भरोसे का खून – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

सुबह सुबह पाँच बजे दरवाज़े की घंटी बजते ही रचिता आँखें मलते हुए उठी और दरवाज़े की तरफ़ बढ़ गई साथ ही साथ बुदबुदाती भी जा रही थी इतनी सुबह सुबह कौन आ सकता है….? दरवाज़ा खोलते ही देखती है सामने पड़ोस में काम करने वाला लखना परेशान सा खड़ा है  “दीदी जी  जल्दी घर … Read more

मेरे दुख किसके ..!! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

ललिता अपने कमरे मै उदास बैठी थी !सोच रही थी की क्या कभी कोई उसके भी दर्द को समझेगा पूरी जिंदगी अपने कर्तव्य निभाने मैं ही निकल गई ! ललिता जब शादी हो कर आई तो उसकी उम्र अठारह साल थी !और उस कम उम्र मैं पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधो पर आ गई … Read more

औकात – कमलेश राणा : Moral stories in hindi

आज जब स्नेहा कॉलेज पहुंची तो हर नज़र उसका मुआयना कर रही थी ऐसा लग रहा था मानो सब उसे देखने और उससे मिलने के लिए बेकरार थे। उसने अपने दिमाग पर बहुत जोर डाला पर उसे ऐसा कोई कारण नज़र नहीं आया जिसके लिए आज वह बहुत खास बन गई थी वह प्रश्नात्मक नज़रों … Read more

यादों की पोटली – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

कई वर्षों पश्चात मामा के गाँव आना हुआ। मेरे बचपन का ज्यादा हिस्सा इसी गाँव में बीता है। यहाँ का ताल-तलैया, बडा़ सा… कुमुदिनी कमल ककडी़ …बडी़ छोटी मछलियों से भरा हुआ तालाब… उसमें छलांग लगाकर घंटों अपने हम उम्र बच्चों के साथ जल क्रीड़ा करना… आम महुआ जामुन लीची बेर करौंदे  गुल्लर के बागीचे … Read more

जिंदगी सुख कम और दुख ज्यादा देती है – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

आज संजय की मृत्यु हो गई थी वहां से आकर मन बहुत उदास था । संजय मेरे पति के दोस्त थे बहुत ज्यादा प्रगाढ़ता थी आपस में बिल्कुल घर जैसे संबंध थे हम दोनों के परिवार में। हमारी और संजय की शादी भी साथ साथ चार महीने के अंतर पर हुई थी । दोनों के … Read more

खुशियों की तलाश! – पूर्णिमा सोनी : Moral stories in hindi

विन्नी  सीढियां चढ़ते हुए ऊपर पहुंची और धीरे से दरवाजे को धक्का दिया, दरवाजा खुला हुआ था अरे आओ.. कब आई पता ही नहीं चला, सरिता जी ने कहा हां, नीचे वाला दरवाजा खुला देखकर मैं समझ गई थी कि आप घर पर ही हैं… विन्नी ने सोफे पर बैठते हुए कहा आज मोलू और … Read more

अधिकार – सरिता गुप्ता : Moral stories in hindi

पिताजी की तेरहवीं को अभी सप्ताह भी नहीं हुआ था कि दोनों भाइयों में प्रापर्टी को लेकर तू तू मैं मैं शुरू हो गई थी । लावण्या को यह देखकर बहुत दुख हुआ कि माता-पिता सारी जिंदगी बेटों के लिए ही मरते रहते हैं। बस उनकी ही परवाह करते हैं । बेटों की चाह करते … Read more

तुम हो मेरी पहचान – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral stories in hindi

रिद्धिमा  किसी से फोन पर बात कर रही थी।बात करते हुए ही वह रो पड़ी। उसे समझ में नहीं आ रहा था किबं वह क्या करे क्या ना करे…!!!  बड़ी मुश्किल से उसने अपने आप को संभाला।  बेटी मेघा दूसरे कमरे में पढ़ रही थी। उसने बड़े मुश्किल से अपने भावनाओं को कंट्रोल में रखकर … Read more

प्यार बोझ नहीं बनेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

पूर्णिमा की चांदनी… पूरे आकाश पर फैली हुई थी… हल्की-हल्की ठंडी हवा के झोंके… साथ में मस्त चांदनी… राधिका खिड़की खोले बस निहारे जा रही थी… वह जैसे खो सी गई थी… हजार द्वंदों से उलझे हुए मन पर… जैसे यह चांदनी रात की ठंडी हवा अमृत वर्षा कर रही हो… कहीं दूर से हरि … Read more

“हाय मैं शरम से लाल हो गई। – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के फार्म हाउस में बड़ी बेटी की शादी हो रही थी। बाराती फ्रांस के पेरिस से आये थे। बेटी की सहेलियां भी देश विदेश से आईं थीं। हमारा परिवार और आत्मीय जन भी इस शादी में शरीक होने आये थे। विदेशी थे इसलिए इस शादी के रीति-रिवाजों में बहुत ही दिलचस्पी ले रहे थे। … Read more

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