बड़प्पन (भाग 2)- विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जब नेहा निखिल की पत्नी बन गई तो अपनी बहन को देवरानी बनाने का सुनीता की इच्छा पर पानी फिर गया।बस उसी बात का गुस्सा वह गाहे-बेगाहे नेहा को जलील करके निकालने लगी।कभी उसपर अपने पैसे का रौब दिखाती तो कभी घर के नौकरों के सामने उसे ‘ छोटे घर … Read more

बड़प्पन (भाग 1)- विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या नेहा….इतने दिनों में एक सैंडविच बनाना भी नहीं सीख पाई…।” कहते हुए सुनीता ने हाथ में लिया हुआ सैंडविच ज़मीन पर फेंक दिया।तभी उसकी एक सहेली व्यंग्य से बोली, ” इसके मायके में किसी ने ब्रेड देखा ही नहीं होगा..।” इतना सुनते ही ड्राइंग रूम में बैठी सुनीता … Read more

ये तो मेरा फर्ज था – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

आरोही सरकारी डॉक्टर बन चुकी थी ,अपने ही अस्पताल के डॉक्टर रोहित से आज उसकी सगाई हो गई थी और दो दिन बाद ही उसकी शादी है। सगाई का फंक्शन खत्म होने पर सभी मेहमानों को विदा करने के बाद वह जैसे ही अपने घर आते हैं आरोही अपने कमरे में जाकर अपनी मम्मी पापा … Read more

बहू ससुराल को करे तो अच्छी पर बेटा ससुराल को करता बुरा क्यों लगता… (भाग 1) – रश्मि प्रकाश 

“ देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है, पर ये भी तो समझो ना वो भी अब उसका ही परिवार है….. सरला अपने बच्चे पर भरोसा रखो….एकतो तुम्हारी वो बेकार सी सहेलियाँ जाने क्या पटी पढ़ा जाती तुम्हें और तुम बस चिन्ता में मरी जाती हो…. अरे अपने दिए संस्कार परभरोसा तो रखो…बेकार की चिंता कर … Read more

अधूरी प्रेम कहानी (भाग 1) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : बघेल सिंह अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। बघेल सिंह के पिता के पास सिर्फ 20 एकड़ जमीन थी । बघेल सिंह के तीन बहने भी थी सभी की शादी हो चुकी थी। सारे परिवार में सिर्फ बघेल सिंह ने हीं मैट्रिक की थी ।बघेल सिंह के चार बच्चे … Read more

एक बार फिर (भाग 44 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

राजशेखर वेड्स प्रिया हल्दी स्पेशल अगले दिन सुबह सब हल्दी की रस्म की तैयारियां कर रहे थे। दी दोनों बच्चों को तैयार करके प्रिया के पास आ गई। प्रिया को देख कर उनको गुस्सा आ गया। प्रिया तुम अभी तक तैयार नहीं हु‌ई हल्दी मेरी है या तुम्हारी???? आपको देख कर तो लग रहा है … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 42) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“ओह तुम तो डर ही गई। ऐसा क्या है इस डायरी में।” विनया के गोरा मुखड़े को पूर्णतः सफेद होते देख मनीष कहता है। नहीं कुछ नहीं, विनया के डायरी छीनने के प्रयास में डायरी मनीष के हाथ से छूट कर फिर से नीचे गिर गई। जब टीके विनया नीचे झुकती, मनीष झुक कर गिरने … Read more

अपूर्ण – संगीता त्रिपाठी : short story with moral

short story with moral : वो सभ्य समाज से बाहर, परिवार से बाहर था , लेकिन हौसलों का वो दिया था जिसके सामने तूफानों ने भी घुटने टेक दिया। कल तक उपहास का पात्र था तो आज अनुकरणीय और गर्व का पर्याय था । इंसान चाहे तो अपनी जगह खुद बना सकता है, ये कीर्ति … Read more

आपने भी तो सुना होगा..? – रोनिता कुंडु : short story with moral

short story with moral : अरे रंजन और बता कैसा चल रहा है सब..? सुना है तेरा इस बार भी प्रमोशन नहीं हुआ..? रंजन की बहन की शादी में उसके दोस्तों ने उससे कहा…  हां यार अब यह सब छोड़… शादी पर आया है तो ऑफिस की बात रहने दे और शादी इंजॉय कर, उधर … Read more

रिक्त स्थान (भाग 40) – गरिमा जैन

कातिल : आओ रूपा आओ, स्वागत है तुम्हारा मेरे आशियाने में, रूपा :  कहां कहां पर हूं मैं !!! यहां इतना अंधेरा क्यों है और इतनी ठंड !!!तुम मुझे कहां लेकर आए हो?? मैं कहां पर हूं?? तुम सामने क्यों नहीं आते?? कातिल :  हा हा हा ..तुम्हें पता है रूपा …तुम मेरे दिल के … Read more

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