समय चक्र – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

शीतल का मन आज बहुत व्यथित हो गया था सुबह से हीं.. पति ने बताया आशुतोष भाई नही रहे.. शीतल चालीस साल पहले बीते वक्त के आगोश मे डूब गई.. बाबूजी दो भाई थे.. बाबूजी बड़े थे और चाचा छोटे.. मेरे जन्म के बाद बहुत मन्नत और झाड़ फूंक के बाद भी मेरा कोई भाई … Read more

एक स्त्री की चाह “आत्मसम्मान”- संध्या सिन्हा  : Moral stories in hindi

रसोई का सारा काम निपटा कर विभा अपने बेडरूम में आयी तो देखा वैभव बड़े आराम से सो रहे थे लेकिन तकिया नीचे गिरी हुई थी। उसने एक प्यार भरी निगाह ड़ालते हुए तकिया बेड़ पर रख कर शावर लेने चली गयी। लौट कर आयी तो वैभव को कोई किताब पढ़ते हुए देख चौंक गयी। … Read more

माँ को दर्द हुआ तो समझ आया सास का दर्द – आराधना सेन : Moral stories in hindi

“हाँ माँ आज कैसी हो तबियत ठीक हैं न “हाँ रे ठीक हुँ छूटकि क्या कर रही हैं गोलू स्कूल गया हैं। हां माँ तभी तो घर मे शान्ति हैं वरना आपसे बात हो पाती क्या उधम मचाये रखता हैं पुरे घर मे दोनो मिलकर। हां रे भैया भी बोलता हैं सोनू की भी आजकल … Read more

आती हूं… – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

“सोहा… सोहा… 6:30 हो गए… उठो… उठो ना…” अमित ने धीरे से सोहा की बांह हिला कर सोए सोए ही कहा….! ” क्या 6:30 हो गए… अलार्म नहीं बजी क्या…!” ” पता नहीं… मेरी भी अभी ही आंख खुली.… फोन देखा तो 6:30 हो गए थे…!” ” अरे अमित अच्छा किया आपने उठा दिया… आज … Read more

मंशा –   संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

     हे गंगा मैया ….मेरी गोद भर दो… न जाने आपकी क्या मंशा है… मंशा.. वाह ..मिल गया नाम.. मैं सोच ही रही थी… यदि गंगा मैया मेरी मनौती पूरी कर , मेरा गोद भर देंगी तो मैं नाम क्या रखूंगी …? अब देखिए ना गंगा मैया…. मेरी माँ ने भी आपसे मनौती मांग मुझे पाया… … Read more

अब मान भी जाओ – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

दीपक!आओ बेटा,बड़े अच्छे वक्त पर आए हो,चाय ही बना रही थी मैं,सुधा देवी ने प्यार से कहा। नहीं आंटी, मै पी के ही चला था,फिर कभी…वो संकोच करता बोला। मुझे मां समान मानता है न तू,फिर ये संकोच कैसा?सुधा देवी ने जबरदस्ती उसे चाय पकड़ा दी। लो इसकी पसंद के मिर्च के पकोड़े भी दो … Read more

हरि बाबू – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अभी हाल ही में बोर्ड परिक्षायें चल रही थी तो मेरी भी ड्यूटी लगी थी….. आठ ड्यूटी सकुशल सम्पन्न हो चुकी थी… हालांकि कुर्सी पर बैठने की मनाही होती है पेपर में…..पर जब पैर हार ज़ाते थे तो मेज का ही सहारा ले य़ा कुर्सी पर दो चार मिनट बैठ ही लेती थी….. जैसा कि … Read more

कढ़ाई वाला ब्लाउज – हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

देख मां.. मैं तेरे लिए हाट  में से कितना सुंदर, कढ़ाई वाला और सुंदर-सुंदर लटकन वाला ब्लाउज का कपड़ा लाई हूं, अब तू भी इसमें से अच्छा सा ब्लाउज सिलवाना जैसी बाकी सारी औरतें पहनती है, वैसा वाला! हट पगली.. अब मेरी कोई उम्र है ऐसे ब्लाउज पहनने की, और ऐसा नए जमाने का ब्लाउज … Read more

अपनों में दीवार कौन? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ मुझे जरा भी समझ नहीं आता ये रूहानी और मम्मी जी जब तब कुछ खुसुर फुसुर करती रहती है साथ ही कहेंगी धीरे बोलो दीवारों के भी कान होते हैं… बताओ भला इस घर में हम चार लोग ही तो है तो कौन उनकी बात सुन लेगा… मैं?… क्या मैं उनकी या इस … Read more

जीने का मकसद – वीणा कुमारी : Moral stories in hindi

बनारस स्टेशन के एक कोने में बैठ पार्वती काकी ज़ार ज़ार रोए जा रही थी कि तभी पवन की नजर उन पर पड़ी। वह पास जाकर पूछा– क्या हुआ काकी,क्यों इतना रोए जा रहे हो? कुछ खो गया का? रोते रोते ही काकी ने कहा – सब कुछ तो खो ही गया है बिटवा। जब … Read more

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