बारिश का इश्क (अंतिम भाग – 11 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

मैं कॉलेज के कामों में व्यस्त होने लगी, घर पर भी मेरा दिन कामों में उलझा बीतता। कान में बिन बजे ही फोन की घंटी की आवाज ही सुनाई देने लगी थी और इस तरह से एक सप्ताह बीतने को आया था। इस दौरान मुझे संगीता के लिए अजीब सी झुंझलाहट महसूस होने लगी। उनके … Read more

महत्व और समर्पण – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    अरे भागवान, नौकर है तो, मेरा सब कुछ करता तो है,फिर क्यूँ मेरे पास ही बैठी रहती हो?मेरा क्या है,मैं तो बुझता चिराग हूँ।      ऐसा क्यूँ बोलते हो,क्यूँ मेरा हक समाप्त करते हो?मेरे जीवन मे तो तुम ही हो,कैसे तुम्हे छोड़ दूं अकेले।           दोनो के विवाह को पचास वर्ष इसी माह पूरे होने वाले थे।उनका … Read more

मुसीबत – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

कल्पना अपने घर के पास ही के एक स्कूल में टीचर की नौकरी करती थी । कल्पना के पिता सूरज जी सरकारी दफ़्तर में क्लर्क की नौकरी करते थे । उनकी तीन बेटियाँ थीं । उमा बड़ी बेटी कल्पना दूसरी बेटी सबसे छोटी प्रियंका थी । उन्होंने तीन तीन लड़कियों के बावजूद अपनी लड़कियों को … Read more

सच्चाई – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कपिल जी ने अपनी बेटी का विवाह बड़े धूमधाम से किया। लेकिन विवाह के दो महीने पश्चात ही बेटी ससुराल छोड़कर मायके आ धमकी। दोनों पक्षों के बीच में वाद विवाद भी खूब हुए। कानूनी कार्रवाई कर कर फैसला कर लिया गया। अब कपिल जी अपनी बेटी के लिए किसी दूसरे अच्छे रिश्ते की तलाश … Read more

पता नहीं किस जमाने में जी रही है आप – प्रतिभा परांजपे : Moral stories in hindi

सुधा के बेटे के लिए अशोक वर्मा जी की बेटी सिमरन का रिश्ता आया। पढ़ी-लिखी ,देखने में सौम्य,सुंदर लगी  सिमरन । सारी जानकारी देख सुधा को अपने बेटे सुमित के लिए योग्य लगी । सुमित कुछ दिनों की छुट्टी पर आया था तो वह और सुमित दोनों सिमरन को देख आये। सुधा और सुमित ने … Read more

रिश्ते ऐसे भी होते हैं…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

पूरे दस साल बाद आज रीवा अपने शहर लौट रही थीं। कहाँ तो आख़िरी बार ये सोच कर निकली थी कि फिर यहाँ कभी कदम नहीं रखेंगी ….पर क्या पता था ….समय-चक्र एक बार फिर से उसे वहीं ला कर खड़ा कर देगा जहाँ से निकलने के लिए उसने खुद से कितनी लड़ाइयाँ लड़ी थी।  … Read more

ससुराल की अहमियत (भाग -2) – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

अर्चना जी ने सोचा था दोनों बहने एक ही घर में ब्याहकर आएंगी तो मिलकर रहेंगी और घर को स्वर्ग बना देंगी मगर वे कहां जानती थी कि दोनों सगी बहने मिलकर ससुराल वालो का जीना हराम कर देंगी !! सुधा और मंगला दोनों की शादी एक ही मंडप में एक ही दिन और एक … Read more

ससुराल की अहमियत (भाग 1) – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

बुढ़िया , तेरी हिम्मत कैसे हुई रोटी पर घी लगाकर खाने की ?? तेरे लिए दो सुखी रोटी जान बूझकर ही रखी हैं मैंने , रोटी के साथ दाल दे रही हुं , यह काफी नहीं हैं क्या तेरे लिए जो अब घी भी लगाकर खाएगी तु रोटी पर ?? बड़ी बहु सुधा अपनी सास … Read more

बदली अहमियत, तो बदला व्यवहार – रोनिता कुंडू: Moral stories in hindi

सलोनी..! अचार की बरनिया जरा उतार देना, शिव्या और ज्योति आ रही है… उन्होंने खास अचार की मांग की है.. शोभा जी ने अपनी बहू सलोनी से कहा सलोनी:  हां मम्मी जी आपके बनाए हुए अचार होते ही बड़े लाजवाब है.. पिछली बार जब मैं अपने मायके लेकर गई थी, मेरी भाभी ने भी कहा … Read more

अहमियत – वीणा सिंह: Moral stories in hindi

आज लंबे अंतराल के बाद राज से एक कांफ्रेंस के दौरान मिलना हुआ… सुखद आश्चर्य के साथ एक टीस सी दिल में उठी… उफ्फ……                             नर्सरी से हमारा साथ था… स्कूल कॉलेज में हम साथ साथ पढ़े. हम दोनो अपने विषय के टॉपर थे.. मुझे ज्यूडिशियरी में जाने की बहुत … Read more

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