“संस्कारों की गठरी” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi
जैसे ही वह कमरे से निकली माँ ने एक झनाटेदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया। वह अचानक से पड़े इस थप्पड़ से सहम गई । माँ जी आप ….आपने मुझे थप्पड़ क्यूँ…? “मर्यादा में रहो समझी तुम!” “चलो जाओ अपने कमरे में संस्कारहीन कहीं की “ माँ के गुस्से को देखते हुए सलोनी चुपचाप … Read more