दूसरा मौक़ा – रश्मि प्रकाश   Moral stories in hindi

 वह बत्तीस वर्ष की एक जिंदादिल महिला थी .. पति तो शादी के एक साल बाद ही गुजर गए। ससुराल वालों ने भी मुंह मोड़ लिया था। मायके में माता पिता का साथ मिल रहा था पर कहते हैं ना जब पति ना हो तो बहुत कुछ बदल जाता है .. उसकी जिन्दगी में भी … Read more

अब तुम सम्भाल लोगी बहू….. – सिन्नी पांडेय  Moral stories in hindi

विभा जी एक कुशल गृहिणी थीं और एक सख्त मिज़ाज महिला । यह कहना गलत न होगा कि घर में उनकी ही चलती थी । पति हरीश जी घर गृहस्थी की बातों में ज़्यादा दखलंदाजी नहीं करते थे और बेटी श्रेया की शादी हो चुकी थी । भगवान की कृपा से वो अपने ससुराल में … Read more

मायका माँ बाप के बाद भाभी से होता है – संगीता अग्रवाल  Moral stories in hindi

” तुम्हे जरा तमीज नही है खाना बनाने की बाकी काम को सहायिका है बस एक खाना बनाना होता है तुम्हे वो भी तुमसे नही होता …बस सारा दिन आराम चाहिए तुम्हे !” नलिन गुस्से मे अपनी पत्नी कोमल पर चिल्ला रहा था। ” ऐसा नही है नलिन खाना बनाने के अलावा भी बहुत काम … Read more

मेरा बेटा मुझसे दूर हो ये मैं होने नहीं दूंगी !! – सविता गोयल Moral stories in hindi

” क्या बात है बहू, आज बड़ी जल्दी जल्दी हाथ चल रहे हैं। ,, अपनी बहू यामिनी जिसकी शादी को अभी दो महीना ही हुआ था उसे आज रात के खाने की तैयारी शाम को ही करते देख सावित्री जी ने आश्चर्य से पूछा। ” वो मम्मी जी,….  इनका फोन आया था कि आज शाम … Read more

बेटी के ससुराल में मां का हस्तक्षेप- हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

और मम्मी क्या बताऊं आपको… मेरी सासू मां अपनी बेटी के लिए न जाने क्या-क्या करती रहती हैं, इनका तो बस नहीं चलता नहीं तो पूरा घर ही उनके नाम कर दे! अभी परसों दीदी (नंद)के यहां जलवे का फंक्शन है, और मम्मी जी ने उनके लिए ढाई लाख के कंगन बनवाए गए हैं, जब … Read more

हृदयपरिवर्तन – डाॅ उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

  मौसम के बदलाव का रुख भांपने में किसी न किसी को महारत हासिल रहता है और स्त्रियों को अपने घर-गृहस्थी में मेहमानों का आवागमन… शायद ही आनंदित करता हो।   नाक पर गुस्सा लिये मीता की बड़बड़ाहट चालू थी, “अब फिर वे लोग आने वाले हैं… खुद तो मौजमस्ती करेंगे… शामत आयेगी हमारी!” “कौन आ रहा … Read more

औकात – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“सुनिए जी, त्योहार का समय है, सोच रही हूॅं बच्चों के लिए कुछ कपड़े ले आया जाए।” माधवी फलियां छीलती हुई अपने पति अभय से कहती है। “क्यों, बच्चों के पास कपड़े नहीं हैं क्या।” अभय समाचारपत्र मोड़ कर रखते हुए तुनक कर कहता है। हाॅं हैं, लेकिन त्योहार पर तो नए कपड़े लेने ही … Read more

तेरी औकात है क्या..! – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” नहीं नरेश…तुम्हारे पिता हमारी शादी के लिये कतई तैयार नहीं होंगे।तुम लोग इतने पैसे वाले हो..मिल के मालिक हो…और मैं एक अनाथ…।” नरेश के हाथ से अपना हाथ छुड़ाती हुई नीलू बोली।    ” नहीं नीलू…मेरे पिता ऐसे नहीं है।हमारे घर में ऊँच-नीच का कोई भेदभाव नहीं है।हम भी तो…।” कहते- कहते नरेश रुक गया। … Read more

बेटी के घर जाकर रहने का पाप नहीं होगा – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

“ मम्मा.. ये दादी माँ अपना सामान पैक कर कहाँ जा रही हैं…?” अद्दू ने निशिता से पूछा तो वो चौंक गई. जल्दी से कलछी छोड़ सासु माँ के कमरे की ओर भागी. “ आप बिना बताए कहाँ जा रही हैं माँ…. ?” निशिता ने पूछा. “ बहू मुझे राशि के पास जाना है… अब … Read more

नई सुबह – करुणा मलिक   : Moral stories in hindi

गायत्री का मन बेचैन हो रहा था । फ़ोन रखने के बाद ग़ुस्से के साथ दुख इतना हुआ कि वे जी भर कर रोईं पर उसके बाद भी रह-रहकर आँखें छलछला उठती थी । उन्होंने अपने मन को समझाने की भरसक कोशिश की लेकिन मन मानने को तैयार ही नहीं था कि  उनका सुशांत अपनी … Read more

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