जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 1)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कभी अपने लिए  कुछ पल की चाहत  रखनेवाली निभा  को आज अकेलेपन ने अपनी बाँहों में कैद कर लिया है।कभी उसका घर सास-ससुर, देवर-ननद ,पति और बच्चों की  हँसी-ठिठोली से गूँज करता था,परन्तु आज वही दीवारें भी उसकी तरह गुमसुम पड़ी हैं।बेटी की शादी हो चुकी है,बेटा काॅलेज गया हुआ  … Read more

अब और नहीं (भाग 2) – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब तक आपने पढ़ा कि ज्योति अपने बैग उठाकर घर छोड़कर जाने लगती है और उसका पति देवेंद्र जो स्वयं को भाग्य विधाता समझता है वह उसे अपने घमंड के कारण रोकता भी नहीं है।  अब आगे  ज्योति अपने दोनों बैग लेकर निकल गई। घर से निकलते ही उसे पड़ोस … Read more

मायका – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in hindi

नई नवेली दुल्हन मानसी शादी के दो हफ्ते बाद अपने मायके रहने आई , वो मायका जहाँ उसने जिंदगी के पच्चीस साल बिताये , वो मायका जहाँ उसका बचपन बसता है । मानसी कुछ पल को रुक कर भरी आँखों से पूरा घर देखने लगी । सच मे बेटी के लिए कितना मुश्किल होता है … Read more

बसंत को जाने नहीं देंगे! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in hindi

रजिस्ट्रार ऑफिस से बाहर आते हुए शिखा, “दीप, आज हमारे प्यार को नाम मिल ही गया, अब हम एक दूसरे के साथ पूरी ज़िन्दगी बिताने की ओर बढ़ चले। विधाता ने हम‌ दोनों को एक-दूसरे के लिए ही बनाया है!” “शिखा, तुमने मेरा साथ पग-पग पर दिया, जब सभी  मुझे एक नाकारा अपाहिज समझ कर … Read more

समय का खेल निराला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in hindi

ये भाग्य वाग्य सब फालतू बातें हैं निकम्मों के बहाने हैं मैं नहीं मानता ये सब मैं तो खुद अपनी तकदीर का मालिक हूं … परिमल जी ने सिगार का कश लेते हुए थोड़े दर्प से कहा तो और तो किसी की हिम्मत नही हुई कुछ कहने की लेकिन उनकी पत्नी मधु जी रोक नही … Read more

तुम स्वयं भाग्यविधाता हो – विभा गुप्ता : Moral Stories in hindi

” देखो कल्याणी….तुम्हारी बेटी को जितना पढ़ना था…हम पढ़ा चुके हैं…अब वह चुपचाप ब्याह करके अपने ससुराल चली जाये, यही सबके लिए अच्छा रहेगा…।” ज्ञानेश्वर बाबू ने कड़े शब्दों में अपने छोटे भाई की पत्नी से कहा।    ” लेकिन जेठ जी….मेरी स्वाति पहले अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है…उसकी इच्छा है कि…।” सिर पर … Read more

सूझबूझ – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in hindi

सौम्या और राघव की शादी को चार वर्ष हो गए थे, किन्तु वे अभी तक संतान सुख से वंचित थे। अड़ोस-पड़ोस की महिलाएं उसकी सास शान्ति जी से पूछतीं बहू कब खुशखबरी सुना रही है ‌। शान्ति जी उदास हो कहतीं पता नहीं भाग्य में संतान सुख है भी या नहीं, कोई आसार ही नजर … Read more

भाग्य विधाता – माधुरी : Moral Stories in hindi

सुबह से रूपा का तीन बार फ़ोन आ चुका था।पिताजी प्लीज़ कुछ तो मदद कर दीजिए ,ताकि बिज़नेस को फिर से शुरू किया जा सके।।आप मदद नही करेंगे तो फिर कौन करेगा।मेरे परिवार पर इस समय बहुत बड़ी मुसीबत आन पड़ी है। सेठ जी ने झुंझलाकर सेठानी से कहा कि इसको कह दो यहाँ फ़ोन … Read more

हमारा भाग्य विधाता ऊपर वाला – सुषमा यादव : Moral Stories in hindi

शोभा अपनी बेटी निशा के एमबीबीएस करने के बाद एमडी की काउंसिलिंग के लिए कई जगह उसे लेकर जा रही थी। जहां जहां उसने फार्म भरा हुआ था।  निशा के पापा नहीं थे इसलिए मां ही उसे हर जगह ले जा रही थी।आल इंडिया काउंसलिंग के लिए मां बेटी नोएडा गईं थीं । वहां से … Read more

ये घर तुम्हारा भी है – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in hindi

जया घूंघट काढ़े ट्रेन में खिड़की के पास बैठी हुई थी… खिड़की के पास मुंह रखने से ज्यादा घूंघट लेने की जरूरत नहीं हो रही थी…. थोड़े में काम चल रहा था…. तभी नन्हा मिंटू दौड़ता हुआ खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया…” मामी मुझे बैठना खिड़की के पास… हटिए… हटिए…”  वह लिहाज के … Read more

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