छुट्टियों में हम बच्चों के साथ कहीं ना कहीं घूमने जाते थे और इस बार  हमने शिमला जाने का प्लान बनाया।  शिमला का नाम आते ही मुझे याद आया कि वहां मेरी कॉलेज की बेस्ट फ्रेंड सुहानी भी रहती है।  मैंने अपने पति से कहा,  “हम शिमला जाएंगे तो  तो मैं … Read more

गैरों पे रहम-अपनों पे सितम – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“अम्मा! क्या हुआ क्यों मुँह फुलाए बैठी हो? संजय ने ऑफिस से आकर शीला जी से पूछा!  “कुछ नहीं बस सब ठीक है” अम्मा ने बेटे के सामने बेबस सा होने का दिखावा किया!  संजय”कुछ तो है मुझे तो बताओ ना! मधु ने कुछ कहा है क्या?” अम्मा ने साड़ी का पल्ला मुँह पर रख … Read more

बुज़ुर्ग उम्र के मोहताज नहीं !- प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रिटायरमेंट के बाद रमाकांत जी अपने बेटे सूरज के पास मुंबई रहने चले गए। पत्नी रमा की मृत्यु चार साल पहले हो गयी थी।  बेटी पायल की दो महीने पहले शादी करके अपनी सारी जिम्मेदारियों से निवृत हो चुके हैं। रिटायरमेंट की पार्टी के बाद बहू सीमा और सूरज कहने लगे कि अकेले कैसे रहेंगे … Read more

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