ऐसी थी दादी अम्मा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

अरे मनीषा इन कमजलीयों के  लिए क्या जरुरत थी नये कपडे लाने की पुराने ही धोकर  पहना देती। मेरे राजा बेटे के लिए एक ही जोडी लाई उसके एक-दो जोडी और ले आती।  यह सुनकर मनीषा जी का मन आहत हो गया। दीवाली जैसे त्यौहार पर भी कोई अपने बच्चों को कोसता है क्या । … Read more

बाबू का फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

   बाबू गर ये चार महीने की बच्ची न होती ना,कसम भगवान की आज तुम मुझे जिंदा न देखते।वैसे भी मैं तो अंदर से मर ही गयी हूँ।       ऐसा क्यों बोल रही हो शब्बो?बताओ तो हुआ क्या है? किसी ने कुछ कहा है?          खेती मजदूर बाबू अपनी पत्नी शब्बो और पिता धीरू के साथ मुजफ्फरनगर के … Read more

इम्तिहान ही तो है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नालायक.. यह सिला दिया तूने पूरे साल भर की मेहनत का… हम तो आज तक यह सोचते रहे कि तू कमरा बंद करके अपनी पढ़ाई कर रहा है, और तू हमारी आंखों में धूल झोंक रहा था! यह देख तेरे नंबर… दसवीं बोर्ड में 65% आए हैं, कैसे करेगा अपने डॉक्टर बनने का सपना पूरा, … Read more

रंगो की आड़ में.. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“ भाभी रसोई से निकलो और बाहर चलो ना… देखो सब रंग खेलने आए हुए हैं आप बाहर नहीं जाएगी तो वो रसोई में आ जाएँगे फिर माँ नाराज़ अलग होगी और हमारी मेहनत डबल… प्लीज़ भाभी चलो ना..।” अपनी भाभी कौशांबी से मनुहार करती तृप्ति कहे जा रही थी  “ आप देख रही है … Read more

गुनाह – बीना शर्मा: Moral stories in hindi

सरला बार-बार घड़ी की तरफ देख रही थी उसके पति के खाने का टाइम हो गया था परंतु ,फिर भी अपनी बहू मधु की वजह से सरला का रसोई में जाने को मन नहीं कर रहा था वह जब भी अपने बीमार पति के लिए रसोई में खाना बनाने जाती तो मधु उसे देख कर … Read more

गुलाल – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    स्व.विद्यासागर जी का परिवार अपने नगर में प्रतिष्ठित माना जाता था।उनके दो बेटे थे महेंद्र बड़े और सुरेंद्र छोटे।विद्यासागर जी का अपना अच्छा भला व्यापारिक साम्राज्य उनके अंतिम दिनों में ही ध्वस्त हो गया था।बुढ़ापे में स्वयं संभाल नही सकते थे और बेटो की रुचि व्यापार में थी नही।बेबस से विद्यासागर जी दुनिया से यूँ … Read more

बेरंग से रिश्तों में रंग भरने का समय आ गया है – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

राजीव को मुंबई में किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी मिल जाने से गायत्री उसकी मां बहुत खुश थी,बस उनका यही मलाल था कि शादी करके मुंबई जाता तो मै भी निश्चित हो जाती,कौन जाने मुंबई जैसी महानगरी में जाने पर तेरा दिल किसी हीरोइन पर आजाय,और में यहां बैठी तेरे शादी के सपने बुनती रह … Read more

मां की सीख – एक बेटी को : Moral stories in hindi

संजय जी की कोठी  रोशनी में नहाई जगमगा रही थी। कोठी से लेकर लान तक रोशनी की सजावट की गई थी। आज उनके बेटे शैलेश की शादी का रिसेप्शन  जो था। मेहमानों की आवाजाही लगी थी। चूंकि संजय जी अच्छी बड़ी पोस्ट पर कार्यरत थे सो कुछ संभ्रांत व्यक्ति भी वहां उपस्थित थे। स्टेज पर … Read more

धिक्कार है तुम्हें…. – विभा गुप्ता: Moral stories in hindi

” नंदू..अब तू मुझे पकड़….।” ” नहीं..नंदू…पहले मुझे..।”          ‘आनंदी विला ‘ के हाॅल में दीवार से लगे दीवान पर पारसनाथ बैठे अखबार पढ़ रहें थें।पास बैठा हरिया उनके पैर दबा रहा था। बगीचे में अपने बेटों रवि-प्रकाश के साथ हरिया के बेटे नंदू को खेलते देख पारसनाथ बोले,” हरिया…तू नंदू की तनिक भी फ़िक्र न करना..रवि-प्रकाश … Read more

जिंदगी हसीन है – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

“जिंदगी की यही रीत है हार के बाद ही जीत है” दूर कहीं बज रहे इस गाने के बोल मानो राजीव की ही दास्तां बयां कर रहे थे।…आज एक अरसे बाद सुबह की लालिमा, नीला आसमां और पक्षियों की कूक से राजीव के दिल में एक हूक सी उठी और उसने अपना चेहरा सामने लगे … Read more

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