इल्ज़ाम :~ रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका … Read more

रिश्ते, एक मज़ाक

   ” ओह कौन है? मेरी आंखें किसने बंद की हैं? बताओ न? देखो मेरी आंखें दर्द करने लगीं” ” अरे रीता…. तुम कब आईं ससुराल से… बता.. कैसी है    ” ओह कौन है? मेरी आंखें किसने बंद की हैं? बताओ न? देखो मेरी आंखें दर्द करने लगीं” जल्दी बताओ!! ” अरे रीता…. तुम कब आईं … Read more

कलंक – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज नयना जार जार रोए जा रही थी और उस दिन को कोस रही थी जब वह अपनी ननद के घर गई थी ।नन्द के बहू को छः साल बाद बच्चा हुआं था उसका दसटोन का कार्य क्रम था ।बड़ा हंसी खुशी का माहौल था खूब बड़ी पार्टी रखी थी … Read more

इल्ज़ाम :~ सही या ग़लत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका नाम कला था  “ हाँ … Read more

आखिर कब तक – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बस बहुत हो गया ,मेरे भी बर्दाश्त की एक सीमा है! तुम सब मेरी अच्छाइयों का नाजायज फायदा उठा रहे हो! मैं भी इंसान हूं कोई मशीन नहीं! मैं भी थक जाती हूं !आखिर कब तक सहन करूं ?आप सभी लोग मुझसे सिर्फ अपने मतलब और स्वार्थ के लिए रिश्ता … Read more

 इमोशनल फूल – संगीता त्रिपाठी

ट्रिंग ट्रिंग…. फोन की घंटी बजी.. गिन्नी ने फोन उठाया, “हेलो गिन्नी क्या कर रहे तुम लोग “     “कुछ नहीं भैया… नाश्ता कर रहे..”गिन्नी ब्रेड चबाते बोली..।     “अरे वाह मै भी आ रहा आंटी के हाथ का बना ब्रेकफास्ट करने… वैसे आंटी ने आज क्या बनाया है ब्रेकफास्ट में…”निखिल ने पूछा।    “आइये भैया… मै तो … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं… : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया … Read more

यह अन्याय है – सुभद्रा प्रसाद

 ” नीला, मैं जरा सेठ  जी से मिलकर आ रहा हूँ |तबतक तुम कमरे की सफाई ठीक से कर लो और देख लो खाना बनाने के लिए क्या-क्या सामान चाहिए |”अपनी पत्नी से कहते हुए रामू कमरे से बाहर निकल कर हवेली की ओर चल पड़ा | रामू चल तो पडा़, पर उसके कदम न … Read more

मेरे साथ अन्याय क्यों? – अनीता चेची : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नीरज और नेहा एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे, और शादी करना चाहते थे। परंतु दोनों के घरवाले उनकी शादी के खिलाफ थे इसलिए दोनों ने घर से भाग कर शादी कर ली। दोनों ने शादी तो कर ली परंतु गृहस्थी चलाने के लिए ना तो पैसे थे और … Read more

नया रंग – माता प्रसाद दुबे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : होली का त्यौहार रंगों की तरह ही रंगीला होता है। अपने पराए का कोई भेदभाव नहीं होता है। फिर भी अपनों के बीच होली का आनंद ही अलग होता है। बस की खिड़की के पास बैठा हुआ प्रकाश कुछ ऐसा ही सोच रहा था। बीते वर्ष की होली में वह … Read more

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