अधूरी प्रेम कहानी (भाग 7) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : जनवरी के महीने में रवि की दूसरे सेमेस्टर की एडमिशन थी। इस बार सभी लड़कों ने हॉस्टल छोड़ दिया । मैस का खाना उन्हें पसंद नहीं था। उन्होंने बाहर प्रेम नगर कॉलोनी में 3 मकान किराए पर ले लिए । एक कमरे में  दो दो  लड़के रहने लगे । खाना … Read more

अधूरी प्रेम कहानी (भाग 6) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : रवि अपनी मां को बेहद प्यार करता था। उसकी मां ने बहुत कष्ट झेले थे। इसलिए रवि सारे पैसे मां को पकड़ा  देता।डेरी के पैसे , शहर वाले मकान का किराया और फसल के सारे पैसे रवि अपनी मां को ही देता था।मां से पैसे संभाले ना बने । 3 … Read more

अधूरी प्रेम कहानी (भाग 5) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : रवि की पिछली चार फसलें बहुत अधूरी प्रेम कहानी भाग अच्छी हुई थी।उसकी सख्त मेहनत रंग लाई। उसने अपने पिता द्वारा लिया काफी कर्ज वापस कर दिया था । इस बार गेहूं की फसल का झाड़ भी बहुत अच्छा हुआ था। उसने काफी गेहूं  बीज बनाकर ही भेज दिया था … Read more

अधूरी प्रेम कहानी (भाग 4) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : मई के महीने में रिजल्ट आया। रवि और सिमर अच्छे नंबरों में पास हुए। इस बार रवि की फसल भी बहुत अच्छी हुई थी ।गेहूं की फसल बहुत अच्छी हुई । उसने अच्छी किस्म की कपास बिजी जिसका बीज वह लुधियाना से लेकर आया था । अब खेतों में  कपास … Read more

अधूरी प्रेम कहानी (भाग 3) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : यूथ फेस्टिवल इसी कॉलेज में होना था। इसलिए बहुत सारा काम था । रवि और उसके दोस्तों ने सर की बहुत मदद की । रिहर्सल वाले दिनों में रवि सिमरन और मनजीत की आपस में अच्छी दोस्ती हो गई । यूथ फेस्टिवल शुरू हो गया था ।यूथ फेस्टिवल दो दिन … Read more

अधूरी प्रेम कहानी (भाग 2) – लखविंदर सिंह संधू : short story with moral

short story with moral : इस तरह 2 दिन बीत गए  स्ट्राइक के दौरान लंबे लंबे भाषण दिए जाते । स्टूडेंट यूनियन पर  कामरेडओं का कब्जा था। स्टूडेंट लीडर बात अमेरिका से शुरू करके रूस तक ले आते। लीडरों की भाषा आम विद्यार्थियों को समझ में नहीं आती थी बहुत बोरियत फील करते । यह … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 4)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : एनीवे… आप चाहें तो मैं अपने एक दोस्त का नंबर दे सकता हूँ जो एक मनोवैज्ञानिक है और आपकी उलझनों को लाॅजिकली साॅल्व करने में आपकी मदद करेगा। “ ” आपकी बातें कुछ हद तक सही हो सकती हैं डॉक्टर! बट, वो कार्ड… ये पता… यह कैसे संभव है? “ … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 3)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ‘शेखर.. कहाँ चले गए तुम अचानक ‘… सुरभि चिल्ला उठी। पागलों की भांति दौड़ दौड़ के चारों तरफ़ खोजने लगी…. पर दूर दूर तक शेखर का कहीं नामोनिशान नहीं था…। थक हार कर सुरभि वापस घर चली आयी। वह बहुत असमंजस में थी कि शेखर अचानक बिना बताए कहाँ चला … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 2)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुरभि के पिता खुशी से इतने उतावले थे कि वे उसी वक़्त सुरभि के पास पहुँच कर उसे सरप्राइज देना चाहते थे। वे सुरभि की माँ के साथ खुद ही कार ड्राइव कर चल पड़े। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था… एक तीखे मोड़ पर उन्होनें संतुलन खो … Read more

वो अब भी है दिल में! ! (भाग 1)- गीता चौबे “गूँज” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :‘ शीतल मंद सुरभि बह बाउ…’ तुलसीदास जी की इस पंक्ति को सुरभि के लब गुनगुना रहे थे जिसे वह साक्षात आत्मसात कर रही थी। बड़ा ही सुहावना मौसम था। सुंदर सुवासित समीर मंद गति से बह रहा था मानो हौले – हौले किसी महबूब की भांति सुरभि के बदन को … Read more

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