पिघलते दायरे – माधुरी गुप्ता: Moral stories in hindi
पर्दे की झिरी में से आती हुई धूप जैसे ही नंदिनी के चेहरे पर पड़ी वह अचकचा कर उठ बैठी ,पलटकर देखा राजीव नींद मैं बे सुध सो रहे थे रात को देर हो जाने के कारण उसी सिल्क के कुर्ते में ही सो गये थे जो शादी केसमय पहना था। उठकर कमरे से कमरे … Read more