तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है! – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral stories in hindi

रीता और रोहन बचपन से बहुत अच्छे दोस्त थे। स्कूल से लेकर कॉलेज तक दोनों ने साथ-साथ पढ़ाई की। साथ ही साथ दोनों को एक ही ऑफिस में नौकरी भी मिल गई। स्कूल टाइम से ही एक अन्य लड़का  कमल था जो इनका अच्छा दोस्त था और एक लड़की माधवी। चारों को एक साथ कैंपस … Read more

मास्टरनी – अदिति महाजन : Moral stories in hindi

“वो देखो जा रही है मास्टरनी |” ये शब्द अनजाने में या जानबूझ कर बोले गए थे, परंतु संबंधित उसी से थे, यह वह जानती थी |   पेशे  से मास्टरनी तो नहीं थी वह परंतु गलत होता देख के उसको  रोकना, टोकने का साहस अवश्य था उसके  अंदर |  कभी दिन में चलती स्ट्रीट लाइट … Read more

सही फैसला – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

   अपने नीरस एक ढर्रे पर चलती जिंदगी से बेजार… शीलू बिना पति बेटे की जानकारी के घर से निकल पडी। एक बैग में कुछ कपड़े, पैसे लेकर… “कहाँ जायेगी क्या करेगी  …सबकुछ अनिश्चित “!    यह भी ख्याल नहीं रखा कि दस वर्षीय बेटा बिना मां के कैसे रहेगा… स्कूल जायेगा, अपना काम करेगा और सीधा … Read more

फैसला – पूनम अरोड़ा : Moral stories in hindi

तुषार लखनऊ से दिल्ली पढ़ने आया था । वहीं कालेज के पास रहने वाले शर्मा जी के ऊपरी फ्लोर के एक कमरे में रहने की व्यवस्था भी कर ली। मम्मी साथ आने को कह रही थी लेकिन उसने कहा , “मैं अब बड़ा हो गया हूं,सब हैंडल कर सकता हूं।कुछ दिन बाद वहां मेरे साथ … Read more

एक अहम फैसला –  हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

क्या चाहती हो तुम कि तुम्हारे बेटे को जेल हो जाए, …हर बात में बीच-बीच में तुम्हारा टांग अड़ाना जरूरी है क्या? जब मैं बात को अपने हिसाब से हैंडल कर रहा हूं तो क्या जरूरत है तुम्हें अपनी राय मशवरा देने की..? तुम बेवकूफ थी और बेवकूफी रहोगी, बजाए अपने बेटे का साथ देने … Read more

बस इतनी सी बात.. –   रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

आज अपने घर को बड़े ही करीने से सजाते हुए श्रिया अपने पुराने घर की यादों से इस घर को आजाद करने की भरसक कोशिश कर रही थी पर उस घर की यादों में बेटी की बात याद कर लग रहा था यहाँ आने का फैसला चाहे कितने को गलत लगा हो पर मेरी बेटी … Read more

मेरी ख़ुशी मेरा अधिकार –   माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

अजय ,विजय पूरे दो साल बाद अपने माँ बाप से मिलने मुंबई से आये थे।जब से दोनों भाइयों की नौकरी मुंबई में लगी थी,माँ बाप से मिलने का टाइम मिल ही नहीं पाता थ। रेबती व सुधाकर उनके मां बाप थेजो गांव में रहते थे। गाँव में अपनी ज़मीन थी,खेतीबाड़ी करके दोनों का गुज़ारा बहुत … Read more

गाल फुलाना –   मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

रोशनी थकी हारी नौकरी से शाम 7 बजे घर आयी …. आते ही अपनी 2 साल की बेटी को लेकर लेट गयी…. उसे दूध पिलाकर सुला ही रही थी कि उसकी भी नींद लग गयी… नींद आना भी वाजिफ  है भई सुबह 5 बजे उठती है रोशनी  … उठते ही बेटी के पास तकिया रखती … Read more

‘सिर्फ़ मेरा’ क्यों?-   विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

 ” देखो नंदा…तुम अपने भाई को एक रुपया भी नहीं दोगी।” शैलेश ने कड़े शब्दों में पत्नी से कहा तो वह बोली,” मैं आपसे तो माँग नहीं रही….अपनी सैलेरी से ही तो दे रही हूँ..।”    ” तुम्हारी सैलेरी क्या होती है…जब तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है तो तुम्हारी सैलेरी भी तो मेरी हुई ना….।” … Read more

मेरा अधिकार – सरोज माहेश्वरी : Moral stories in hindi

   रमन और शीतल जोर जोर से चिल्ला रहे थे.. शीतल कह रही थी मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रह सकती…. रमन बोला.. ऐसा क्या हुआ ? ऐसे क्यों कह रही हो? शीतल गुस्से में बोली… रहो तुम अपनी प्रेमिका के साथ जिसे रोज तुम अपनी गाड़ी में अगली सीट पर बैठाकर ले जाते हों… अरे … Read more

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